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इन्फोसिस को ₹32,403 करोड़ का जीएसटी नोटिस

इन्फोसिस

Image Credit: Goodreturns

जीएसटी अधिकारियों ने 2017 से शुरू होने वाले पांच वर्षों के लिए कंपनी द्वारा अपनी विदेशी शाखाओं से ली गई सेवाओं के लिए इन्फोसिस को ₹32,403 करोड़ का नोटिस भेजा है।

इन्फोसिस ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई फाइलिंग में इस नोटिस को ‘प्री-शो कॉज’ नोटिस बताया और कहा कि उसका मानना ​​है कि इन खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं है।

इंफोसिस पर जीएसटी की भारी मांग: ₹32,403 करोड़ का प्री-शो कॉज नोटिस

बेंगलुरु मुख्यालय वाली आईटी फर्म ने कहा कि कर्नाटक राज्य जीएसटी अधिकारियों ने इन्फोसिस लिमिटेड के विदेशी शाखा कार्यालयों द्वारा किए गए खर्चों के लिए जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के लिए ₹32,403 करोड़ के जीएसटी के भुगतान के लिए प्री-शो कॉज नोटिस जारी किया है और कहा कि कंपनी ने प्री-शो कॉज नोटिस का जवाब दिया है।

फाइलिंग में कहा गया है, कंपनी को इसी मामले पर जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशक से प्री-शो कॉज नोटिस भी मिला है और कंपनी इसका जवाब देने की प्रक्रिया में है। और कंपनी का मानना ​​हैं की नियमों के अनुसार ऐसे खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं होता।

इंफोसिस ने तर्क दिया कि जीएसटी भुगतान आईटी सेवाओं के निर्यात के खिलाफ क्रेडिट या रिफंड के लिए पात्र हैं।

कंपनी ने तर्क दिया, इंफोसिस ने अपने सभी जीएसटी बकाया का भुगतान कर दिया है और इस मामले में केंद्र और राज्य के नियमों का पूरी तरह से अनुपालन कर रही है।

रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी अधिकारियों द्वारा इंफोसिस को भेजे गए दस्तावेज़ में कहा गया हैं की विदेशी शाखा कार्यालयों से आपूर्ति प्राप्त करने के बदले में कंपनी ने विदेशी शाखा व्यय के रूप में शाखा कार्यालयों को प्रतिफल का भुगतान किया हैं। इसलिए, मेसर्स इंफोसिस लिमिटेड, बेंगलुरु 2017-18 (जुलाई 2017 से) से 2021-22 की अवधि के लिए भारत के बाहर स्थित शाखाओं से प्राप्त आपूर्ति पर और रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत ₹32,403.46 करोड़ की राशि का आईजीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं।

कंपनी का दावा: जीएसटी नियमों का पालन और सभी बकाया का भुगतान

बेंगलुरु में जीएसटी खुफिया महानिदेशालय का मानना ​​है कि इंफोसिस ने सेवाओं के प्राप्तकर्ता के रूप में सेवाओं के आयात पर एकीकृत-जीएसटी (आईजीएसटी) का भुगतान नहीं किया।

इसमें आरोप लगाया गया है कि इंफोसिस ने भारत के बाहर शाखा कार्यालय स्थापित किए और इन पर होने वाले खर्च को अपने निर्यात चालान के हिस्से के रूप में शामिल किया।

यह मांग – ₹32,403 करोड़ की चौंका देने वाली – इंफोसिस के एक साल के लाभ से भी अधिक है। जून तिमाही में इंफोसिस का शुद्ध लाभ साल-दर-साल 7.1% बढ़कर ₹6,368 करोड़ हो गया और परिचालन से राजस्व ₹39,315 करोड़ रहा, जो एक साल पहले की तुलना में 3.6% अधिक है।

इंफोसिस माल व सेवा कर नेटवर्क पोर्टल का प्रबंधन करती हैं। और साथ ही 2015 में इंफोसिस को माल व सेवा कर के लिए प्रौद्योगिकी मंच बनाने के लिए ₹1,380 करोड़ का अनुबंध भी मिला था।

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