सर्वजन पेंशन योजना
  • महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न और अमित शाह का कानून

    भोपाल। गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी सांसद ब्रज भूषण शरण सिंह को कुश्ती फेडरेशन से हटाने और उनके विरुद्ध मुकदमा चलाने की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे ओलंपिक पदक विजेता महिला पहलवानों से मुलाक़ात कर कह दिया कानून को अपना काम करने दीजिये ! पास्को एक्ट लगने के बाद नाबालिग पहलवान जिसने झारखंड के रांची में नेशनल जूनियर रेस्लिंग चैंपियनशिप में गोल्ड पदक जीतने वाली लड़की को कंधे से नीचे जकड़ कर कहा तुम मुझको सपोर्ट करो मैं तुमको सपोर्ट करूंगा ! तब उस बालिका पहलवान ने जवाब दिया कि मैं अपने बलबूते पर यहां पहुंची हूँ और...

  • हर मनुष्य के लिए कब मुमकिन अच्छा भोजन, सही सेहत?

    लोगों को खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व भर में 7 जून को प्रतिवर्ष विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। खाद्य सुरक्षा, खाद्य सामग्री के उपभोग से पूर्व फसल के उत्पादन, भंडारण और वितरण तक खाद्य श्रृंखला के प्रत्येक चरणों अर्थात हर स्टेप के पूर्ण रूप से सुरक्षित होने की सुनिश्चितता प्रदान करती है। हर वर्ष इस दिन के लिए एक थीम यानी विषय तय किया जाता है। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के लिए इस वर्ष 2023 की थीम तय की गयी है -सुरक्षित भोजन, बेहतर स्वास्थ्य अर्थात सेफ़र फ़ूड बेटर हेल्थ। 7 जून- विश्व खाद्य...

  • मोदी नरेटिव से ही जीतते हैं तो इसी से हराओं!

    कहानी जो मोदी के इर्द गिर्द घूम रही है उसे विपक्षी एकता के आसपास लाना होगा। अब जो दूसरी तारीख सम्मेलन के लिए हो उसे बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है। वही एक ऐसा हथियार है जिससे विपक्ष मोदी का मुकाबला कर सकताहै। बाकी सब मुर्खों की कल्पनाओं जैसी बाते हैं। 2014 और 2019 ऐसे हीबिना तैयारी के हारे। और इस बार भी अगर पूरी तैयारी और विपक्षी एकजुटतानहीं होगी तो मोदी जी विपक्ष को खर पतवार की तरह काटते हुए निकल जाएंगे। क्या विपक्ष की समझ में अभी भी नहीं आ रहा कि उसकी हार के क्या कारण...

  • हिंदुत्व की तेज होती चाल

    भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा हो या कांग्रेस दोनों को हिंदुत्व की पिच रास आ रही है। एक तरफ जहां भाजपा और उसकी सरकार जिहादियों की जद से संस्थाओं को बाहर निकालने की कोशिश कर रही है और प्रखर हिंदुत्ववादी छवि बनाने की कोशिश कर रही है वहीं अब कांग्रेसी भी सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर तेजी से बढ़ रही है। दरअसल, देश में हो या प्रदेश में चुनावी मौसम में धर्म और राजनीति का तड़का थोक में वोट की व्यवस्था कर देता है। सो, अपने-अपने हिसाब से राजनीतिक दल ऐसे मुद्दों पर फोकस बनाने लगते हैं।...

  • संघ परिवार: निर्बलता का प्रसार

    संघ-परिवार के नेताओं का छलपूर्ण तर्क यह बनता है कि जब कांग्रेस सत्ता में हों, तब तो हिन्दू-हितों की दुर्गति के लिए राजसत्ताधारी जिम्मेदार हैं! लेकिन जब भाजपा सत्ता में हो, तब हिन्दू समाज ही जिम्मेदार है। यदि ऐसी मतिहीनता और स्वार्थपरता देश के करोड़ों संघ-भाजपा सदस्यों में भरी गई है, तो निश्चय ही संघ-परिवार ने केवल निर्बलता सह डफरता का प्रसार किया है। आखिरकार, हिन्दू ज्ञान परंपरा ने केवल सत्य को ही शक्ति का स्त्रोत बताया है। मिथ्याचार, मिथ्याभाषण, मिथ्याडंबर को नहीं।...अतः संघ-भाजपा अपने आई.टी. सेल द्वारा सोशल मीडिया पर, तथा अपने संगठन-पार्टी के सदस्यों के बीच जो भी...

  • भारत में कसौटी पर चुनावी रेवड़ियां…!

    भोपाल। भारत में लोकतंत्र चाहे 75 साल का बूढ़ा हो गया हो किंतु इसके अपना चुनावी रेवड़ियां बांटने का फैसला बदला नहीं है, ...और भारत के वोटर...? वे तो इसी संस्कृति के आदी हो गए हैं। राजनीतिक दल व उसके नेता जनता के सामने लोकलुभावन वादों की सूची के साथ आते हैं और नतीजे आने के बाद यह विश्लेषण होने लगता है कि जीत-हार में किन वाद की क्या भूमिका रही। कर्नाटक जीत से उत्साहित कांग्रेस ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में आगामी चुनाव से 6 महीने पहले ही एसे वादों की फेहरिस्त जारी कर दी है। दुविधा यह है...

  • दो दशक बाद फिर बज्जू भाई का ‘अंधा युग’

    भोपाल। नाटक शुरू होते ही नेपथ्य में आवाज गूंजती है, सूत्रधार के नैरेशन की। यह जानी पहचानी आवाज है प्रो. रामगोपाल बजाज की जिसका जादू दर्शकों को बांध लेता है। भारतीय रंगमंच के शीर्ष निदेशक रामगोपाल बजाज के निदेशन में कोई नाटक देखना दुर्लभ अनुभव होता है। काफी समय से उन्होंने कोई नाटक संभवतः तैयार नहीं किया है। हाल ही में भारत भवन में आयोजित नाट्य समारोह में उनके निर्देशन में तैयार नाटक 'अंधा युग’ देखने को मिला। इस समारोह में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के रेपटरी कंपनी के तीन नाटकों का मंचन किया गया लेकिन बज्जू भाई प्रो. बजाज की...

  • रेलवे के कायकाल्प का दावा और सत्य

    बालासोर के रेल हादसे के एक दिन पहले हीरेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने हवाबाजी की कि मोदी सरकार ने भारतीय रेल का कायाकल्प कर दिया है।मोदी सरकार ने विश्व की सबसे आधुनिक सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ को लागू कर दिया है। बालासोर में जो हादसा हुआ उसमें एक नही, तीन-तीन ट्रेनें आपस में भिड़ीं। ऐसा हादसा दुनिया की रेल दुर्घटनाओं में होने वाले हादसों में शायद पहले कभी नहीं हुआ।राहत और बचाव कार्य करने वाले लोग दुर्घटना स्थल को देखकर दहल गए। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बालासोर के बेहद खौफ़नाक रेल हादसे के एक दिन पहले टीवी के जरिये जनता...

  • जीतने के लिए जातियों की जमावट

    भोपाल। प्रदेश में विधानसभा के आम चुनाव चौखट पर आ गए ऐसे में चुनावी जंग जीतने के लिए जातियों की जमावट को बड़े करीने से किया जा रहा है जिससे कि अभूतपूर्व होने जा रहे इन चुनावों में फतह हो सके इसके लिए संख्या बल के आधार पर समाज में स्वीकार्यता के आधार पर जातियों के कल्याण बोर्ड बन रहे हैं उनकी मांगें मानी जा रही है थोक में वोट प्राप्त करने का सिलसिला लगाया जा रहा है। बहरहाल राजधानी भोपाल में रविवार को ब्राह्मण समाज ने जहां हुंकार भरी वही किरार धाकड़ समाज ने दी अपना सम्मेलन किया। इसके...

  • भारतीय परम्परा में पर्यावरण की चिंता

    यजुर्वेद के एक लोकप्रिय मंत्र36/17 में अंकित मन्त्र -द्योः शांतिरंतरिक्षं... । में समूचे पर्यावरण को शान्तिमय बनाने की अद्भुत स्तुति है। स्वस्तिवाचन की इस अद्भुत ऋचा में द्युलोक, अंतरिक्ष और पृथ्वी से शान्ति की भावप्रवण प्रार्थना करते हुए कहा गया है कि जल शान्ति दे, औषधियां-वनस्पतियां शान्ति दें, प्रकृति की शक्तियां - विश्वदेव, सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड शान्ति दे। सब तरफ शान्ति हो, शान्ति भी हमें शान्ति दें। 5 जून-विश्व पर्यावरण दिवस ग्लोबल वार्मिंग तथा जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न होने वाले पर्यावरण संकट की समस्या व इसके समाधान के उपाय पर विचार- विमर्श और इसके प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने...

  • मोदी सरकार की विदेश नीति किसके लिए?

    हिरोशिमा में शिखर बैठक के दौरान रूस से होने वाले हीरे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला हुआ।.. जी-7 शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिमी देशों के इस कदम पर एतराज नहीं जताया जबकि भारतीय हीरा उद्योग और उसके कारीगरों पर विनाशकारी असर होगा।...  निष्कर्ष है कि मोदी सरकार ने यूक्रेन युद्ध के दौर में जिस तरह भारतीय धनिक वर्गों के हितों को आगे बढ़ाया है, उसकी उम्मीद सूरत और दूसरी जगहों के हीरा कामगार नहीं कर सकते। यूरोपीय देश बैकडोर से तेल हासिल करने के लिए बेसब्र रहे हैं पर वैसी बेसब्री शायद हीरे के लिए...

  • उपलब्धियों से भरे हुए है मोदी सरकार के नौ साल!

    दो उपलब्धि मेरे मन को अधिक छूती है। पहला— प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में दुनिया में 'भारत का इकबाल' स्थापित होना। दूसरा— देश के भीतर 'भारत भी कर सकता है' भावना का संचार होना। अर्थात्— 'सब चलता है' वाला दृष्टिकोण अब भूतकाल के गर्त में है। भारत का भविष्य उज्जवल है, परंतु मोदी सरकार को उन आंतरिक-बाह्य शक्तियों से सचेत रहने की आवश्यकता है, जो भारत के बढ़ते कद से कदा भी प्रसन्न नहीं है।… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार के नौ वर्ष पूरे हो गए। इस दौरान उनकी अनेकों प्राप्तियों में जो दो उपलब्धि मेरे...

  • सरयू नदीःश्रीराम की जन्म-कर्म भूमि की साक्षी

    श्रीराम की नगरी अयोध्या की भूमि को उपजाऊ बनाने और भगवान श्रीराम जन्म का साक्षी बनने में सरयू का विशेष योगदान है। अयोध्या वास्तव में सरयू नदी से समृद्ध है, जो वर्तमान में एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में सामने आया है और एक पवित्र भूमि की तरह पूजी जाती है है। श्रीराम के जन्म के समय सरयू नदी के तट पर बसे अधिकांश शहर वर्तमान में पर्यटक तीर्थ स्थल हैं। 4 जूनः सरयू जयंती सरयू नदी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में बहने वाली भारत की प्राचीन नदियों में से एक है। घाघरा, सरजू, शारदा, देविका, रामप्रिया इस...

  • खेल बिरादरी में भारत की फजीहत!

    अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने भी पीटी उषा की अध्यक्षता वाली भारतीय ओलम्पिक समिति से पहलवानों की सुरक्षा और उन्हें न्याय देने का आह्ववान किया है और यदि कहीं चूक हुई तो भारत को ओलम्पिक बिरादरी माफ़ नहीं करने वाली। फिर से जगत गुरु बनने की ओर अग्रसर भारत को अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि पहलवानों की समस्या को शीघ्र निपटाएं और समय रहते फेडरेशन के चुनाव कराएं वरना भारत को कड़े प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। उधर अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने भी पीटी उषा की अध्यक्षता वाली भारतीय...

  • द्वारपाल-मुक्त कांग्रेस की स्थापना का समय

    आपस में ही एक-दूसरे को नेस्त-ओ-नाबूद करने में लगे हुए अपने अगलियों-बगलियों की असलियत अगर राहुल-प्रियंका को ठीक से मालूम हो जाए तो, मुझे लगता है कि, वे ख़ुद ही बैरागी हो जाएं। क़रीब चार साल पहले राहुल अर्द्ध-संन्यासी कोई ऐसे ही नहीं हो गए थे। तब उन्होंने खुल कर कहा था कि 2019 के आम चुनाव में कई बार उन्हें गहरा अहसास हुआ कि वे तक़रीबन अकेले ही यह युद्ध लड़ रहे थे और उनकी पार्टी तक पूरे मन से उनके साथ नहीं थी। मैं आज तक नहीं समझ पाया कि दुनिया-जहान की ख़बरें रखने वाले और बचपन से...

  • वट वृक्ष की पूजा और सावित्री व्रत

    वट सावित्री पूर्णिमा 3 जून 2023 सोमवार को है। वहीं वट सावित्री पूर्णिमा वाले दिन विवाहित महिलाएं सुबह 07.16 से सुबह 08.59 तक कर सकती हैं। उल्लेखनीय है कि वट वृक्ष अपनी विशालता के लिए प्रसिद्ध है। वनगमन में ज्येष्ठ मास की तपती धूप से रक्षा के लिए यह अत्यंत उपयुक्त है। 3 जून- वट सावित्री व्रत भारतीय व्रत परम्परा में सौभाग्य प्रदाता व संतान प्राप्ति में सहायक व्रत के रूप में मान्यता प्राप्त वट सावित्री व्रत में वट वृक्ष की पूजा किये जाने का पौराणिक विधान है। प्राचीन काल में सावित्री नाम की महिला की निष्ठा और पति परायणता...

  • समझ व ठोस निर्माण से हो तीर्थों का जीर्णोद्धार

    उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का 856 करोड़ रू के प्रोजेक्ट का लोकार्पण सात महीने पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। ...एक साल से पहले ही मंदिर में सप्त ऋषियों की मूर्तियां पहली आँधी में ही ध्वस्त हो कर गिर गई तो यह किस बात का प्रमाण? क्या इस कॉरिडोर का निर्माण करने वाली गुजरात की कंपनी के पास वास्तव में इस तरह के कार्य करने का कोई अनुभव था? क्या यह ठेकेदार भी अन्य सरकारी काम करने वाले ठेकेदारों की तरह केवल दिखावटी काम करने में माहिर था, ठोस काम करने में नहीं?...

  • मनभावक खेल तो धोनी का, सीखों!

    सुनील गावस्कर ने तो एक आईपीएल मैच में सभी को दंग कर दिया। तिहत्तर साल के गावस्कर पीछे से दौड़ कर आए और अपनी शर्ट पर धोनी के हस्ताक्षर मांगे बैठे। बाद में भावुकता में उनने बताया कि वे अपने अंतिम समय में 2011 के क्रिकेट विश्वकप जीत के आखिरी पल को सहेज कर रखना चाहते हैं। छक्का मार कर, बल्ला लहराकर जिताने की धोनी की याद सदा साथ रखना चाहते हैं। क्या लोकतंत्र में लोकप्रियता का कोई पैमाना होता है? क्यों किसी एक को ही लोग बेइंतहां चाहने लगते है? इसका कारण क्या उस व्यक्ति-नेता का साफ चाल-चलन होता...

  • गुरु अर्जुनदेव कभी गलत चीजों के आगे नहीं झुके

    guru-arjan-dev: शासक जहांगीर के आदेश के अनुसार गुरु अर्जुन देव को पांच दिनों तक तरह-तरह की यातनाएं दी गईं, लेकिन उन्होंने शांत मन से सब कुछ सहा। अंत में ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि संवत 1663 (30 मई सन् 1606) को उन्हें लाहौर में भीषण गर्मी के दौरान गर्म तवे पर बिठाया। उनके ऊपर गर्म रेत और तेल डाला गया। यातना के कारण जब वे मूर्छित हो गए, तो उनके शरीर को रावी की धारा में बहा दिया गया। उनके स्मरण में रावी नदी के किनारे गुरुद्वारा डेरा साहिब का निर्माण कराया गया, जो वर्तमान में पाकिस्तान...

  • राजस्थान में लड़ाई बंद या युद्धविराम?

    युद्ध विराम भी लंबा होता है कई बार युद्ध समाप्ती तक।युद्ध समाप्ती का मतलब विधानसभा चुनाव तक है। उसके बाद फैसला हो सकता है। मगर तब तक दोनों को साथ मिलकर उस स्थिति को बनाने का प्रयास करना होगाजिसमें फैसला भी कोई बड़ा हो। मसलन मुख्यमंत्री बनने जैसा।यह पक्का है कि राजस्थान में जीत के बाद दोनों का गहलोत और पायलट का कदबहुत बढ़ जाएगा। और उसी के अनुरूप राहुल और खरगे फैसला करेंगे। राहुल गांधी के धेर्ये को दाद देना होगी। कर्नाटक का मामला जैसेसिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच फंसा हुआ था वैसे ही या उससे कहींज्यादा राजस्थान...

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