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शिवराज फिर बने मुख्यमंत्री

ByNI Desk,
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शिवराज फिर बने मुख्यमंत्री
भोपाल। शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं। सोमवार को रात नौ बजे उन्हें राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। राज्यपाल लालजी टंडन ने उनको पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। वे रिकार्ड चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। इससे पहले वे 2005 से लेकर 2018 तक लगातार 13 साल मुख्यमंत्री रहे थे। उस दौरान उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। अर्जुन सिंह और श्यामा चरण शुक्ल भी तीन बार मुख्यमंत्री बने हैं। शिवराज चौथी बार मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता बन गए हैं। सोमवार की देर शाम शपथ लेने के बाद शिवराज ने कहा- यह समय उत्सव का नहीं है, हमें कोरोना से लड़ना है। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना वायरस की शृंखला को तोड़ने के लिए हर उपाय करेगी। शपथ के तुरंत बाद वे अपने कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों के साथ बैठक की। इससे पहले भाजपा के विधायकों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना। उनके नेता चुने जाने से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव ने नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। राज्य में कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद शिवराज चौहान के साथ साथ नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा के नाम की भी चर्चा थी। बताया जा रहा है कि भाजपा आलाकमान ने सोमवार की सुबह शिवराज सिंह चौहान के नाम पर मुहर लगाई। उससे पहले रविवार को बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौहान से बात की थी। फिर सोमवार को अमित शाह के साथ नेताओं की बैठक हुई, जिसमें चौहान के नाम पर मुहर लगी। बहरहाल, कोरोना वायरस की वजह से उनको बहुमत साबित करने के लिए कुछ समय मिल सकता है। भाजपा के पास इस समय 106 विधायक हैं, जो जरूरी बहुमत से दो ज्यादा हैं। इस समय सदन में सदस्यों की संख्या 206 है। मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं। दो विधायकों के निधन के बाद दो सीटें पहले से खाली हैं। सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 विधायकों के कांग्रेस से और विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद अब विधायकों की संख्या 206 रह गई है। इस समय कुल 24 सीटें अब खाली हैं। इन पर छह महीने में उप चुनाव होने हैं।
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