नई दिल्ली। भारतीय सेना में महिलाओं को बराबरी का हक अब एक महीने की देरी से मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के फैसले को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को एक महीने का समय दिया है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से छह महीने का वक्त मांगा था।
रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि फैसला लागू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, सिर्फ औपचारिक आदेश जारी करना बाकी है। गौरतलब है कि 17 साल की कानूनी लड़ाई के बाद इस साल फरवरी में थल सेना में महिलाओं को बराबरी का हक मिलने का रास्ता साफ हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि उन सभी महिला अफसरों को तीन महीने के अंदर सेना में स्थायी कमीशन दिया जाए, जो इस विकल्प को चुनना चाहती हैं।
सर्वोच्च अदालत के फैसले से पहले सेना में 14 साल तक शॉर्ट सर्विस कमीशन में सेवा दे चुके पुरुषों को ही स्थायी कमीशन का विकल्प मिल रहा था। वायु सेना और नौसेना में महिला अफसरों को स्थायी कमीशन मिल रहा है। जिन सेवाओं में महिलाओं को स्थायी कमीशन मिलता है। वहां वे लेफ्टिनेंट जनरल की पोस्ट तक भी पहुंची हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महिलाएं सेना प्रमुख भी बन सकेंगी।