GST

  • विपक्षी मुख्यमंत्रियों को ममता से सीखना चाहिए

    ममता बनर्जी एकमात्र मुख्यमंत्री हैं, जो लगातार यह सवाल उठा रही हैं कि वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी में कटौती का श्रेय अकेले केंद्र सरकार कैसे ले रही है? उन्होंने सोमवार को दुर्गापूजा पंडालों का उद्घाटन करने के बाद कोलकाता में इस बात को दोहराया कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री इसका अकेले श्रेय ले रहे हैं, जबकि जीएसटी में कटौती करने या स्लैब कम करने का फैसला राज्यों ने केंद्र के साथ मिल कर किया था और इसका सबसे बड़ा नुकसान राज्यों को होने वाला है। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने जरूर यह बात उठाई...

  • आँकड़े “पकाने” से फूला है जीडीपी गुब्बारा!

    भारत ने 2015 से जीडीपी (GDP) के आँकड़े “पकाने” शुरू किए और लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर तक उन्हें फुला दिया। जबकि नोटबंदी एक आर्थिक आपदा थी। ... 2019 में अरविंद सुब्रमणियन, जो भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं, ने कहा था कि 2015 में आँकड़ों की पद्धति बदलने से 2011–17 के बीच विकास दर सालाना 2.5 प्रतिशत अंक तक बढ़ाकर दिखाई गई। नया बेस ईयर 2004–05 की जगह 2011–12 कर दिया गया और कॉरपोरेट फाइलिंग जैसे नए स्रोतों को शामिल किया गया। दिल्ली के भीड़-भाड़ वाले बाज़ारों से लेकर बेंगलुरु के चमकते आईटी हब तक कहीं भी खड़े...

  • जीएसटी 2.0 से स्वास्थ्य सेवाएं हुईं सस्ती

    मेडिकल डिवाइस और फार्मा इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स ने सोमवार को जीएसटी 2.0 के तहत रिवाइज्ड टैक्स रेट्स के लागू होने की सराहना की। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे हेल्थकेयर पहले के मुकाबले सस्ता होगा और आसानी से उपलब्ध होगा। इस महीने की शुरुआत में जीएसटी काउंसिल ने मेडिकल डिवाइस पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री ने जीएसटी सुधार को एक स्वस्थ, मजबूत और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया। पोस्ट में कहा गया मेडिकल...

  • नया गुड्स एंड सर्विस टैक्स सिस्टम लागू, लगभग 370 उत्पादों के घटे दाम

    भारत का नया गुड्स एंड सर्विस टैक्स सिस्टम सोमवार से लागू हो गया। जीएसटी सुधार से रोजमर्रा की  जरूरी चीजें और लाइफ सेविंग मेडिसिन सहित लगभग 370 प्रोडक्ट पर टैक्स कम हो गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि इस बदलाव का मकसद उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का निवेश करना है। अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (यूटीएच) दूध, प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड छेना/पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती/रोटी जैसी ब्रेड सहित 50 से अधिक आइटम अब जीरो टैक्स कैटेगरी में आ चुके हैं। कैंसर और दुर्लभ बीमारियों जैसी स्थितियों के लिए 33 जरूरी...

  • जीएसटी सुधार से मध्यम वर्ग को बड़ी राहत, स्कूल किट से लेकर अन्य जरूरी उत्पाद सस्ते हुए

    जीएसटी सुधारों से मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिली है। इससे कई जरूरी और गैर-जरूरी उत्पादों के दाम कम हो गए हैं। इसमें फूड, ऑटोमोबाइल्स, हेल्थकेयर, पर्सनल केयर और अन्य घरेलू उत्पाद शामिल हैं।  साबुन, टूथपेस्ट, शैम्पू, हेयर ऑयल, टूथ पाउडर जैसी हर घर की रोजमर्रा की जरूरतों पर अब 18 प्रतिशत की बजाय 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जिससे मध्यम वर्गीय परिवार के लिए चीजें सस्ती हो जाएंगी। इससे 5,000 रुपए के किराना बिल पर 500 रुपए की बचत हो सकती है। खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी घटकर 5 प्रतिशत या शून्य हो जाने से किराने के सामान और खाद्य वस्तुओं...

  • आज से घट जाएंगे दाम

    नई दिल्ली। रोजमर्रा की जरुरत की चीजों के साथ छोटी-बड़ी गाड़ियों के दाम सोमवार, 22 सितंबर से कम हो जाएंगे। स्वास्थ्य और जीवन बीमा की किश्तें भी सस्ती हो जाएंगी क्योंकि उन पर लगने वाला 18 फीसदी जीएसटी समाप्त कर दिया गया है। नवरात्रों के पहले दिन से  जीएसटी सुधारों का दौर लागू होगा, जिसमें जरुरत की वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में कमी कर दी गई है। जीएसटी की नई दरें लागू होने से पहले ही कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमत में कमी का ऐलान शुरू कर दिया है। डेयरी उत्पाद बनाने वाली कंपनी अमूल ने सात सौ...

  • पीएम की फोटो के साथ कंपनियों के विज्ञापन

    नोटबंदी की घोषणा के अगले दिन पेटीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ विज्ञापन जारी किया था। सभी अखबारों में पहले पन्ने पर यह विज्ञापन छपा था। तब इसे लेकर बड़ा विवाद हुआ था और यह सवाल उठा था कि कैसे पेटीएम को पता था कि नोटबंदी होने वाली है, जो उसने अगले दिन के अखबारों में पहले पन्ने का विज्ञापन बुक करा रखा था। हालांकि बात आई गई हो गई। लेकिन अब जब से केंद्र सरकार ने जीएसटी में कटौती का ऐलान किया है, तब से कंपनियां लगातार प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरों के साथ अपने उत्पाद के...

  • फिर भी चक्का जाम!

    मंत्रियों और सरकार समर्थक विश्लेषकों के मुताबिक यह नए निवेश के लिए आदर्श समय है। मगर हकीकत यह है कि अब तक निवेश- उत्पादन- रोजगार सृजन- उपभोग एवं वृद्धि और उससे प्रेरित नए निवेश का चक्का हिला तक नहीं है। संभव है कि नरेंद्र मोदी सरकार के अंदर सचमुच यह समझ हो कि अर्थव्यवस्था में गति भरने के लिए वह जो कर सकती थी, कर दिया है। केंद्रीय मंत्री यह कहते सुने गए हैं कि अब यह निजी क्षेत्र पर है कि सरकार की बनाई अनुकूल स्थितियों के अनुरूप आचरण वह करे। निजी क्षेत्र से उम्मीद जोड़ी गई है कि...

  • कंपनियां क्या उपभोक्ताओं को लाभ देंगी?

    जीएसटी लागू होने के आठ साल बाद आखिरकार सरकार ने इसकी दरों को तर्कसंगत बनाने और आम उपभोक्ताओं पर से टैक्स का बोझ करने का एक कदम उठाया है। केंद्र और राज्यों की सरकारों ने मिल कर जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी के दो स्लैब खत्म करने और रोजमर्रा की जरुरत की ज्यादातर चीजों को शून्य या पांच फीसदी टैक्स स्लैब में लाने का बड़ा फैसला किया। सरकार ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर लगने वाले टैक्स खत्म कर दिया। इस पर 18 फीसदी टैक्स लगता था। लेकिन सवाल है कि क्या भारत में उपभोक्ता उत्पाद बनाने...

  • गडकरी को कोई श्रेय नहीं दे रहा

    इन दिनों केंद्र सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी चौकरफा निशाने पर हैं। लेकिन क्या कोई उनको इस बात का श्रेय देगा कि जीवन और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर लगने वाला 18 फीसदी जीएसटी शून्य हो गया? ध्यान रहे भाजपा विरोधी मीडिया और सोशल मीडिया तो उनको निशाना बना ही रहा है साथ ही राइट विंग के सोशल मीडिया अकाउंट्स से भी उनके ऊपर खूब हमले हो रहे हैं। इथेनॉल को लेकर, टोल टैक्स को लेकर और भारत की सड़कों को अमेरिका जैसा बना देने के उनके बयानों को लेकर उन पर निशाना साधा जा रहा है। सरकार...

  • जीएसटी सुधार से विकास की गति बढ़ेगी: मोदी

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी में सुधारों की घोषणा के एक दिन बाद इसकी तारीफ करते हुए कहा कि जीएसटी सुधार से देश में विकास की गति तेज होगी। उन्होंने मुख्य विपक्षी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने लोगों की जेब पर बोझ डाल दिया था, जिसे उनकी सरकार ने हलका किया। मोदी ने कहा कि कांग्रेस बच्चों की टॉफी पर भी टैक्स लेती थी, उसने लोगों के घर का बजट बिगड़ा हुआ था। मोदी ने जीएसटी को आजादी के बाद का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताते हुए कहा, ‘समय...

  • जीएसटी कटौती का कितना लाभ मिलेगा?

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी में कटौती की बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस बार डबल दिवाली मनेगी। हालांकि उनकी घोषणा से हजारों कारोबारियों का तात्कालिक नुकसान यह हुआ कि गणेश उत्सव और ओणम जैसे त्योहारों पर होने वाली खरीदारी में कमी आएगी। लोगों ने इंतजार शुरू कर दिया कि जीएसटी में कटौती से कीमतें कम होंगी तो खरीदारी करेंगे। ऊपर से अमेरिकी टैरिफ की वजह से भी हजारों कारोबारियों का माल अटक गया है और वे सस्ते में बेचने के लिए दूसरा बाजार खोज...

  • मोर्चा खुल गया है

    गैर-भाजपा शासित आठ राज्यों की मांग है कि जीएसटी की 28 प्रतिशत और 12 प्रतिशत की दरों को खत्म करने के निर्णय के एवज में केंद्र पांच साल तक राज्यों को दो लाख करोड़ रुपये का मुआवजा देने पर राजी हो। गैर-भाजपा शासित आठ राज्यों ने जीएसटी में प्रस्तावित “सुधार” को लेकर मोर्चा खोल दिया है। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब, केरल, कर्नाटक, झारखंड और हिमाचल प्रदेश ने 3-4 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले अपना एजेंडा सार्वजनिक किया है। इसके मुताबिक ये राज्य मांग करेंगे कि जीएसटी की 28 प्रतिशत और 12 प्रतिशत की दरों...

  • जीएसटी कम होने के इंतजार में बाजार में मंदी

    केंद्र सरकार वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी का ढांचा बदलने जा रही है। खबर है कि 12 और 28 फीसदी का टैक्स स्लैब समाप्त कर दिया जाएगा। 12 फीसदी के टैक्स स्लैब की ज्यादा वस्तुओं को पांच फीसदी के स्लैब में ला दिया जाएगा। इससे आम लोगों को बहुत लाभ होगा क्योंकि रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में अच्छी खासी कमी आएगी। जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर प्रीमियम 18 से घटा कर पांच फीसदी करने या शून्य कर देने की संभावना जताई जा रही है। पिछले दिनों मंत्री समूह की बैठक हुई, जिसमें 12 और 28 फीसदी का स्लैब...

  • जीएसटी के दो स्लैब खत्म होंगे

    नई दिल्ली। वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी में बड़े बदलाव की मंजूरी मंत्री समूह ने दे दी है। बिहार के वित्त मंत्री और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मंत्री समूह की बैठक के बाद गुरुवार को बताया कि मंत्री समूह ने जीएसटी के 12 और 28 फीसदी के स्लैब को खत्म करने की मंजूरी दे दी है। अब जीएसटी के दो ही मुख्य स्लैब होंगे। एक पांच फीसदी कै और दूसरा 18 फीसदी का। विलासिता की चीजों को 40 फीसदी के अलग स्लैब में रखा जाएगा। गौरतलब है कि पांच, 12, 18 और 28 फीसदी के चार स्लैब हैं।...

  • जीओएम ने दो-स्लैब जीएसटी के प्रस्ताव को स्वीकारा

    नई दिल्ली। वस्तु एंव सेवा कर (जीएसटी) को तर्कसंगत बनाने को लेकर हुई राज्यों के ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) की बैठक में गुरुवार को केंद्र सरकार के टैक्स स्लैब की संख्या घटाने के प्रस्ताव को स्वीकार लिया गया है।  बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नेतृत्व वाली जीओएम के सामने यह प्रस्ताव पेश किया गया है। इसका उद्देश्य जीएसटी में मौजूदा टैक्स स्लैब (5 प्रतिशत,12 प्रतिशत,18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) की संख्या को घटाकर दो (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) करना है। नए जीएसटी स्ट्रक्चर में दो दरें- मेरिट और स्टैंडर्ड होंगी। मेरिट में शामिल वस्तुओं और सेवाओं पर 5...

  • जुलाई में 1.96 लाख करोड़ जीएसटी मिला

    नई दिल्ली। वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी संग्रह में जुलाई महीने में सालाना आधार पर साढ़े सात फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि महीने दर महीने के आधार पर करीब छह फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने जुलाई 2025 में जीएसटी से 1.96 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। शुक्रवार, एक अगस्त को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले यानी जुलाई 2024 में सरकार ने 1.82 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रह किया था। इस साल जून के मुकाबले जुलाई का कलेक्शन 11 हजार करोड़ रुपए बढ़ा है। जून में 1.85 लाख करोड़ रुपए जीएसटी वसूला...

  • जून में 1.85 लाख करोड़ जीएसटी मिला

    नई दिल्ली। जून के महीने में केंद्र सरकार ने वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी से 1.85 लाख करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया है। सालाना आधार पर इसमें 6.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मंगलवार, एक जुलाई को जारी आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले यानी जून 2024 में सरकार ने 1.73 लाख करोड़ रुपए जीएसटी से हासिल किए थे। हालांकि, अप्रैल और मई के मुकाबले जून 2025 का राजस्व थोड़ा कम रहा। महीने दर महीने के आधार पर जून में जीएसटी राजस्व कम मिला है। अप्रैल 2025 में रिकॉर्ड 2.37 लाख करोड़ रुपए और मई में 2.01 लाख करोड़...

  • मई में 2.01 लाख का जीएसटी मिला

    नई दिल्ली। सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में पिछले वित्त वर्ष में कमी की रिपोर्ट आने के बाद सरकार के लिए अच्छी खबर है कि मई में जीएसटी की बम्पर वसूली हुई है। वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी के मद में सरकार को मई में 2.01 लाख करोड़ रुपए मिले हैं। सालाना आधार पर देखें तो इसमें 16.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रविवार एक जून को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले यानी मई 2024 में सरकार ने 1.73 लाख करोड़ रुपए जीएसटी जुटाए थे। मई में जीएसटी संग्रह में बम्पर वृद्धि हालांकि महीने दर...

  • जीएसटी से 1.96 लाख करोड़ मिला

    नई दिल्ली। सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी महीने यानी मार्च में वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी से 1.96 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। सालाना आधार पर इसमें 9.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मंगलवार, एक अप्रैल को सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले यानी मार्च 2024 में सरकार ने 1.78 लाख करोड़ रुपए जीएसटी जुटाए थे। एक महीने पहले यानी फरवरी में सरकार ने जीएसटी से 1.84 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे, जो पिछले साल फरवरी के मुकाबले 9.1 फीसदी ज्यादा था। Also Read: गांव-गांव, घर-घर जोड़ो सनातन अभियान चलेगा: धीरेंद्र शास्त्री मार्च...

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