नई दिल्ली। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देश भर में लागू लॉकडाउन के बीच अनेक कंपनियां और यहां तक की राजनीतिक दल भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आपस में बात करने और मीटिंग्स के लिए जूम एप का इस्तेमाल कर रही हैं। सरकार ने इसके इस्तेमाल को लेकर लोगों को सावधान किया है। यह एक फ्री वीडियो कांफ्रेंसिंग एप है। लेकिन, अब यह खबर आ रही हैं कि इसका इस्तेमाल सुरक्षित नहीं है। बताया जा रहा है कि इस एप के जरिए पर्सनल डाटा आसानी से चोरी किया जा सकता है। वीडियो कॉलिंग भी हैक की जा सकती है।
गुरुवार को गृह मंत्रालय ने इस एप के इस्तेमाल को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। कहा गया है कि यह एप सुरक्षित नहीं है। इससे कोई भी सरकारी मीटिंग नहीं की जाएगी, इसका इस्तेमाल कोई ना करे। भारत में साइबर सिक्योरिटी की नोडल एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम, सीईआरटीएन ने जूम का इस्तेमाल करने वाले भारतीयों को चेतावनी जारी की थी।
जूम ऐप एंड टू एंड इंक्रिप्टेड नहीं है। एंड टू एंड इनक्रिप्टेड का मतलब यह है कि इसमें मैसेज भेजने वाला और पाने वाला ही मैसेज पढ़ सकता है। जूम में ऐसा नहीं है। इसे आसानी से हैक किया जा सकता है। इसका कनेक्शन चीन से होने की वजह से भी इसे लेकर दुनिया के अनेक देश चेतावनी दे रहे हैं।
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