• हॉकी:एशियाड गोल्ड ओलंपिक की गारंटी

    भले ही हमारा परंपरागत प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान अपनी पहचान खो चुका है फिरभी  यह कहना कि पाकिस्तान दौड़ में शामिल नहीं है, सरासर गलत होगा। कुछ माह पहले इसी पाकिस्तान को अपनी मेजबानी में हराने के लिए टीम इंडिया को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा था। भारतीय हॉकी टीम जोशो खरोश और बुलंद हौसलों के साथ एशियाई खेलों में भाग लेने जा रही है। खिलाड़ियों के हौंसले  ऊंचे हैं और  कोच को भरोसा है कि भारतीय टीम खिताब जीत कर पेरिस ओलंपिक का टिकट पा जाएगी। लेकिन यदि खिताब नहीं जीते तो रैंकिंग का उपहास उड़ना तय है। पिछले कुछ...

  • भारतीय फुटबाल के हत्यारे!

    आईएसएल नाम की बूढ़े खिलाड़ियों की लीग नीम चढ़ी साबित हो रही है। पता नहीं आईएसएल के आयोजन से भारतीय फुटबाल को कौनसा खजाना मिल गया है लेकिन बूढ़े और खेल मैदान से बेदखल कर दिए गए विदेशी खिलाड़ी आयोजकों के साथ मिल कर भारतीय फुटबाल को तमाशा बनाने पर तुले हैं। फुटबाल में सुपर पावर बनने और चंद सालों में फुटबाल जगत में हड़कंप मचाने का दावा करने वाली भारतीय फुटबाल अपने ही बुने जाल में उलझती नजर आ रही है। लगातार दर्जन भर मैचों में अजेय रिकार्ड बनाने वाली फुटबाल कहां जा रही है हाल के प्रदर्शन से...

  • एशियाई खेल: इस बार 100 पार की हुंकार

    यह बात अलग है कि पदक तालिका में पांचवें सातवें स्थान पर अटक जाते हैं। चीन, जापान, कोरिया और कुछ अन्य देश भारत की पदक उम्मीदों पर पानी फेरते आए हैं। चलिए मान लिया कि भारत सौ पदक जीत सकता है लेकिन गोल्ड कितने हो सकते हैं इस बारे में कोई भी कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। तो फिर शेखचिल्ली के सपने क्यों देख- दिखा रहे हैं? 'इस बार 100 के पार', चीन में आयोजित होने वाले एशियाई खेलों के लिए भारतीय खिलाड़ी कितने तैयार हैं और पदक तालिका में हम किस स्थान पर रहेंगे, इस बारे...

  • मुफ्त में मिली खैरात की लाज क्या बचेगी?

    अब फुटबाल टीमों को खुद को साबित करना है। देश के सर्वाधिक लोकप्रिय ओलंपिक खेल में भारत की स्थिति आज भले ही दयनीय है लेकिन 1951और 1962के एशियाई खेलों के विजेता को वापसी के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। सवाल पदक जीतने का नहीं है। यदि सम्मान जनक प्रदर्शन कर पाए तो भी चलेगा। भारतीय फुटबाल बहुत रोई गिड़गिड़ाई और अंततः उसे एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए हरी झंडी मिल गई है।  शायद ही किसी को ऐसी उम्मीद रही होगी। ना सिर्फ पुरुष टीम को बल्कि महिला टीम को भी मनचाही मुराद मिली है। है। भारतीय फुटबाल प्रेमियों...

  • सुनील क्षेत्रीः पूत के पांव पालने में दिख गए थे!

    लेकिन पिछले बीस सालों में सुनील ने भारतीय फुटबाल को जो कुछ दिया उसका बखान करने की जरूरत नहीं है। चूंकि सुनील को आज भारत के घर घर में जाना पहचाना जाता है, इसलिए हर कोई उसके बारे में किस्से कहानियां गढ़ता मिल जाएगा। उनमें से मैं भी एक हूं। मैने उसकी शुरुआती फुटबाल यात्रा को करीब से देखा परखा है। इसमें दो राय नहीं कि सुनील क्षेत्री को आसानी से भारत का सर्वकालीन श्रेष्ठ खिलाड़ी आंका जा सकता है। हो सकता है कि कुछ फुटबाल जानकारों को आपत्ति हो, क्योंकि वह उस दौर का भारतीय खिलाड़ी है जब भारतीय...

  • रोंदू और तुनक मिजाज कोच नहीं चाहिए!

    कुछ साल पहले तक भारतीय फुटबाल टीम के लिए पाकिस्तान को हराना ज्यादा मुश्किल नहीं था। हालाँकि आज भी हालत जस के तस हैं, क्योंकि पाकिस्तान की फुटबाल टीम भारतीय खिलाड़ियों की तरह सुविधाओं का सुखभोग नहीं कर पा रही।  भारत जीता जरूर पर चार गोलों की जीत के लिए मेजबान खिलाडियों को न सिर्फ जम कर पसीना बहाना पड़ा, कुछ एक अवसरों पर हाथ पाई की नौबत भी आई। अपनी मेजबानी, अपने दर्शक और सब कुछ अपने पक्ष में होने के बावजूद भारतीय फुटबाल टीम सैफ चैम्पियनशिप में पाकिस्तान और कुवैत के विरुद्ध कड़े संघर्ष और धक्का मुक्की के...

  • पहलवानों को अब इंतजार ही करना है!

    असली मुद्दा तो जस का तस है। पहलवान तो सिर्फ ब्रज भूषण की गिरफ्तारी पर अड़े हैं लेकिन एक बड़ा तबका कह रहा है कि उन्हें शायद घेर घोट कर फंसा लिया गया है। यदि ऐसा है तो अब तक की लड़ाई का कोई मायने नहीं रह जाएगा। आंदोलकारी पहलवानों और सरकार के बीच बढ़ते लाड प्यार को देखते हुए देश के कुश्ती पंडित हैरान नहीं है। कारण, उन्हें मालूम है कि विवाद का कोई स्वीकार्य हल इसलिए संभव नहीं है क्योंकि ब्रज भूषण शरण सिंह पर आरोप अबी साबित कहा है? पहलवानों ने धरना प्रदर्शन, कैंडल मार्च, पार्लियामेंट तक...

  • खेल बिरादरी में भारत की फजीहत!

    अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने भी पीटी उषा की अध्यक्षता वाली भारतीय ओलम्पिक समिति से पहलवानों की सुरक्षा और उन्हें न्याय देने का आह्ववान किया है और यदि कहीं चूक हुई तो भारत को ओलम्पिक बिरादरी माफ़ नहीं करने वाली। फिर से जगत गुरु बनने की ओर अग्रसर भारत को अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि पहलवानों की समस्या को शीघ्र निपटाएं और समय रहते फेडरेशन के चुनाव कराएं वरना भारत को कड़े प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। उधर अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने भी पीटी उषा की अध्यक्षता वाली भारतीय...

  • अन्यायी को हराने के बाद पदक जीतेंगे

    पहलवानों को इस बात का दुःख है कि देश के खेल प्रेमी प्रधान मंत्री ने एक बार भी हमारे बारे में दो शब्द नहीं कहे। बस इतना ही कह देते, "बच्चियों के साथ न्याय होना चाहिए।" उनके अनुसार राजनीति कौन कर रहा है पूरा देश जानता है लेकिन आगे बढे हुए कदम पीछे नहीं हटने वाले फिर चाहे कितनी भी बड़ी क़ुरबानी क्यों न देनी पड़ जाए। 'जो लोग हमारे आंदोलन और सत्य की लड़ाई को कमज़ोर करने की साजिश रच रहे हैं वे एक बात साफ़ साफ़ जान लें कि हम टस से मस नहीं होने वाले फिर चाहे...

  • नार्थ ईस्ट में क्रिकेट का जादू

    आईपीएल मुकाबले के साथ ही नार्थ ईस्ट में आईपीएल का बिगुल बज गया है । भले ही खेलने वाली टीमें और खिलाडी नार्थ ईस्ट के नहीं हैं लेकिन स्टेडियम का खचाखच भरा होना और क्रिकेट प्रेमीयों के सैलाब का उमड़ना बताता है कि नार्थ ईस्ट में  भी क्रिकेट का जादू सर चढ़ कर बोलने वाला है । गुवाहाटी के क्रिकेट स्टेडियम में राजस्थान रायल्स और पंजाब किंग्स के बीच खेले गए आईपीएल मुकाबले के साथ ही नार्थ ईस्ट में आईपीएल का बिगुल बज गया है। भले ही खेलने वाली टीमें और खिलाडी नार्थ ईस्ट के नहीं हैं लेकिन स्टेडियम का...

  • हमें चाहिए गोल के भूखे खिलाड़ी!

    जहां तक भारतीय फुटबाल की बात है तो सुनील उन बिरले खिलाड़ियों में से एक है जिसने गोल जमाने के हुनर से भारतीय टीम में सालों से स्थान सुरक्षित बनाए रखा है। उनसे पहले बाई चुंग भूटिया भी इस विधा के बेहतरीन खिलाड़ी रहे। लेकिन सुनील के बाद कौन गोल करेगा, यह सवाल राष्ट्रीय कोच और टीम प्रबंधन को सताने लगा है। सुनील क्षेत्री के बाद कौन? यह सवाल बार बार पूछा जाता है, जिसका जवाब भारतीय फुटबाल के पास नहीं है। दूर दूर तक नजर डालें तो सुनील का स्थान लेने के लिए एक भी खिलाड़ी तैयार नहीं है।...

  • गिरेबां में झांके ओलंपिक के दावेदार

    ख्याल अच्छा है लेकिन दावेदारी से पहले हमें अपनी गिरेबान में भी झाँक लेना चाहिए और जान लेना होगा कि दुनिया के सबसे बड़े खेल मेले को आयोजित करने के लिए हम किस हद तक तैयार हैं।… सबसे ज्यादा जरुरी यह  है कि इतने बड़े आयोजन से देश को क्या मिलने वाला है?  मसलन नाम सम्मान के साथ साथ भारतीय खिलाडी किन किन खेलों में पदक जीत सकते हैं और हम पदक तालिका में कौनसे नंबर पर रहेंगे। सौ साल से भी अधिक पुराने ओलंपिक खेलों में मात्र दो व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत महान के कुछ अति...

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