कोलकाता। कानून की छात्रा से गैंगरेप के मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा को बचाने के आरोप लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि मिश्रा और उसके दोनों साथी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं इसलिए पुलिस उनको बचाने की कोशिश कर सकती है। इसलिए मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग वाली एक याचिका कलकत्ता हाई कोर्ट में दर्ज की गई है। सोमवार को हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई। इसमें सीबीआई को मामले की प्रारंभिक जांच करके कोर्ट में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
इस याचिका में पीड़ित को मुआवजा देने और सरकारी शिक्षा संस्थानों में लड़कियों की सुरक्षा के लिए सिविल वॉलंटियर तैनात करने की भी मांग की गई है। हालांकि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या वहां तैनात सिविल वॉलंटियर ने ही की थी। बहरहाल, कानून की छात्रा के साथ गैंगरेप मामले में कुछ अन्य याचिकाएं भी दायर की गई हैं, जिनमें कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच कराने की मांग की गई है। बताया जा रहा है कि इस हफ्ते के आखिर में इन याचिकाओं पर सुनवाई हो सकती है।
गौरतलब है कि साउथ कलकाता लॉ कॉलेज में 25 जून को एक छात्रा से गैंगरेप हुआ था। मुख्य आरोपी यहीं का पूर्व छात्र मनोजीत मिश्रा है। इसमें दो मौजूदा छात्र जैब अहमद, प्रमित मुखर्जी और एक गार्ड पिनाकी को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले की जांच के लिए नौ सदस्यों की एसआईटी बनाई गई है। इस बीच रविवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने कॉलेज का दौरा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में कुछ छिपाने की कोशिश की जा रही है। मजूमदार ने कहा कि आयोग के साथ पुलिस पूरी तरह सहयोग नहीं कर रही है।