Saturday

14-06-2025 Vol 19

अजीत द्विवेदी

संवाददाता/स्तंभकार/ वरिष्ठ संपादक जनसत्ता’ में प्रशिक्षु पत्रकार से पत्रकारिता शुरू करके अजीत द्विवेदी भास्कर, हिंदी चैनल ‘इंडिया न्यूज’ में सहायक संपादक और टीवी चैनल को लॉंच करने वाली टीम में अंहम दायित्व संभाले। संपादक हरिशंकर व्यास के संसर्ग में पत्रकारिता में उनके हर प्रयोग में शामिल और साक्षी। हिंदी की पहली कंप्यूटर पत्रिका ‘कंप्यूटर संचार सूचना’, टीवी के पहले आर्थिक कार्यक्रम ‘कारोबारनामा’, हिंदी के बहुभाषी पोर्टल ‘नेटजाल डॉटकॉम’, ईटीवी के ‘सेंट्रल हॉल’ और फिर लगातार ‘नया इंडिया’ नियमित राजनैतिक कॉलम और रिपोर्टिंग-लेखन व संपादन की बहुआयामी भूमिका।

सिर्फ न्यायपालिका नहीं सबकी साख का सवाल

चीफ जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने भारत की उच्च न्यायपालिका की एक बड़ी खामी की ओर इशारा किया है।

टिकाऊ राजनीतिक सहमति संभव ही नहीं

ऐसा नहीं है कि भारत में राजनीतिक सहमति नहीं बनती है। समय समय पर घटनाओं और परिस्थितियों की वजह से राजनीतिक सहमति बनती है।

बढ़ती गर्मी आपदा है, कैसे बचेंगे!

अंग्रेजी कैलेंडर से जून का महीना चल रहा है और हिंदी कैलेंडर से आषाद महीना शुरू हो गया है। नौतपा यानी सर्वाधिक गर्मी वाले नौ दिन बीत चुके हैं...

विपक्ष के पास क्या रास्ता है?

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कह रहे हैं कि पिछले साल नवंबर में महाराष्ट्र में विधानसभा का जो चुनाव हुआ था वह ‘मैच फिक्सिंग’ की तरह था।

जुमले बोल कर मुद्दे गंवा देते हैं राहुल

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के सर्वोच्च नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर एक बेहद गंभीर और जरूरी मुद्दे को अपनी बेवजह की जुमलेबाजी में गंवा दिया...

विपक्ष को चाहिए एक समन्वय समिति

विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ को एक समन्वय समिति की जरुरत है ताकि वह संसदीय रणनीति बनाने के अलावा राजनीतिक रणनीति भी बेहतर तालमेल के साथ बना सके।

चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की असलियत

यह ‘बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर’ किस्म की बात है कि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है।

ऑपरेशन सिंदूर पर अब मुश्किल राजनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान की सरजमीं पर स्थित आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए हुए सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिक नैरिटव बनाने के लिए बड़ी मेहनत कर...

आरक्षण की समीक्षा का समय आ रहा है

जाति जनगणना कराने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद इस बात का इंतजार किया जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कब इस बारे में बोलेंगे और बोलेंगे...

बिहार में विपक्ष की बढ़ती चुनौतियां

बिहार विधानसभा चुनाव के चुनाव से पहले राजद के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की चुनौतियां बढ़ रही हैं और साथ साथ विपक्षी महागठबंधन की चुनौतियां...

वामपंथी उग्रवाद समाप्ति की ओर

ऐसा कहना थोड़ा जोखिम भरा है कि एक राजनीतिक विचारधारा के तौर पर वामपंथ भारत में समाप्ति की ओर है।

भारत-पाक का अतीत ही वर्तमान और भविष्य है

आजादी के तुरंत बाद 1947-48 में, फिर 1965 में, फिर 1971 में, 1999 में और अब 2025 में। अगर 1947 अतीत है तो 2025 वर्तमान है।

परीक्षा है या प्रताड़ना का तंत्र?

नई खबर है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए हुई सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट यानी सीयूईटी यूजी की परीक्षा में अकाउंटेंसी का पेपर फिर से लिया जाएगा।

चिदंबरम की चेतावनी गंभीर है

कांग्रेस पार्टी के साथ वैसे तो कई समस्याएं हैं लेकिन एक बड़ी समस्या यह है कि उसके नेताओं और सोशल मीडिया के उसके सपोर्ट सिस्टम ने राहुल गांधी को...

विपक्ष फिर पुरानी गलती दोहरा रहा!

कांग्रेस ने थरूर का नाम नहीं दिया और जब सरकार ने उनका नाम दे दिया तो कांग्रेस ने दूसरी गलती यह कर दी कि उसने थरूर के नाम पर...

विश्व शक्ति की तरह बरताव करे भारत

क्या भारत का सत्ता प्रतिष्ठान यह सोच रहा है कि जानकारी मिलते ही दुनिया के देश पाकिस्तान के खिलाफ हो जाएंगे और एकजुट होकर भारत के साथ खड़े होकर...

चीन का बहिष्कार करने की हिम्मत नहीं

राष्ट्रवाद के नाम पर भारत में फिर दिखावे का खेल शुरू हो गया है।

उफ! अधूरे अभियान की महानता का बखान

राज सत्ता की स्थापना में गाथाओं या आख्यानों का बड़ा महत्व है। प्राचीन काल में राजा अपनी महानता स्थापित करने के लिए अनेक प्रकार के यज्ञ कराते थे।

युद्ध स्थगित, राजनीति शुरू

यह दुनिया के इतिहास में संभवतः पहली बार है कि युद्ध लड़ने वाले दोनों देश जीत का जश्न मना रहे हैं।

भारत को सतर्क रहने की जरुरत

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारत ने बदला ले लिया।

युद्ध नहीं, आतंकवाद पर कार्रवाई

भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत तीन बड़े आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाया।

जाति जनगणना से आगे क्या?

यह लाख टके का सवाल है कि केंद्र सरकार जाति जनगणना करा लेगी उसके बाद क्या होगा?

‘ए टू जेड’ घोटालों की हकीकत

भाजपा तीन बार सरकार बना चुकी है लेकिन ‘ए टू जेड घोटाले’ से जुड़े मामलों में एक लालू प्रसाद को छोड़ कर किसी व्यक्ति को सजा नहीं हुई है।

कांग्रेस को बहुजन राजनीति का फायदा!

कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में बहुजन राजनीति का जो प्रयोग किया था उसे अब वह सांस्थायिक रूप दे रही है और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने...

सैन्य कार्रवाई से पहले एकजुटता जरूरी

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में बेकसूर सैसानियों पर 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद जैसी एकजुटता देश में दिखी थी और जैसा संकल्प दिख रहा था उसमें...

निर्विरोध चुनाव पर रोक लगनी चाहिए

पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में 12 साल के बाद ऐसा हुआ कि एक सीट पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ।

पहलगाम के बाद बदलेगा बिहार चुनाव!

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों की हत्या के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली जनसभा बिहार में हुई, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले...

पहलगाम से आगे क्या रास्ता है?

भारत में पिछले कुछ समय से यह नैरेटिव बनाया जा रहा है कि कुछ बड़ा होने वाला है।

पहलगाम नरसंहार गंभीर खतरे का संकेत है

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में धर्म पूछ कर नरसंहार की जो घटना हुई है वह एक गंभीर खतरे का संकेत है।

न्यायिक सक्रियता के विरोधियों की बौद्धिक दरिद्रता!

यह आम धारणा है कि सरकार कमजोर होती हैं तो न्यायपालिका सक्रिय हो जाती है और वह विधायिका व कार्यपालिका दोनों के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करती है या...

संसद और सुप्रीम कोर्ट की सर्वोच्चता की बेकार बहस

भारत में एक बार फिर संसद और सुप्रीम कोर्ट की सर्वोच्चता की बहस छिड़ी है।

बिहार में लोकसभा जैसा ‘इंडिया’ ब्लॉक

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति दिलचस्प होती जा रही है। एनडीए के बड़े सामाजिक आधार के नाम पर उसका चुनाव जीतना निश्चित मान रहे लोगों का विश्वास भी...

शरबत पर सेकुलरिज्म की लड़ाई

देश में वक्फ कानून के खिलाफ एक लड़ाई छिड़ी है। जमीन पर उतर कर मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं।

तमिलनाडु में स्टालिन को चुनौती

पता नहीं स्टालिन यह देख पा रहे हैं या नहीं कि वे विरोध की राजनीति का जो झंडा उठाए घूम रहे हैं उनसे इन दोनों प्रतिद्वंद्वी पार्टियों का कोई...

अभिव्यक्ति की रक्षा अदालतों के हवाले!

अभिव्यक्ति की आजादी को लोकतंत्र की प्राथमिक शर्त के तौर पर स्वीकार किया गया है।

राजभवनों की क्या सक्रियता कम होगी?

पता नहीं लोकतांत्रिक गणतंत्र भारत संविधान आधारित संसदीय प्रणाली की शासन व्यवस्था की हिप्पोक्रेसीज यानी दोहरे रवैए से कब मुक्त होगा?

कर्ज लेकर दाल-रोटी चला रहे हैं लोग

कर्ज लेकर घी पीने का एक दर्शन भारत में रहा है। चार्वाक ऋषि को इस दर्शन का प्रणेता माना जाता है।

पीयूष गोयल ने बड़ी हिम्मत दिखाई

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मुंबई में रहते हैं और इस बार तो राज्यसभा छोड़ कर मुंबई की एक सीट से लोकसभा का चुनाव जीते हैं।

कांग्रेस कोशिश तो कर रही है

अगर कोशिशों के लिए नंबर देना हो तो कांग्रेस को 10 में से 10 नंबर दिए जा सकते हैं। कुछ समय पहले तक वह कोशिश भी नहीं कर रही...

कामरा की कॉमेडी के गंभीर प्रश्न

कुणाल कामरा के एक स्टैंडअप कॉमेडी एक्ट को लेकर जो तूफान उठा था अभी उसकी गर्द उड़ ही रही है।

आरएसएस की सदिच्छा और जमीनी हकीकत

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के नंबर दो पदाधिकारी यानी सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने काशी में ज्ञानवापी और मथुरा में शाही ईदगाह के सर्वे को लेकर बड़ी बात कही है।

नेपाल में क्या संभव है राजशाही?

वैसे तो भारत के पड़ोस में लगभग हर देश अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है।

कांग्रेस अब गठबंधन में ही लड़ेगी?

कांग्रेस पार्टी राज्यों में सहयोगी पार्टियों के साथ ही विधानसभा का चुनाव लड़ेगी।

पंजाब के किसान आंदोलन का सबक

पंजाब की सरकार ने पुलिस भेज कर और बुलडोजर व जेसीबी चलवा कर किसानों का आंदोलन समाप्त करा दिया।

कॉलेजियम का विकल्प क्या एनजेएसी है?

collegium : उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति और तबादले की मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली की जगह क्या राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग यानी एनजेएसी का विकल्प ज्यादा बेहतर है?

‘एक राष्ट्र, एक संस्कृति’ का क्या मतलब है?

one nation one culture: ‘एक राष्ट्र, एक कर’ यानी जीएसटी से शुरू करके ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ तक उनकी सरकार ने ऐसे अनेक नारे बनाए हैं।

राज्यों की वित्तीय सेहत बिगड़ रही है

states inancial health : मुफ्त की योजनाएं चलाए रखने के लिए राज्यों को नए कर्ज लेने की जरुरत पड़ रही है क्योंकि राज्य इतना राजस्व नहीं जुटा पा रहे...