ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम

भारतीय हॉकी टीम 21 ओलंपिक खेली है। इनमें आठ गोल्ड, एक रजत और तीन कांस्य पदक जीती है।

स्वर्णिम इतिहास 

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1928 एम्सटर्डम | गोल्ड मैडल

1928 में भारत को हॉकी में पहला गोल्ड मैडल मिला। कप्तान थे जयपालसिंह मुंडा। भारत ने पूरे टूर्नामेंट में 26 गोल किए और इनमें से 14 मेजर ध्यानचंद ने किए थे। कोई भी टीम भारत पर गोल नहीं कर पाई।

1932 लास एंजलिस | गोल्ड 

1932 में दूसरा स्वर्णपदक जिताने वाली टीम के कप्तान थे लाल शाह बुखारी। यूएसए को 24—1 से ऐतिहासिक रूप से हराने वाले मैच में कप्तान रूपसिंह बैंस ने 10 गोल किए थे और उनके बड़े भाई मेजर ध्यानचंद ने 8।

1936 बर्लिन | गोल्ड 

1936 का ओलंपिक ध्यानचंद के नेतृत्व में हॉकी का स्वर्णिम ओलंपिक था। फाइनल में बुरी तरह घायल हुए ध्यानचंद ने जर्मनी को 8—1 से हराया था। पहला गोल रूपसिंह ने किया। दूसरे हाफ में भारत ने गोलों की झड़ी लगा दी थी।

लंदन ओलंपिक 1948

आजाद भारत का पहला ओलंपिक सफर भी सोने के तमगे के साथ शुरू हुआ। यहां कप्तान थे किशनलाल। हॉकी के शानदार खेल ने भारत को खेल जगत में प्रतिष्ठा दी।

हेलसिंकी 1952 GOLD

कुंवर दिग्विजयसिंह उर्फ केडी बाबू के नेतृत्व में भारत ने हॉकी में लगातार पांचवां ओलंपिक गोल्ड हेलसिंकी में जीता। फाइनल में बलबीरसिंह sr के पांच गोल का रिकार्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है।

मेलबर्न    1956   GOLD

भारत का लगातार छठा गोल्ड आस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हुए ओलंपिक में आया। यहां बलबीरसिंह सीनियर टीम के कप्तान थे।

रोम          1960    Silver

भारत का ओलंपिक का स्वर्णिम सफर यहां थमा और उसे फाइनल में पाकिस्तान से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। कप्तान थे लेस्ली क्लाउडियस।

टोक्यो        1964   Gold

टोक्यो में भारत ने एक बार फिर से अपना खोया गौरव पाया और 1964 के ओलंपिक फाइनल में पाकिस्तान को हराते हुए गोल्ड जीता।  कप्तान थे चरणजीतसिंह।

मैक्सिको 1968 Bronze

1968 के मैक्सिको ओलंपिक में भारत सेमीफाइनल में ही हार गया। टीम के दो कप्तान थे गुरुबक्शसिंह और पृथ्वीपालसिंह। यही वजह रही कि देश को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। यहां से भारतीय हॉकी कभी अपना मुकाम वापस नहीं पा सकी।

म्युनिख   1972 Bronze

कप्तान हरमीक सिंह थे। भारतीय टीम कांस्य पदक ही जीत सकी।

मंट्रियल    1976          7th

48 साल में पहली बार इस ओलंपिक में ऐसा हुआ कि भारत हॉकी में कोई पदक नहीं जीता। कप्तान थे अजीतपालसिंह। भारत सातवें स्थान पर रहा।

मॉस्को    1980    GOLD

हॉकी अब टर्फ पर खेली जा रही थी। रूस विवाद के चलते आधे से अधिक देशों ने शिरकत नहीं की। लिहाजा कमजोर टीमों के सामने खेले भारत ने हॉकी का आखिरी गोल्ड जीता। कप्तान थे वासुदेव भास्करन।

लॉस एं​जिल्स 1984  5th

जफर इकबाल के नेतृत्व में गई भारतीय टीम क्वार्टरफाइनल में हार गई और पांचवें स्थान पर रही।

सियोल       1988      6th

सियोल ओलंपिक्स में एम.एम. सौमय्या की कप्तानी में गई भारतीय फील्ड हॉकी टीम छठे स्थान पर रही।

बार्सिलोना   1992     7th

बार्सिलोना ओलंपिक में कप्तान परगट सिंह थे, लेकिन टीम सातवें स्थान पर रही।

अटलांटा     1996    8th

लगातार दूसरी बार ओलंपिक में कप्तानी परगटसिंह ने की, लेकिन टीम एक और स्थान नीचे यानि आठवें नम्बर पर आ गई।

सिडनी        1996    7th

सिडनी ओलंपिक में भारतीय टीम सातवें स्थान पर रही। कप्तान थे रमनदीपसिंह।

एथेंस    2004    7th

एथेंस ओलंपिक में हॉकी टीम के कप्तान उड़ीसा के खिलाड़ी दिलीप तिर्की थे। भारत ने अपना सातवां स्थान कायम रखा।

लंदन      2008       12th

2008 के लंदन ओलंपिक में भारत का सबसे घटिया प्रदर्शन रहा और वह 12वें स्थान पर रहा। यहां कप्तान थे गोलकीपर भरत छेत्री।

बीजिंग       2012        00

चीन ओलंपिक से पहले ही भारतीय टीम का प्रदर्शन इतना घटिया रहा कि उसका चयन ही ओलंपिक के लिए नहीं हुआ।

रियो        2016       8th

रियो में हुए ओलंपिक में कप्तान भारत के गोलकीपर पीआर श्रीजेश थे, लेकिन भारत आठवें स्थान पर रहा।

टोक्यो    2020  Bronze

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीतकर भारतीय हॉकी को अपने इतिहास को पुनर्जीवित करने का मौका दिया है। यहां कप्तान मनप्रीतसिंह हैं।

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