12 जून की तारीख भारत के इतिहास में एक बेहद दर्दनाक घटना के रूप में दर्ज हो गई है। इसी दिन अहमदाबाद हादसे में एयर इंडिया का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 241 लोगों की जान चली गई और केवल एक व्यक्ति ही इस हादसे में जीवित बच पाया।
इस भयावह हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। विराट कोहली, रोहित शर्मा और वैभव सूर्यवंशी जैसे कई चर्चित नामों ने इस घटना पर दुख जताया और संवेदनाएं प्रकट कीं।
हालांकि, एमएस धोनी की इस मामले पर चुप्पी ने सोशल मीडिया पर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। कई लोगों ने धोनी की चुप्पी को असंवेदनशीलता करार देते हुए उन्हें जमकर ट्रोल किया।
ट्रोलिंग तब और तेज़ हो गई जब एक एडिटेड चैट का स्क्रीनशॉट वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि धोनी अहमदाबाद हादसे में प्लेन क्रैश पर पोस्ट करने के लिए पैसे मांग रहे हैं। हालांकि इस दावे की सत्यता की कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इसने विवाद को और भड़का दिया।
धोनी के समर्थकों का कहना है कि यह उनके खिलाफ एक सोची-समझी साजिश और एजेंडा है। एक फैन ने कहा, “थाला के खिलाफ सुनियोजित ट्रोलिंग हो रही है।”
वहीं, कुछ लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि धोनी न केवल इस हादसे, बल्कि ऑपरेशन सिंदूर, अहमदाबाद क्रैश और बेंगलुरु भगदड़ जैसे अन्य गंभीर मुद्दों पर भी खामोश क्यों रहते हैं।
यह विवाद इस ओर इशारा करता है कि पब्लिक फिगर्स की चुप्पी भी कभी-कभी लोगों की नजरों में जवाबदेही बन जाती है।
Besharam log https://t.co/9qXCet1c2Z
— MS DHONI 🦁 (@Vinayak30351489) June 12, 2025
अहमदाबाद हादसे विराट-रोहित ने जताया दुख
अहमदाबाद हादसे में हुई दर्दनाक एयर इंडिया विमान दुर्घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। अहमदाबाद हादसे में भयावह हादसे में 241 लोगों की जान चली गई, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी शामिल थे। इस दुखद घटना पर भारतीय क्रिकेट से जुड़ी कई दिग्गज हस्तियों ने अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं।
विराट कोहली ने कहा कि वे इस अहमदाबाद हादसे की खबर सुनकर स्तब्ध रह गए, वहीं रोहित शर्मा ने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जाहिर की। हरभजन सिंह, युवराज सिंह, सुरेश रैना, इरफान पठान, यूसुफ पठान, शिखर धवन और हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ियों ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है।
हालांकि, एमएस धोनी की चुप्पी को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है। फैंस का कहना है कि ऐसे संवेदनशील मौके पर उनकी खामोशी असंवेदनशीलता का प्रतीक है।
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