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नागरिकता विरोध में कमलनाथ का शांति मार्च

ByNI Desk,
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नागरिकता विरोध में कमलनाथ का शांति मार्च
भोपाल। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली में राजघाट पर कांग्रेस के शांति प्रदर्शन के बाद मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बुधवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस ने शांति मार्च निकाला। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसका नेतृत्व किया। गौरतलब है कि कमलनाथ राजघाट पर हुए शांति प्रदर्शन में भी शामिल हुए थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इसमें हिस्सा लिया था। सोमवार को हुए इस प्रदर्शन के दो दिन बाद बुधवार को भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर जनसभा हुई। पैदल मार्च रंगमहल चौराहे से शुरू होकर मिंटो हॉल में गांधी प्रतिमा के सामने पहुंच कर खत्म हुआ। इसमें हजारों की संख्या में लोग गांधी टोपी पहन कर और हाथों में तिरंगा लेकर शामिल हुए। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा है कि सरकार देश के नागरिकों को आपस में लड़वाना बंद करे। रैली के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा- आज जो एनआरसी और सीएए लाया गया है, यह संविधान पर हमला करने वाला कानून है। सवाल ये नहीं है कि इसमें क्या लिखा है, सवाल ये है कि इसमें क्या नहीं लिखा है। जो नहीं लिखा है, वह इसके दुरुपयोग के दरवाजे खोलता है। उन्होंने कहा- आज अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है, रोजगार नहीं है, किसान परेशान हैं। इस पर संसद में कोई बहस नहीं। जनता का ध्यान मोड़ने के लिए जो राजनीति बीजेपी ने की है वो साफ नजर आ रही है। कमलनाथ ने कहा- उन्होंने शांतिपूर्ण मार्च किया है क्योंकि पूरे देश मे संदेश देना चाहते हैं कि किस प्रकार आने वाली पीढ़ी को बरबाद किया जाएगा। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा- नागरिकता का मुद्दा एक अलग चीज है, जिस तरह उनका छिपा हुआ एजेंडा है, उससे सावधान रहना चाहिए। कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी ने कहा- प्रधानमंत्री आज बड़े बहुमत से जीते हों लेकिन एक दिन नहीं रहोगे। आज मैं जीवित हूं कल नहीं रहूंगा, लेकिन देश रहेगा, इसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है।  
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