ट्रंप फिलहाल तो जीतते दिख रहे हैं
ट्रंप ने मर्दानगी को जगाने वाली अपनी छवि बनाई है। संभवतः इसीलिए स्त्री संबंधी मर्यादाओं को तोड़ने के उनके रिकॉर्ड का उनकी राजनीति पर कोई खराब असल नहीं हुआ है। हमले के तुरंत बाद जिस...
ट्रंप ने मर्दानगी को जगाने वाली अपनी छवि बनाई है। संभवतः इसीलिए स्त्री संबंधी मर्यादाओं को तोड़ने के उनके रिकॉर्ड का उनकी राजनीति पर कोई खराब असल नहीं हुआ है। हमले के तुरंत बाद जिस...
नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाजेशन) ने अपनी 75वीं सालगिरह पर वॉशिंगटन डीसी में अपना शिखर सम्मेलन आयोजित किया। चूंकि हर व्यावहारिक अर्थ में वॉशिंगटन नाटो की राजधानी है, इसलिए यह तार्किक ही है कि यह...
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ने अपने 24वें शिखर सम्मेलन के साथ एक नया मुकाम तय किया है। कजाख़स्तान की राजधानी अस्ताना में हुए इस शिखर सम्मेलन के साथ ही एससीओ प्लस के सरकार प्रमुखों की...
बाइडेन की जो दिमागी हालत है तो उसके मद्देजनर सवाल है कि अभी अमेरिका का शासन कौन चला रहा है? यह संदेह पहले से है कि सत्ता की कमान बाइडेन के हाथ में नहीं है।...
अब ‘निरंतरता’ और ‘स्थिरता’ का भाजपा का दावा अधिक विश्वसनीय मालूम पड़ सकता है। जो स्थितियां सामने हैं, उनके आधार पर कहा जा सकता है कि चार जून को जो झटके लगे और उनसे अस्थिरता...
अमेरिका और यूरोप का अनुभव यह है कि जहां और जब कभी धुर दक्षिणपंथी ताकतों के हाथ में सत्ता आई है, तब भी विदेश नीति में लगभग कोई फर्क नहीं पड़ा है। यह दीगर बात...
चूंकि मोदी अब अभेद्य नहीं दिख रहे, तो मार्केट की एजेंसियों ने अंदेशा जताना शुरू कर दिया है कि गठबंधन पर निर्भर सरकार के लिए दूरगामी प्रभाव वाले सुधारों को लागू करना अधिक कठिन हो...
चुनावी राजनीति का एक हद तक सामान्य रूप रूप में लौटने का संकेत ही इस आम चुनाव की विशेषता है। इसका अर्थ यह है कि नरेंद्र मोदी परिघटना (phenomena) पर विराम लग गया है। यह...
जब कभी और कहीं भी गंभीर चर्चा हुई है, तब आम लोगों की तकलीफों पर फोकस हुआ है। महंगाई, बेरोजगारी और आम जन की दुर्दशा नैरेटिव में आई है....क्या इसकी कोई बड़ी भूमिका चुनाव परिणाम...
मोदी के सामने यह आरोप भी रखा गया कि उनकी सरकार कुछ उद्योगपति घरानों के फायदे लिए काम करती है। सवाल को इस रूप में रखा गया कि उनकी सरकार की अंबानी-अडानी घरानों से करीबी...
मोदी की मरीचिकाएं देर-सबेर टूटेंगी, यह निर्विवाद है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि इस प्रक्रिया को उत्प्रेरित करने वाली और गति देने वाली विश्वसनीय राजनीतिक शक्तियों का सिरे से अभाव है। विपक्ष के नाम पर...
भारत का बौद्धिक वर्ग खोखला हो चुका है? माना जाता है कि जरूरी सवालों को चर्चा के केंद्र में लाना बौद्धिक वर्ग की जिम्मेदारी होती है। जब असमानता जैसे सवाल चर्चित होते हैं, तो राजनीतिक...
प्रधानमंत्री यह संदेश देना चाह रहे हैं कि गैर-बराबरी और बेरोजगारी खत्म करने की बातें अर्थव्यवस्था को नष्ट करने वाली हैं। देश के प्रभु वर्ग और उसके नियंत्रित मेनस्ट्रीम मीडिया ने इस कहानी को हाथों-हाथ...
सर्वे ने भारत में बहुसंख्यक जनता की तेजी से बिगड़ रही आर्थिक स्थिति और देश में बढ़ रहे वर्ग विभाजन का संकेत दिया है। क्या यह आज की एक बड़ी विंडबना नहीं है कि जमीनी...
प्रधानमंत्री मोदी ने अब सीमा पर की “असामान्यता” को पीछे छोड़ संबंधों को आगे बढ़ाने की बात की है। यह आश्चर्यजनक और रहस्यमय है। इसलिए कि मोदी सरकार की नीति भारतीय विदेश नीति को अमेरिका...