सर्वजन पेंशन योजना
  • राहुल गांधी का एजेंडा पृथ्वीराज चौहान ने मध्यप्रदेश में आगे बढ़ाया..

    भोपालI राहुल गांधी के एजेंडे को मध्यप्रदेश में आगे बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने मोर्चा संभाला.. देश की राजधानी और महत्वपूर्ण शहरों में एक साथ आयोजित 35 प्रेस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा बनी भोपाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की गैरमौजूदगी में प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल खास तौर से मौजूद थे.. मुद्दा राहुल गांधी को सजा सुनाए जाने के बाद संसद से सदस्यता जाने वाला वही नया लेकिन पुरानी लाइन पर  जो कांग्रेस की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर.. प्रेस कॉन्फ्रेंस में पिन पॉइंट सवाल 20 हजार करोड़ किसके.. जिसके जवाब के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस...

  • कांग्रेस के नाथ ‘अदृश्य’ पिछड़ों का ‘नेता’ अरुण…!

    कांग्रेस के नाथ कमलनाथ की पार्टी के लिए विशेष मौके पर लगातार गैरमौजूदगी कांग्रेस में पहले ही चर्चा का विषय बन चुकी है .. राहुल गांधी जब कांग्रेस  ही नही देश की सियासत की धुरी बने हुए हैं तब कमलनाथ नजर नहीं आ रहे.. तो अब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का अपने पिता स्वर्गीय सुभाष यादव के जन्मदिन पर शक्ति प्रदर्शन सुर्खियों में है.. वह बात और है कि इस कार्यक्रम में कमलनाथ दिग्विजय सिंह सुरेश पचौरी अजय सिंह विवेक तंखा जैसे सभी नेताओं को आमंत्रित किया गया है.. इस बीच राहुल गांधी की सदस्यता जाने और सरकारी आवास...

  • ‘नाथ’ को ’आला’ पर बैठाएंगे ’शाह’

    भाजपा के चुनावी चाणक्य अमित शाह के तरकश से सियासी तीर एक-एक करके बाहर निकलने का समय शायद आ गया। मध्य प्रदेश भाजपा को जब उम्मीदवार जिताऊ के लिए किसी फार्मूले और क्राइटेरिया का इंतजार। ऐसे में कमलनाथ की जिद 6 माह बाद मुख्यमंत्री बनकर दिखाएंगे। बाकायदा उल्टी गिनती भी इतने महीने रह गए। भाजपा नेतृत्व के कान खड़े होना लाज़मी। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ अपनी पार्टी कांग्रेस को एक जुट कर उसमें नया जोश भर पाए। उससे पहले भाजपा ने कांग्रेस के नाथ कमलनाथ को आले कहे या आरे पर बैठाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर...

  • मान सम्मान से साध्वी संग शिवराज हुए ‘सर्वमान्य’…!

    भोपाल। साध्वी उमा भारती के अभिनंदन और सार्वजनिक तौर पर एक दूसरे को दिए गए मान सम्मान से शिवराज निर्विवाद, स्वीकार्य से आगे सर्वमान्य हो गए हैं.. चुनावी साल में कुनबे को मजबूत करने के लिए सबको साथ लेकर आगे बढ़ने के लिए जिस नेता और नेतृत्व की दरकार पार्टी को होती है वह भाजपा शिवराज में देख रही है... मोदी शाह नड्डा और परदे के पीछे संघ को भरोसे में लेकर मिशन 2023 फतेह करने के लिए आगे बढ़ रहे शिवराज ने एक बार फिर खुद को समन्वय की सियासत का पुरोधा साबित किया.. इसे शिवराज की दूरदर्शिता ही...

  • माधव का अधूरा ख्वाब पूरा करेंगे ज्योति…!

    भोपाल। ज्योतिरादित्य के बल्लभ भवन और श्यामला हिल्स की राह में यदि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह रोड़ा साबित हुए.. तो उनके पिता श्री स्वर्गीय माधवराव को अर्जुन सिंह और कमलनाथ ने प्रतिद्वंद्विता के चलते मुख्यमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंचने दिया था.. उस वक्त राजीव गांधी चाहते थे कि माधवराव मध्य प्रदेश की कमान संभाले.. पहली बार विधायक दल की मैराथन बैठक और केंद्रीय हस्तक्षेप के बावजूद अर्जुन सिंह का उत्तराधिकारी मोतीलाल वोरा को चुना गया.. एक और मौका आया जब कांग्रेस विधायक दल की बैठक में दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया.. माधवराव जिन्होंने लगातार लोकसभा...

  • लाडली बहना: जन्मदिन पर जवाबदेही का अहसास…

    भोपाल। शिवराज सिंह चौहान ने जन्मदिन पर बतोर मुख्यमंत्री अपनी जवाबदेही का एहसास कराया.. उन्होंने आधी आबादी के लिए बड़ी हितकारी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना लाडली बहना पर फोकस बनाए रखा.. साथ मे पौधारोपण अभियान को पूरे प्रदेश में एक नए मिशन के साथ नई दिशा दी.. यानी सामाजिक सरोकार से लेकर सियासत के सभी दांव पेंच को लेकर शिवराज जन्मदिन पर कुछ ज्यादा ही संजीदा नजर आए.. महिला सशक्तिकरण की अपनी लाइन को आगे बढ़ाते हुए इस खास मौके पर चिंता बेटी से लेकर बहन और महिलाओं के उत्थान.. उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की.. ₹1000 महीने की सहायता से...

  • ‘अजय जामवाल’ को दर्द मर्ज की दवा की दरकार

    भोपाल। क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल को चुनाव में विजय के लिए जरूरी.. सबसे मजबूत कड़ी कार्यकर्ता की चिंता कुछ ज्यादा ही सता रही है .. यदि यह कार्यकर्ता रूठ गया तो मिशन 2023 की विजय का सपना चूर-चूर हो सकता है.. 2018 विधानसभा चुनाव की गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़ रही बीजेपी क्या नगरीय निकाय चुनाव में कम हुए वोट प्रतिशत को गंभीरता से लेगी.. क्या इसकी वजह पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता जो बूथ मैनेजमेंट और मतदाता को घर से बूथ तक पहुंचाने की सबसे अहम कड़ी साबित होता रहा.. पार्टी फोरम पर अपनी बेबाकी और खुले दिल...

  • दिल्ली में खिड़की खोली एमपी में दरवाजे बंद…!

    भोपाल। कमलनाथ जिन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले तक दिल्ली से दूरी बनाकर खुद को मध्यप्रदेश तक सीमित कर लिया था.. नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी छोड़ने के वक्त भी जिनकी प्राथमिकता में मध्य प्रदेश ही रहा ..अब कमलनाथ ने निर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे की कांग्रेस में एक खिड़की खोल ली है.. रायपुर से मध्यप्रदेश के लिए भी फिलहाल बड़ा संदेश यही निकल कर आया कि कमलनाथ ही सबसे स्वीकार्य लीडर .. दिल्ली को उनकी जरूरत क्या इसलिए उन्हें मध्यप्रदेश में फ्री हैंड दिया जाएगा.. या प्रमोशन की आड़ में डिमोशन का फंडा 23 के लिए पार्टी की नई व्यवस्था...

  • ‘अध्यक्ष’ से बड़ी लाइन बना रहे ‘नेता प्रतिपक्ष’

    राहुल गांधी का बयान जिसमें वो भारत जोड़ो यात्रा के प्रदेश से गुजरने के बाद दावा करते हैं कि इस बार मध्यप्रदेश में सरकार कांग्रेस की ही बनेगी.. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का दावा नया साल नई सरकार ..और अब नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह की भी धमाकेदार एंट्री वह भी कथित सीडी कांड में नया उबाल लाते हुए.. ऐसे में सवाल खड़ा होना लाजमी है नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के अंदर अपनी स्वीकार्यता बनाने के लिए चुनावी मुद्दों को धार दे रहे.. या फिर इसे कांग्रेस की रणनीति माना जाए और परदे के पीछे बड़े खिलाड़ी मुद्दे को हवा और...

  • विधायकों को नसीहत अध्ययन जरूरी..

    भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसरोवर सभागार में विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह द्वारा लिखित एवं शिवना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक “विधानमंडल पद्धति एवं प्रक्रिया” का विमोचन अध्यक्ष, मध्य प्रदेश विधानसभा गिरीश गौतम द्वारा संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा, श्री एन. पी. प्रजापति की गरिममय उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर मंत्रिगण, माननीय सदस्य एवं गणमान्यजन उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि यह पुस्तक प्रथम बार मध्य प्रदेश विधानसभा के विशेष संदर्भ में लिखी गई है जिसमें विधान मंडल पद्धति एवं प्रक्रिया की समग्र रुप से सरल...

  • शिवराज का ‘इकबाल बुलंद’ फैसला प्रशासनिक संदेश ‘राजनीतिक’

    भोपाल। मध्य प्रदेश के नए मुख्य सचिव के तौर पर इकबाल सिंह बैंस के नाम को ही अगले 6 माह के लिए हरी झंडी मिलने के साथ ही एक साथ कई संदेश चले गए.. 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले इकबाल सिंह की 6 मई के लिए सेवा वृद्धि का फैसला प्रशासनिक लेकिन बड़ा वह भी स्पष्ट संदेश पूरी तरह से राजनीतिक ही माना जाएगा.. संदेश चुनाव लड़ने वाले टिकट के दावेदार ..लड़ाने वाले खुद को शिवराज का विकल्प और उत्तराधिकारी मानने वाले ... यही नही चौहान को चुनाव में हराकर जीत का ताज पहनने वालों के लिए भी छुपा...

  • संघ की ‘पहली प्रयोगशाला’ पर गांधी परिवार की नजर..!

    संघ की पहली प्रयोगशाला माने जाने वाले मध्य प्रदेश पर क्या गांधी परिवार की नजर टिक गई है.. जिस मोर्चे पर राहुल प्रियंका और कांग्रेस लड़ती हुई नजर आ रही क्या मध्यप्रदेश उसे एक नया रास्ता दिखा सकता है.. मध्यप्रदेश संघ की पहली प्रयोगशाला इसलिए भी है क्योंकि 1925 में संघ के गठन के समय मध्यप्रदेश का बड़ा हिस्सा तबके सेंट्रल प्रोविंस का भाग था.. सरसंघचालक रहे डा. हेडगेवार, बालासाहब देवरस और भुस्कुटे जी का कार्यक्षेत्र भी जबलपुर, बालाघाट, टिमरनी आदि रहा । देश के दूसरे राज्यों की तुलना में कभी अविभाजित मध्य प्रदेश रहते जनसंघ के सबसे ज्यादा विधायक...

  • ‘सिंधिया’ पर क्यों मोदी-शाह की नजर…!

    भोपाल। बदलते राजनीतिक परिदृश्य में अचानक मोदी- शाह की आखिर सिंधिया पर नजर क्यों.. यह सवाल कमलनाथ सरकार के तख्तापलट और ज्योतिरादित्य की बगावत के बाद एक बार फिर खड़ा हो गया.. सवाल इसलिए क्योंकि महाकाल के दर पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी उज्जैन यात्रा के दौरान श्री महाकाल लोक का लोकार्पण करने के बाद जब दिल्ली रवाना हुए.. तो उनके साथ हवाई जहाज में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ही साथ गए.. जबकि कई और मंत्री और दिल्ली के नेता विमानतल पर मौजूद थे.. कोई विशेष मौका छोड़ दिया जाए तो मोदी युग में ऐसा कम ही हुआ है...

  • नाथ को सोनिया पर भरोसा राहुल से दिक्कत क्या..!

    भोपाल। राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, बिहार के बाद तमिलनाडु कांग्रेस की प्रदेश इकाई द्वारा जब राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया .. तब मध्य प्रदेश से नए प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष के चयन का अधिकार एक प्रस्ताव पारित कर सोनिया गांधी को सौंपा गया है.. इस बैठक में मध्य प्रदेश के नए प्रभारी जे .पी अग्रवाल और वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ भी प्रदेश प्रतिनिधियों की बैठक का हिस्सा बने ..प्रस्ताव नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने लाया तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने इसका समर्थन किया.. इसके साथ ही सोनिया गांधी को मध्य...

  • शिवराज को कमजोर कर चुनाव जीत पाएगी भाजपा..!

    भोपाल। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस में आया इसे जोश कहें.. जो दक्षिण से शुरू हो चुकी और आने वाले समय में मध्य प्रदेश में  राहुल 16 दिन सड़क पर बिताएंगे.. राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार और राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ने के बाद पहली बार मध्यप्रदेश आएंगे.. जो अब बतौर  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अपनी उपयोगिता साबित करना चाहते ..तो  कांग्रेस भाजपा से ज्यादा शिवराज सरकार के खिलाफ माहौल बनाना चाहती है.. या फिर  इसे मध्य प्रदेश भाजपा में व्याप्त अनिश्चितता और रुके हुए फैसलों के बीच नेतृत्व पर व्याप्त सस्पेंस खत्म ना करने...

  • शिवराज की नड्डा से मुलाकात और संघ की समन्वय बैठक..

    भोपाल। भाजपा नेतृत्व द्वारा राज्यों में 2024 की नई जमावट की कवायद के बीच संघ ने समन्वय बैठक बुलाई है.. सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत की मौजूदगी में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर  में 10/11/12 सितंबर को होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष खासतौर से मौजूद रहेंगे.. जहां नवागत मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय सह संगठन महामंत्री अजय जमवाल पिछले कई दिनों से डेरा डाले हुए हैं ..इस बैठक में संघ परिवार के 37 वैचारिक अनुषांगिक संगठनों के करीब 200 से ज्यादा अखिल भारतीय पदाधिकारी पदाधिकारी आगामी कार्य योजना पर चिंतन...

  • 2023 के बाद ‘कमलनाथ’ दिल्ली शिफ्ट हो जाएंगे..

    भोपालI प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का नया धमाका.. बोले हमारे नेताओं ने कहा कि आप दिल्ली शिफ्ट हो जाइए....मैंने कहा  मैं नहीं शिफ्ट होउंगा...2023 के बाद मैं शिफ्ट होउंगा...उससे पहले मैं शिफ्ट होने नहीं वाला...और मैंने ये तय किया कि मैं हर कांग्रेस परिवार के सदस्य से जुड़ा रहूंगा... एक न्यूज़ चैनल के इंटरव्यू के दौरान कमलनाथ का यह बयान सोशल मीडिया की सुर्खियां बन चुका है.. जबकि मध्य प्रदेश के सारे क्षत्रप कमलनाथ को एक बार फिर सीएम इन वेटिंग मान चुके  और राष्ट्रीय नेतृत्व उन्हें प्रदेश की राजनीति में फ्री हैंड दे चुका है.. एक बार फिर कांग्रेस...

  • दिग्विजय किसके लिए फायदेमंद क्यों हानिकारक…

    भोपाल। दिग्विजय सिंह का मतलब संघ के आंख की किरकिरी, जिसकी राजनीति में सक्रिय मौजूदगी पर भाजपा नए सिरे से नफा नुकसान का आकलन करने को मजबूर हुआ.. कभी फ्री कंसलटेंसी के लिए मशहूर रहे दिग्विजय सिंह यानि दृढ़ता से अपने बयानों से बेबाक बात कहने से ज्यादा जाने अनजाने ही सही विवाद को हवा दे देना.. फिर अपनी ही पार्टी कांग्रेस नेतृत्व को डैमेज कंट्रोल के लिए मजबूर कर देना..दिग्विजय सिंह जिन्हें राजनीति में धर्म के साथ हिंदू और हिंदुत्व की सियासत में अपनी छवि की चिंता सताती रही है .. Digvijay singh politics congress ढलती उम्र में दिग्विजय...

  • क्रॉस वोटिंग: नाथ कांग्रेस में बवाल से नया सवाल….!

    भोपाल। 2023 विधानसभा चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस को नगरीय निकाय के चुनाव परिणामों ने एक नई ऊर्जा दी है.. यही नही इस परिणाम ने नेताओं खास तौर से उसके क्षत्रपों को मुख्यधारा से जोड़े रखते हुए पुनः सत्ता में वापसी के लिए जरूरी एक और मौका भी दे दिया .. ऐसे में राष्ट्रीय नेतृत्व की प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से तो कांग्रेस के नाथ की अपनी टीम से बढ़ती अपेक्षाएं बढ़ जाती कि वो अपनी उपयोगिता साबित करें.. परिणाम एक तरफा नहीं न ही ज्यादा चौंकाने वाले फिर भी अपनी जीत से ज्यादा भाजपा की हार गदगद कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के हौसले...

  • जोर का झटका धीरे से.. भाजपा के क्षत्रप धराशाई क्यों…

    भोपाल। 2023 विधानसभा चुनाव में जोर-शोर से जुट चुकी भाजपा को आखिर क्यों मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को जोर का झटका धीरे से लगा.. आखिर यह स्थिति निर्मित क्यों गई इसके लिए नेतृत्व नेता के साथ क्या सरकार और संगठन की नीति और नियत उसकी दिशा जिम्मेदार है ..क्या भाजपा 2018 की स्थिति में आकर फिर खड़ी हो गई है.. नगर पालिका, नगर परिषद, में पार्षदों की अच्छी जीत, पंचायत चुनाव में दबदबा के बावजूद मेयर इलेक्शन ने आखिर भाजपा की भद्द क्यों पीट दी.. क्या भाजपा में यह स्थिति निर्मित होने के लिए उसके क्षत्रपों...

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