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बिना विपक्ष के लेबर कोड बिल पास

ByNI Desk,
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बिना विपक्ष के लेबर कोड बिल पास
नई दिल्ली। कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को तो केंद्र सरकार ने विपक्ष के हंगामे के बीच ध्वनि मत से पास कराया था परंतु मजदूरों से जुड़े तीन विधेयक सरकार ने विपक्ष की गैरहाजिरी में ही राज्यसभा से पास करा लिया है। लोकसभा में एक दिन पहले मंगलवार को इस विधेयक को पास किया गया था। वहां भी विपक्ष गैरहाजिर था। इस तरह से तीन लेबर कोड बिल को अब संसद की मंजूरी मिल गई है और राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद ये कानून बन जाएंगे। इन तीन विधेयकों के पास होने के बाद सत्र अनिश्चितकाल तक स्थगित हो गया। मजदूरों के नाम से बने इन विधेयकों के जरिए कंपनियों को कई तरह की सुविधाएं दी गई हैं। अब अधिकतम तीन सौ कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को हटाने की अनुमति होगी। राज्यसभा ने बुधवार को उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा विधेयक 2020, औद्योगिक संबंध विधेयक 2020 और सामाजिक सुरक्षा विधेयक 2020 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। राज्यसभा के आठ विपक्षी सांसदों के निलंबन के विरोध में कांग्रेस सहित विपक्ष के ज्यादातर सदस्यों ने सदन की कार्रवाई का बहिष्कार किया है। सो, विपक्ष की गैरहाजिरी में यह विधेयक पास हुआ। लोकसभा ने इन तीनों विधेयकों को मंगलवार को पारित किया था और अब इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने तीनों श्रम सुधार विधेयकों पर एक साथ हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा- श्रम सुधारों का मकसद बदले हुए कारोबारी माहौल के अनुकूल पारदर्शी प्रणाली तैयार करना है। श्रम मंत्री ने बताया कि 16 राज्यों ने पहले ही अधिकतम तीन सौ कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की अनुमति के बिना फर्म को बंद करने और छंटनी करने की इजाजत दे दी है। गंगवार ने कहा कि रोजगार सृजन के लिए यह उचित नहीं है कि इस सीमा को एक सौ कर्मचारियों तक बनाए रखा जाए, क्योंकि इससे नियोक्ता अधिक कर्मचारियों की भर्ती से कतराने लगते हैं और वे जान बूझकर अपने कर्मचारियों की संख्या को कम स्तर पर बनाए रखते हैं। उन्होंने सदन को बताया कि इस सीमा को बढ़ाने से रोजगार बढ़ेगा और नियोक्ताओं को नौकरी देने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। श्रम मंत्री ने कहा कि ये विधेयक कर्मचारियों के हितों की रक्षा करेंगे और भविष्य निधि संगठन व कर्मचारी राज्य निगम के दायरे में विस्तार करके श्रमिकों को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेंगे। गौरतलब है कि सरकार ने 29 से अधिक श्रम कानूनों को चार विधेयकों में मिला दिया था और उनमें से एक विधेयक पहले ही पारित हो चुका है।
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