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इसरो के ‘शुक्र ऑर्बिटर मिशन’ में शामिल हुआ स्वीडन

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नई दिल्ली। स्वीडन आधिकारिक तौर पर इसरो के शुक्र ऑर्बिटर मिशन (BOM) में शामिल हो गया है। पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस मिशन को मंजूरी दी थी। स्वीडिश इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस फिजिक्स (IRF) कथित तौर पर इसरो को वीनसियन न्यूट्रल्स एनालाइजर इंस्ट्रूमेंट (BNA) प्रदान करेगा।

यह एक हल्का, लो-पावर वाला लेकिन अत्यधिक सक्षम ऊर्जावान न्यूट्रल एटम (ENA) विश्लेषक है। वीएनए सूर्य और शुक्र के वायुमंडल एवं बहिर्मंडल से आने वाले चार्ज्ड पार्टिकल्स के बीच परस्पर क्रिया की स्टडी करेगा। कैबिनेट विज्ञप्ति के अनुसार, वीओएम मिशन को मार्च 2028 में प्रक्षेपित किए जाने की उम्मीद है।

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यह मिशन शुक्र के वायुमंडल, भूविज्ञान को जानने में मदद करेगा और इसके घने वायुमंडल की जांच करते हुए बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक डाटा इक्ट्ठा करेगा। कैबिनेट ने ‘वीओएम के लिए 1,236 करोड़ रुपये के फंड को भी मंजूरी दी है, जिसमें से 824 करोड़ रुपये अंतरिक्ष यान पर खर्च किए जाएंगे। आईआरएफ 2004-2014 तक यूरोपीय स्पेस एजेंसी के शुक्र एक्सप्रेस मिशन पर प्लाज्मा पैकेज का मुख्य इन्वेस्टिगेटर था।

वीओएम मिशन स्वीडन का दूसरा शुक्र एक्सप्लोरेशन होगा। स्वीडन 1986 से भारत का स्पेस पार्टनर रहा है। इसने चंद्रयान मिशन 1, 2 और 3 में भी इसरो के साथ पार्टनरशिप की थी। इसका का लक्ष्य चंद्रयान-4 और भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गंगायान के साथ भी साझेदारी करना है। शुक्र ग्रह पृथ्वी के सबसे निकट का ग्रह है और माना जाता है कि इसका निर्माण पृथ्वी जैसी ही परिस्थितियों में हुआ है।

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