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कर्नाटक में आरएसएस पर तकरार

बेंगलुरू। एक तरफ राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ अपनी स्थापना के सौ साल का उत्सव मना रहा है तो दूसरी ओर कर्नाटक में उसकी तुलना तालिबान से की जा रही है तो सरकारी मैदानों में शाखा लगाने से रोका जा रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने राज्य में आरएसएस पर पाबंदी लगाने की मांग की है। उन्होंने सोमवार को कहा कि आरएसएस की मानसिकता तालिबान जैसी है। आरएसएस हिंदू धर्म को उसी तरह लागू करना चाहता है, जिस तरह तालिबान इस्लाम के सिद्धांतों को थोपने के लिए आदेश जारी करता है।

इसके पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने मुख्यमंत्री को चिट्टी लिखी थी। इसमें उन्होंने राज्य के सरकारी परिसरों और सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की शाखा लगाने पर पाबंदी की मांग की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे सरकारी जगह पर संघ की शाखा नहीं लगने दें। अब अपने बेटे की अपील के बाद सिद्धारमैया ने कहा है, ‘आरएसएस अपनी शाखा लगाने के लिए सरकारी परिसरों का इस्तेमाल कर रहा है। मैंने मुख्य सचिव से कहा है कि वे जांच करें और देखें कि तमिलनाडु सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। और क्या उन्हें कर्नाटक में भी लागू किया जा सकता है’। गौरतलब है कि तमिलनाडु ने सरकारी जमीनों पर राजनीतिक या सामाजिक गतिविधियों के आयोजन पर रोक लगाई है।

दूसरी ओर आरएसएस पर पाबंदी की मांग के बाद कर्नाटक भाजपा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की पुरानी फोटो शेयर की, जिसमें वे 2002 में बेंगलुरु के नागवारा में आरएसएस के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। तब वे राज्य के गृह मंत्री थे। भाजपा ने फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘प्रियांक कह रहे हैं कि संघ की गतिविधियां जहर फैलाती हैं इसलिए बैन लगाना चाहिए। लेकिन क्या आप भूल गए हैं कि 2002 में आपके पिता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संघ के शिविर का दौरा किया था’।

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By NI Desk

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