पराग अग्रवाल के Twitter के CEO बनने के पीछे कड़ा संघर्ष

कहा जाता है यदि कोई इंसान संघर्ष करता है तो उसे निश्चित तौर पर सफलता पर मिलती है. आज भारत के लिए ये बड़ा दिन है क्यों कि ट्विटर के नए सीईओ पराग अग्रवाल को बनाया गया है.

अजमेर के इस सरकारी जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में जन्म लेने वाले पराग या उसके परिवार में से शायद ही किसी ने ये सोचा होगा कि वे एक दिन इतनी बड़े पद पर काबिज होंगे. 

पराग के जन्म के समय पिता रामगोपाल अग्रवाल मुंबई में बीएमआरसी में कार्यरत थे. उस समय उनके माता-पिता यानी पराग के दादा-दादी अजमेर के धान मंडी क्षेत्र में किराये के मकान में रहते थे.

यही कारण है कि अग्रवाल ने पत्नी को अपने माता-पिता के पास अजमेर भेज दिया था. पराग के पिता ने डिलीवरी के लिए अपनी पत्नी को जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाया. 

आप खुद समझ सकते हैं कि उस समय पराग के पिता रामगोपाल अग्रवाल की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे मुंबई के किसी प्राइवेट अस्पताल में पत्नी की डिलीवरी करवाएं. 

पराग ने आज ना सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि अजमेर का नाम भी दुनिया भर में रौशन कर दिया है. पराग के CEO बनने के बाद अग्रवाल समाज अजमेर के अध्यक्ष ने भी खुशी जाहिर की.

समाज के अध्यक्ष शैलेंद्र अग्रवाल और महासचिव प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि पराग के माता-पिता रामगोपाल अग्रवाल और शशि अग्रवाल 4 दिसंबर को अजमेर आने वाले हैं.

बता दें कि पराग अग्रवाल IIT Mumbai में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में Btech की पढ़ाई की है. इसके बाद पराग स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की. 

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