हिरोशिमा में तिहरे खतरे के बादल!
विश्व की शक्ल बदल रही है। वजह पृथ्वी और मनुष्य दोनों के दुर्दिन हैं। पृथ्वी का मिजाज, उसकी इम्यून क्षमता, जहां मनुष्यजनित और प्रकृतिगत बीमारियों से बिगड़ती हुई है वहीं मानव सभ्यता बुद्धि की पांचवीं और संभवतया आखिरी क्रांति से अपने दिमाग को गंवाने का खतरा लिए हुए है। मनुष्य बुद्धि का मशीनी टेकओवर संभव है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस याकि मानव निर्मित नकली बुद्धि की वह एक असेंबली लाइन, जिस पर नए सिरे से होमो सेपियन की गढ़ाई होगी। वैसे ही जैसे कभी प्राचीन काल में धर्म ने इंसान को भिन्न-भिन्न ठप्पों का बनाया था। बहुत संभव है इसी सदी में...