भीड़ के लिए क्या जिंदगी, ‘मृत्यु’ और ‘मोक्ष’!
कोई कितनी ही कोशिश करे, भारत की भीड़ को दुनिया से कनेक्ट करे, क्योटो और काशी में करार कराए, काशी को कितना ही आधुनिक बनाए, सब मिथ्या। काशी और कौम का अक्खड़ निर्गुणी सत्य एक...
कोई कितनी ही कोशिश करे, भारत की भीड़ को दुनिया से कनेक्ट करे, क्योटो और काशी में करार कराए, काशी को कितना ही आधुनिक बनाए, सब मिथ्या। काशी और कौम का अक्खड़ निर्गुणी सत्य एक...
जापान ने बुढ़ापे के ‘डिपार्चर लाउंज’ को ‘सूर्योदय’ का नाम दिया है। वहां जिंदगी में पुनर्जिंदगी का मनुष्य अनुभव है। सोचें, लोगों द्वारा फुरसत और बिना किसी चिंता के शगल और शौक की अनुभूतियों में...
तय मानें मेले में जितनी पुस्तकें नहीं खरीदी गई होंगी उससे असंख्य गुना मोदीजी के हाथों से पुस्तक लेते हुए लोगों ने अपनी फोटो खिंचवाई। क्या नौजवान, क्या महिला और क्या प्रौढ़ पुरूष सब लपक...