नई दिल्ली। पिछले महीने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्विटर एकाउंट बंद करने वाली अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने भारत ने अभिव्यक्ति की आजादी का पक्ष लिया। उसने केंद्र सरकार की ओर से दिए गए आदेश को आंख मूंद पर सौ फीसदी मानने से इनकार कर दिया है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने तीखी आपत्ति जताई है। असल में सरकार ने ट्विटर से 1,178 एकाउंट्स को हटाने को कहा था।
सरकार ने कहा था कि ये ट्विटर हैंडल्स पाकिस्तान समर्थित, खालिस्तान समर्थकों के और विदेशों से ऑपरेट किए जा रहे थे और किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक और भड़काऊ सामग्री फैला रहे थे। ट्विटर ने बुधवार को सरकार से कहा कि उसके आदेश, भारतीय कानूनों के अनुरूप नहीं हैं और वो कुछ अकाउंट्स को पूरी तरह हटाने की बजाय भारत में उसका एक्सेस खत्म कर सकता है। ट्विटर ने पांच सौ एकाउंट्स के साथ ऐसा किया भी है।
ट्विटर ने एक ब्लॉग लिखा है, जिसमें उसने बताया है कि सरकार की ओर से किए अनुरोध के मामले में उसने क्या-क्या किया है। लेकिन साथ ही उसने अभिव्यक्ति और ओपन इंटरनेट की वकालत करते हुए यह भी कहा है कि दुनिया भर में बहुत सी जगहों पर इन पर खतरा मंडरा रहा है। सरकार ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि जब ट्विटर के अधिकारियों की सरकार के साथ मीटिंग होने वाली थी उससे पहले उसने ब्लॉग पोस्ट क्यों लिखा।
सरकार और ट्विटर के बीच चल रही इस तकरार के बीच सरकारी सूत्रों ने बताया है कि सरकार ने ट्विटर से स्थानीय कानूनों का पालन करने को कहा है, वरन कार्रवाई की चेतावनी दी है। इससे पहले ट्विटर ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा- ब्लॉक किए जाने के लिए चिन्हित एकाउंट्स को हमने भारत में अपने ‘कंट्री विदहेल्ड कंटेंट पॉलिसी’ के तहत भारत में हटा लिया है, लेकिन ये एकाउंट भारत के बाहर चलते रहेंगे।
ब्लॉग में आगे कहा गया है- हमें नहीं लगता कि जो एक्शन लेने के हमें निर्देश मिले हैं, वो भारतीय कानूनों के अनुरूप हैं, और वाक व अभिव्यक्ति की आजादी को सुरक्षा देने की हमारी प्रतिबद्धता का पालन करते हुए हमने किसी भी न्यूज मीडिया संस्थान, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता या नेता के एकाउंट के खिलाफ एक्शन नहीं लिया है। ऐसा करके हम भारतीय कानूनों के तहत मिले उनकी अभिव्यक्ति के मूलभूत अधिकार पर रोक लगा रहे होंगे।
दूसरी ओर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने स्वदेशी माइक्रोब्लॉगिंग साइट कू पर पोस्ट किए एक ब्लॉग में कहा है- ट्विटर ने सरकार के साथ बातचीत का अनुरोध किया था। आइटी सचिव ट्विटर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने वाले थे। ऐसे में बैठक से पहले ट्विटर द्वारा ब्लॉग पोस्ट किया जाना असामान्य है। मंत्रालय ने कहा है कि सरकार जल्दी ही अपना जवाब देगी। गौरतलब है कि कू भी ट्विटर की तरह माइक्रोब्लॉगिंग साइट है और उसे ट्विटर का विकल्प माना जा रहा है।
अभिव्यक्ति की आजादी के पक्ष में ट्विटर
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