Wednesday

23-04-2025 Vol 19

विनीत नारायण

वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी। जनसत्ता में रिपोर्टिंग अनुभव के बाद संस्थापक-संपादक, कालचक्र न्यूज। न्यूज चैनलों पूर्व वीडियों पत्रकारिता में विनीत नारायण की भ्रष्टाचार विरोधी पत्रकारिता में वह हवाला कांड उद्घाटित हुआ जिसकी संसद से सुप्रीम कोर्ट सभी तरफ चर्चा हुई। नया इंडिया में नियमित लेखन। साथ ही ब्रज फाउंडेशन से ब्रज क्षेत्र के संरक्षण-संवर्द्धन के विभिन्न समाज सेवी कार्यक्रमों को चलाते हुए। के संरक्षक करता हैं।

भारत की आर्थिकी पर अमेरिकी टैरिफ का होगा असर

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित “पारस्परिक टैरिफ” (रेसीप्रोकल टैरिफ) नीति ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिला दिया है।

कोविड के बाद अचानक मौतें, वजह क्या?

बिना किसी बीमारी या चेतावनी के लगातार अचानक युवाओं की मृत्यु क्यों हो रही है? क्या ये कोविशील्ड के वैक्सीनेशन का दुष्परिणाम है?

नए वक़्फ़ क़ानून का क्या होगा असर?

वक़्फ़ संशोधन बिल, जिसे हाल में भारतीय संसद में पेश कर 2-3 अप्रैल 2025 को लोकसभा और राज्यसभा से कराया गया, उस पर खासा बवाल बना हुआ है।

न्यायपालिका का सम्मान कैसे बचा रहे?

भारत के इतिहास में पहली बार सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस रामस्वामी पर अनैतिक आचरण के चलते 1993 में संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था।

अंतरिक्ष में नौ महीने रहने से क्या हासिल?

sunita williams : सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर नौ महीने से अधिक समय बिताकर पृथ्वी पर लौटी है।

एक विलक्षण लेखक विनोद कुमार शुक्ल

हिंदी के यशस्वी लेखक विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने पर साहित्य जगत में अभूतपूर्व स्वागत हुआ है।

श्मशान घाटों की भी चिंता करों

मौत कैसी भी क्यों न हो,  वह परिजनों को भारी पीड़ा देती है। घर का बुजुर्ग अगर चला जाए तो एक ऐसा शून्य छोड़ जाता है जो फिर कभी...

आंकड़ों से बदलता व्यापार का संसार

एक दफा लॉस एन्जेलिस में उद्योगपतियों के एक सम्मेलन को सम्बोधित करते समय मुझे  उद्योगपति गणपत पटेल ने एक पुस्तक भेंट की।

चीनः विकास यह होता है!

china taklamakan desert: ‘मौत का सागर’ के रूप में जाने जाना वाला टकलामकन रेगिस्तान 3,37,600 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

सब चलता है में सब जस का तस!

बीते कई दशकों से ऐसा देखने में आया है कि गणतंत्रता दिवस पर शहीदों को नमन कर, देश की दुर्दशा पर श्मशान वैराग्य दिखा कर, देशवासियों को लंबे-चौड़े वायदों...

स्वस्थ जीना है तो शीतल पेय से सावधान!

शर्बत और लस्सी के देश भारत के अधिकांश लोग पश्चिमी बयार में बहकर खुद को ‘मॉडर्न’ साबित करने के लिए ‘दूषित’ शीतल पेयों का जमकर उपयोग कर रहे हैं।

हॉलीवुड जलकर हो रहा ख़ाक

जलवायु परिवर्तन पर नज़र रखने वाले यूएन के वैज्ञानिकों ने अक्तूबर 2018 में चेतावनी दी थी कि अगर पर्यावरण को बचाने के लिए कड़े कदम नहीं उठाए गए

देशी गाय के महत्व को जाने-समझे!

युवा वैज्ञानिक श्री सत्यनारायण दास बताते हैं कि विदेशी इतिहासकारों और मार्क्सवादी चिंतकों ने वैदिक शास्त्रों में प्रयुक्त संस्कृत का सतही अर्थ निकाल कर बहुत भ्रांति फैलाई है।

मनमोहन सिंह की विनम्रता का जवाब नहीं!

दुनिया से जाने के बाद इंसान के सद्गुणों को याद करने की परंपरा है। इसलिए आज भारतवासी ही नहीं दुनिया के तमाम देशों के महत्वपूर्ण लोग डॉ मनमोहन सिंह...

नाजुक दौर में मुसलमान विवेक न छोड़े

भारत के मुसलमानों को चाहिये कि वे कट्टरपंथी और दहशतगर्दों से बचकर रहे। इतना ही नहीं इनको पकड़वाने और इनके हौसले नाकामयाब करने में सक्रिय हों।

नेताओं का चरित्र और पैनी निगाहे

दुनिया भर के राजनेताओं के चरित्र और आचरण पर जनता और मीडिया की पैनी निगाह हमेशा लगी रहती है।

ड्रग्स में अब उड़ता भारत!

आए दिन देश में ऐसी अनेकों खबरें आती रहती हैं कि करोड़ों के मूल्य के नशीले पदार्थ पकड़े जाते हैं।

ऐसी शिक्षा किस काम की जिससे रोजगार नहीं!

पिछले 25 वर्षों में सरकार की उदार नीति के कारण देशभर में तकनीकि शिक्षा व उच्च शिक्षा देने के लाखों संस्थान छोटे-छोटे कस्बों तक में कुकरमुत्ते की तरह उग...

भारत न सीखेगा न अपराध मुक्त होगा!

पिछले हफ्ते जब मैं सिंगापुर गया तो जो बात सबसे ज्यादा प्रभावित की, वह थी, इस देश में कानून और व्यवस्था की स्थिति। वहाँ की आबादी में चीनी, मलय...

त्योहारों के दिन पर विवाद न बनाए

हमारे शास्त्रों में हर त्योहार के पीछे जो आधार हैं स्थापित हैं उन्हें सुविधानुसार तोड़-मरोड़ कर संशोधन करना सही नहीं है।

विकास के नाम पर फर्जीवाड़ा और आंखे बंद!

उपग्रह सर्वेक्षणों से हर परियोजना के क्रियान्वयन पर पूरी नजर रखी जा सकती है और काफी हदतक चोरी पकड़ी जा सकती है।

तो गाय का दूध पीना बंद करें?

‘माँ का दूध’ फ़िल्म हम सबकी आँखें खोल देती है, ये बता कर कि हम पढ़े-लिखे लोग भी किस तरह अपनी अज्ञानता के कारण अपने भोजन में नित्य ज़हर...

तालिबानी मुसलमानों से योरोप में नफरत

आज के संदर्भ में मुसलमानों का आचरण अनेक देशों में वाक़ई चिंता का कारण बन चुका है। उनकी आक्रमकता और पुरातन धर्मांध सोच आधुनिक जीवन के बिलकुल विपरीत है।

बारिस हो गर्मी हो, हर समय संकट

देश के ज़्यादातर हिस्से में भारी वर्षा ने हालात बेक़ाबू हैं और समाधान दिखाई नहीं देता। कई बाँधों में जल का स्तर ख़तरे के निशान से भी ऊपर चला...

विपक्ष और कांग्रेस समझदारी से चले

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के पिछले कुछ अनुभव अच्छे नहीं रहे। इसलिए और भी सावधानी बरतनी होगी।

डबलरोटी, जंक खाना है सेहत की कब्रगाह!

देश में उपलब्ध खाद्य पदार्थों में मिलावट और उनकी लगातार गिरती गुणवत्ता के कारण जागरूक और जानकार लोगों द्वारा अपने और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त की...

अजमेर कांड के फ़ैसले का क्या असर होगा?

1992 में अजमेर में बलात्कार कांड का फ़ैसला भी पिछले हफ़्ते आया। इस फ़ैसले में 6 आरोपियों को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई।

समाज को सुधारे बिना कुछ नहीं होना?

समाज में हो रही आर्थिक उथल-पुथल, शहरीकरण, देशी और विदेशी संस्कृति का घालमेल और मीडिया पर आने वाले कामोत्तेजक कार्यक्रमों ने अपसंस्कृति को बढ़ाया है।

भारत के लिए बांग्लादेश की घटनाएं गंभीर

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में जो हुआ उसने कई तरह के सवाल खड़े किए हैं। परंतु इन सब में एक अहम सवाल भारत और बांग्लादेश के संबंधों का...

लोकसभा अध्यक्ष के विवाद और गरिमा

लोकसभा की सार्थकता और अपने पद की गरिमा के अनुरूप ओम बिरला जी को किसी सांसद को ये कहने का मौक़ा नहीं देना चाहिये कि उनका व्यवहार पक्षपातपूर्ण है। 

चुनाव हारे तो अयोध्यावासियों का बहिष्कार?

जिन लोगों ने भी अयोध्यावासियों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है, वे किस श्रेणी के लोग हैं? या तो वे मूर्ख और अज्ञानी हैं

संत-बाबा क्यों यूट्यूब की जुबानी जंग में उलझे?

माया मोह से दूर रहने का दिन रात उपदेश देने वाले संत और भागवताचार्य भी अब खुध ही सोशल मीडिया के जंजाल में कूद पड़े हैं।

कांवड़ मार्ग के लिए हजारों पेड़ काटना

इस परियोजना में 10 बड़े पुल, 27 छोटे पुल और एक रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण शामिल है और इस परियोजना की लागत 658 करोड़ रुपये होगी।

नीट परीक्षा: हर क्षेत्र में व्यवस्था भ्रष्ट

मामला पूरी व्यवस्था में फैले हुए भारी भ्रष्टाचार का प्रमाण है।...एनटीए द्वारा किस आधार पर ग्रेस मार्क्स दिये गये? जबकि मेडिकल परीक्षाओं में ग्रेस मार्क्स देने का कोई प्रावधान...

अयोध्या में भाजपा क्यों हारी?

लोकसभा चुनाव-संतजी के अनुसार,अयोध्या में बेतरतीब काम से अफसर, नेता, मंत्रियों ने चांदी नहीं सोना और हीरे लूटे हैं।

पाकिस्तान में हिंदू विरासत कैसे बचे?

यों तो पश्चिमी पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी आज बढ़ कर 2.1 प्रतिशत हो गई है, जो आज़ादी के समय पाकिस्तान में 1.6 प्रतिशत थी।

आईआईटी डिग्री को भी रोजगार नहीं!

बेरोजगारी- 10 वर्षों में बेरोज़गारी का आकार लगातार बढा है। आज 45 वर्षों कीअवधि की सबसे अधिक बेरोज़गारी है।

लापता लेडीज़ः सत्य और सबक!

एक नई फ़िल्म आई है ‘लापता लेडीज़’ जो काफ़ी चर्चा में है। मध्य प्रदेश की ग्रामीण पृष्ठभूमि में बनाई गई यह फ़िल्म महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी है।

दुबई में बाढ़ ‘क्लाउड सीडिंग’ नहीं

पर्यावरण- आर्थिक लाभ के लिए सरकारें और उद्योगपति कुछ भी करेंगे। यही बात ‘क्लाउड सीडिंग’ पर लागू है।

रामदेव का क्या से क्या होना!

समसामयिक-यदि रामदेव की व्यापारिक गतिविधियां छोटे स्तर पर सीमित रहतीं तो वे लोगों को खटकते नहीं।

लोकतंत्र का परिपक्व होना जरूरी!

राष्ट्र-राज्य-सभी की कोशिश होनी चाहिए कि हमारे परिवार और समाज में राजनीति के प्रति समझ बढ़े। सोच समझकर वोट पड़े।

चुनाव से दिल जुड़ेंगे या टुटेंगे?

अगर ये ऐसे ही चला, तो भारत में दंगे, खून-खराबे और बढ़ेगे। जिसके परिणामस्वरूप भारत का विघटन भी हो सकता है।

प्रबंध जब गलत तो जल संकट होगा ही!

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हमने का ढर्रा नहीं बदला, तो आने वाले वर्षों में पानी के संकट से जूझते लोगों के बीच हिंसा बढ़ना आम बात होगी।

मुख़्तार अंसारी जैसों का यही हश्र!

समसामयिक- आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को अपराध करना अनुचित नहीं लगता। उसके लिए यह एक सहज कर्म। Mukhtar ansari death

सलाम जस्टीस डीवाई चंद्रचूड़ को!

सुप्रीम कोर्ट हमेशा भारत के नागरिकों के लिए मौजूद है। चाहे वे किसी भी धर्म के हों, किसी भी सामाजिक स्थिति के हों

अखिलेश यादव की अच्छी, सयंत भाषा

राजनीति तो है ही काजल की कोठरी उसमें से उजला कौन निकल पाया है?इसलिए कहता हूँ “भाषा सुधारो-देश सुधरेगा।” क्यों ठीक है न? Akhilesh Yadav

सावधान रहे बहुमंज़िला इमारतों के रहवासी!

140 मकानों की बिल्डिंग धू-धू कर राख हो गई। इसकी वजह में इन मकानों में लगे पॉलीयुरेथेन क्लैडिंग को आग की भयावहता के लिए जिम्मेवार बताया गया।

चुनावी बॉंड्स पर देर से ही, फैसला सही

‘इलेक्टोरल बाँड्स’ के ज़रिये राजनैतिक दलों को दिये जाने वाले चुनावी चंदे को लेकर देश भर में एक भ्रम सा फैला हुआ था।