द्वारपाल-मुक्त कांग्रेस की स्थापना का समय
आपस में ही एक-दूसरे को नेस्त-ओ-नाबूद करने में लगे हुए अपने अगलियों-बगलियों की असलियत अगर राहुल-प्रियंका को ठीक से मालूम हो जाए तो, मुझे लगता है कि, वे ख़ुद ही बैरागी हो जाएं। क़रीब चार साल पहले राहुल अर्द्ध-संन्यासी कोई ऐसे ही नहीं हो गए थे। तब उन्होंने खुल कर कहा था कि 2019 के आम चुनाव में कई बार उन्हें गहरा अहसास हुआ कि वे तक़रीबन अकेले ही यह युद्ध लड़ रहे थे और उनकी पार्टी तक पूरे मन से उनके साथ नहीं थी। मैं आज तक नहीं समझ पाया कि दुनिया-जहान की ख़बरें रखने वाले और बचपन से...