भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा हो या कांग्रेस दोनों को हिंदुत्व की पिच रास आ रही है। एक तरफ जहां भाजपा और उसकी सरकार जिहादियों की जद से संस्थाओं को बाहर निकालने की कोशिश कर रही है और प्रखर हिंदुत्ववादी छवि बनाने की कोशिश कर रही है वहीं अब कांग्रेसी भी सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर तेजी से बढ़ रही है।
दरअसल, देश में हो या प्रदेश में चुनावी मौसम में धर्म और राजनीति का तड़का थोक में वोट की व्यवस्था कर देता है। सो, अपने-अपने हिसाब से राजनीतिक दल ऐसे मुद्दों पर फोकस बनाने लगते हैं। बाकी समय उन पर ध्यान नहीं जाता। इन मुद्दों को उभारने की तरकीब बदलती रहती है। सीधे तौर पर कोई बात ना करके परोक्ष रूप से संदेश पहुंचाया जाता है। कई बार ऐसे खुलासे सामने आते हैं जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की होती। जैसा कि गंगा जमना संस्था के खुलासे दमोह से लेकर राजधानी भोपाल तक हो रहे हैं। कोई 1 दिन में ऐसा नहीं होता लेकिन स्थानीय स्तर पर मिलीभगत के चलते कोई कार्रवाई नहीं होती और जब होती है तो उसे बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जाता है।
बाल संरक्षण आयोग की टीम जब स्कूल पहुंची उसने जिस तरह की खामियां पाई। उससे पूरा प्रशासन तंत्र हिल गया। सागर लोक शिक्षण के संयुक्त संचालक मनीष परमार अशासकीय गंगा जमुना हाई सेकेंडरी स्कूल की मान्यता निलंबित कर दी और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है और भी खुलासे हो रहे हैं। इस संस्था का राजधानी भोपाल में कपड़ों का भी बड़ा व्यवसाय सामने आया है।
बहरहाल, दमोह में जहां जिला शिक्षा अधिकारी के मुंह पर कालिख पोती गई शाम तक डीओ को निलंबित भी कर दिया गया है लेकिन इस पूरे घटनाक्रम से सबक लेकर पूरे प्रदेश में इस तरह के मामले सामने लाने के लिए भाजपा और संघ तेजी दिखा रहा है और इस बहाने जिहादियों पर जमकर हमला बोला जा रहा है। एक महीने के अंदर ही जिस तरह से आईएसआईएस और हटके धर्मांतरण एवं लव जिहाद के मामले सामने आए हैं उससे भाजपा और संघ को एक नई राह हिंदुत्व का तड़का लगाने के लिए दिखाई दे रही है जिसमें उसे समर्थन भी मिल सकता है।
वहीं दूसरी ओर पिछले कुछ महीनों से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जिस तरह से नजारे देखने को मिल रहे हैं उससे साफ है कि कांग्रेस भी इस तरफ तेजी से कदम बढ़ा रही है। मंगलवार को बजरंग सेना के रघुनंदन शर्मा और उनके समर्थकों ने पूर्व मंत्री दीपक जोशी के नेतृत्व में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की है और भगवा गमछा डाले जो भीड़ पीसीसी के सामने देख रही थी उससे कांग्रेस के इरादे समझने में किसी को दिक्कत नहीं होना चाहिए।
यह पहला मौका नहीं है इसके पहले भी प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ऐसे नजारे देखने को मिल चुके हैं। साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ लोगों को आगाह भी कर रहे हैं कि धर्म विचार का विषय है राजनीति का नहीं। कुल मिलाकर जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे – ssवैसे राजनीतिक दल ध्रुवीकरण के मुद्दों को हवा दे रहे हैं और हिंदुत्व के मुद्दे पर जिस तरह से दोनों दलों के नेता कदम बढ़ा रहे हैं उससे आगामी विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में हिंदुत्व की पिच पर ही चुनावी बिसात बिछेगी।