इस्लामिक कैलेंडर हिजरी के अनुसार मोहर्रम महीना साल का पहला महीना है। हिजरी के अनुसार 9 अगस्त को इस्लामिक न्यू ईयर था। मोहर्रम माह की शुरुआत 9 अगस्त से हो गई थी, जो 7 सितंबर तक चलेगा।
मोहर्रम महीने के अशूरा के दिन पैंगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन सहित 72 साथियों ने कर्बला के मैदान में शहादत दी थी।
गम का महीना
मोहर्रम महीने में शिया समुदाय के बहुत सारे लोग पूरे महीने काले कपड़े पहनते हैं। इसके अलावा इमाम की याद में मजलिस किया जाता हैं। जिसमें सभी इमाम हुसैन के याद करके गम जाहिर करते हैं।
काले कपड़े
हुसैन की शहादत
मोहर्रम महीने के दसवें दिन यानि अशूरा के दिन पैंगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन ने इस्लाम और मानवता के लिए अपनी शहादत दी थी।
मोहर्रम महीने में मुसलमान 9वें और 10वें दिन रोज़ा रखते हैं। यह रोज़ा इमाम हुसैन की कुर्बानी की याद में रखा जाता हैं।
कुर्बानी की याद में रोज़ा
मोहर्रम महीने में पड़ने वाले अशूरा के दिन काले कपड़े पहनकर इमाम हुसैन की याद में मातम मनाते हैं। यह मातम उनके द्वारा लड़ाई संघर्ष को दर्शाता है।
लड़ाई संघर्ष
याद में गम जाहिर
अशूरा के दिन इमाम हुसैन की याद में ताजिया निकाला जाता है। जिसे पूरे नगर में घूमाकर एक जगह ठंडा किया जाता है.