Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

शारीरिक और मानसिक संतुलन के लिए करें ‘भारद्वाजासन’

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्वस्थ और फिट रहना बेहद जरूरी है। तनाव, अनियमित दिनचर्या और अस्वास्थ्यकर खानपान के कारण हमारा शरीर और मन दोनों प्रभावित होते हैं। ऐसे में योग एक ऐसा उपाय है, जो हमें शारीरिक और मानसिक रूप से संतुलित रख सकता है। आज हम बात करेंगे ‘भारद्वाजासन’, एक प्राचीन योगासन, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। यह आसन न केवल शरीर को लचीला बनाता है, बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है।

भारद्वाजासन पूरे शरीर को सक्रिय रखता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह आसन वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित करता है, खासकर यह पाचन तंत्र और तनाव से संबंधित समस्याओं में ज्यादा कारगर रहता है। यह योगासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है और शरीर में ऊर्जा का संचार करता है।

Also Read : अब पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष को सुलझाएंगे ट्रंप!

इस आसन में तकरीबन 30 से 40 सेकंड तक रहने के साथ शुरुआत की जा सकती है। आप अपनी क्षमता के अनुसार भी अपना समय निर्धारित कर सकते हैं। आसन के दौरान गहरी सांस लेते रहें। इसे सुबह या शाम खाली पेट करना सबसे अच्छा होता है। इस योगासन को किसी ट्रेनर की देखरेख में करना चाहिए।

नियमित तौर पर भारद्वाजासन योगासन करने से रीढ़ और कंधों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह पेट की गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत देता है। साथ ही, तनाव और चिंता को भी कम करने में भी यह कारगर है।

यह मन को शांत करता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है। ऋषियों का मानना था कि यह आसन प्राण, वायु और मन को संतुलित करता है, जिससे जीवन में सकारात्मकता आती है।

भारद्वाजासन एक शक्तिशाली योगासन है, जो शरीर और मन को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप न केवल शारीरिक रूप से फिट रह सकते हैं, बल्कि मानसिक शांति और स्थिरता भी प्राप्त कर सकते हैं। गर्भवती महिलाओं, रीढ़ की गंभीर समस्या वाले लोगों या हाल ही में सर्जरी करवाने वालों को इसे करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसे जल्दबाजी में न करें, बल्कि धीरे-धीरे और सावधानी से अभ्यास करें।

Pic Credit : ANI

Exit mobile version