Bell Bottom सच्ची घटनाओं से प्रेरित है। असीम अरोड़ा और परवेज शेख की लिखी फिल्म को रंजीत तिवारी ने पर्दे पर उतारा है। रॉ एजेंट के रूप में अक्षय बेल बॉटम में जमे हैं।
बैलबॉटम विमान हाईजैक से जुड़ी ऐसी कहानी है, जिसने दर्शकों को किंचित बांधकर रखा है। बेल बॉटम में 200 से ज्यादा यात्रियों से भरा विमान हाईजैक कर लाहौर ले जाने और छुड़ाने की कहानी है।
अक्षय ने रॉ एजेंट की बेबी और नाम शबाना वाली फिल्म की अपनी छवि को यहां पर मजबूती से पेश किया है। फिल्म विमान हाईजैक के साथ मां-बेटे का संबंध और पति-पत्नी का प्रेम भी दिखाती है।
शुरूआत में फिल्म ढीली है। अंग्रेजी, हिंदी, फ्रेंच, जर्मन भाषाएं जानने वाला तेज याददाश्त वाला अंशुल मल्होत्रा जब रॉ के तेज-तर्रार एजेंट अवतार लेता है तो मूवी की रफ्तार बदल जाती है।
यशराज फिल्म्स में जिंदगी के छह कीमती साल खराब करने वाली वानी कपूर पहली बार उस कैंप से बाहर आईं और उन्हें फायदा मिला है। वानी का किरदार छोटा है, लेकिन छाप छोड़ता है।
मूवी में पाकिस्तान का विमान अपहरण के मामलों में दोगली छवि उजागर करती बेलबॉटम में रॉ प्रमुख के नाते आदिल हुसैन ने भी अपनी छाप छोड़ी है।