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14-07-2025 Vol 19

शकील अख़्तर

स्वतंत्र पत्रकार। नया इंडिया में नियमित कन्ट्रिब्यटर। नवभारत टाइम्स के पूर्व राजनीतिक संपादक और ब्यूरो चीफ। कोई 45 वर्षों का पत्रकारिता अनुभव। सन् 1990 से 2000 के कश्मीर के मुश्किल भरे दस वर्षों में कश्मीर के रहते हुए घाटी को कवर किया।

फट गया है “ हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान” की नारेबाजी का गुब्बारा!“

झूठे नारों का गुब्बारा फटना था। बहुत ज्यादा हवा भर दी। कांग्रेस पीओके नहीं ले पाई हम ले लेंगे। सेना को खुली छूट नहीं देते थे हम देंगे।

हमारा युद्धविराम, उनका युद्धविराम!

आज खोमेनेई के साथ ट्रंप का नेतृत्व भी चर्चाओं में है। हालांकि दोनों एक-दूसरे को सख्त नापंसद करते है।

ईरान को मारना है तो ट्रंप ने पाक को पुचकारा

साइंस, टेक्नोलाजी, अंग्रेजी के इस जमाने में इस्लामिक मुल्क यदि अपने यहां मार्डन एजुकेशन और दूसरे सुधारों की शुरूआत नहीं करते हैं तो उनके लिए वक्त और खराब आने...

राहुल को पार्टी में मजबूत नेतृत्व दिखाना होगा !

कांग्रेस की यह बहुत बड़ी सच्चाई है कि इसके नेता किसी के सगे नहीं होते हैं। इन्हें सिर्फ सत्ता दिखती है। निजी लाभ।

दतिया में एयरपोर्ट! श्रेय नरोत्तम मिश्रा को ही

वे पिछला चुनाव जरूर हार गए उसकी अलग कहानी है मगर इस बात में कोई दो राय नहीं कि दतिया में आजादी के बाद जो भी विकास हुआ है...

क्या आपरेशन सिंदूर पर होगा बिहार चुनाव?

भला अभी से क्यों वोट के लिए माहौल बनाया जा रहा हैं?  अभी तो लोकसभा हुए एक ही साल हुआ। क्या चार सौ पार का माहौल बन गया हैं?

पाकिस्तान छोड़ राहुल से लड़ रहे हैं!

इस युद्ध की स्थिति में आ गए समय पर लोगों को अचानक इंदिरा गांधी याद आने लगी थीं। अपने आप लोगों के मन से निकली आवाज थी कि ऐसी...

ट्रंप की 56 इंच की छाती या मोदी की?

सवाल क्या हैं? एक, जब हम जीत रहे थे, जो भाजपा बार बार कहती है पीओके पर कब्जा वह सेना करने में समर्थ थी तो अचानक युद्ध विराम क्यों

कर्नल सोफिया कुरैशी की ब्रीफिंग से अच्छा संदेश

विशेष ध्यान खींचा कर्नल कुरैशी ने—एक मुस्लिम महिला अधिकारी, जो देश की सबसे बड़ी सेना, थल सेना, की ओर से प्रतिनिधित्व कर रही थीं।

लोक गायिका, शिक्षिका पर भी एफआईआर!

कांग्रेस को, इन्दिरा गांधी को और राजीव गांधी को भी प्रेस की आजादी तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहुत घेरा जाता है।

पाकिस्तान तो चाहता है हिंदू-मुस्लिम हो

विरोध कश्मीर में भी हो रहा है। मस्जिदों से आतंकवादियों की मजम्मत (भर्त्सना) की जा रही है।

ईडी की इस चार्जशीट पर कांग्रेस की परीक्षा !

सवाल अब राहुल का है। मोदी ऐसे मामलों में फंसाकर राहुल को रोकना चाहते हैं।

सीपीएम और कांग्रेस क्या अधिवेशन से पाएंगी नई दिशा?

भाजपा संघ को लगता है कि देश की जनता उनके वृक्ष की छाया के बदले कांग्रेस के पेड़ की सबको समान छाया और लेफ्ट की गरीबों को खासतौर से...

बिहार में कांग्रेस सही रास्ते पर

bihar assembly election : भाजपा की कोशिशें असफल हो गईं। तो आपने देखा की सबसे बड़ी राजनीतिक खबर न तो टीवी में चली और न ही अखबारों में।

बिहार में नए अध्यक्ष से कांग्रेस की उम्मीदें जगी!

bihar new president : कांग्रेस कभी कभी जनता और अपने कार्यकर्ताओं की सुनती भी है। बिहार में प्रदेश अध्यक्ष बदलने का फैसला देखकर तो यह लगा।

मीडिया ने होली पर भी चढ़ाए नफरत के रंग !

होली भारत का सबसे अधिक उमंग, जोश और उल्लास का त्यौहार है। मगर अफसोस जो इसका उपयोग भी नफरत बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

बाहर कुछ न हाथ लगे, पर घर में शान बघारें!

modi trump : भारत का कृषि बाजार अमेरिका के लिए खोलने को कह रहा है अगर यह हो जाता है तो भारत का किसान और बरबाद हो जाएगा।

थरुर की कोई विश्वसनीयता नहीं!

राहुल कहते हैं चले जाओ। मगर जाएगा कोई नहीं। जो लोग पार्टी का नुकसान कर रहे हैं उन्हें निकलाने की हिम्मत राहुल और खरगे को दिखानी होगी। 

अंधों को भारतीयों की हथकड़ी-बेड़ी नहीं दिख रही!

प्रधानमंत्री मोदी कहते थे कि 2014 से पहले भारत में जन्म लेना शर्म की बात थी।

डरो मत के मंत्र से ही विपक्ष बचेगा!

शोले फिल्म का डायलाग राजनीति में बिल्कुल सही साबित हो रहा है। जो डर गया समझो वह मर गया!

पत्रकारिता भारत में सबसे जोखिम का काम

देश में पत्रकार और पत्रकारिता इस समय अपने सबसे कमजोर समय में है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत लगातार गिरता जा रहा है।

कांग्रेस हरियाणा नहीं हारती तो 25 की शुरूआत अलग होती

अगर हरियाणा नहीं गंवाया होता तो महाराष्ट्र में भी सीन यह नहीं होता। और 2025 कांग्रेस बहुत उत्साह से शुरू करती।

बिना संगठन और सख्ती के राहुल की सारी मेहनत बेकार

अगर कांग्रेस कर्नाटक के उत्तर पश्चिम में बसे ऐतिहासिक बेलगाम या बेलगाव जाकर लेना चाहे तो उसमें भी कोई बुराई नहीं है।

अंबेडकर और अमित शाह का सेल्फ गोल!

यह सब बातें अपना असर कर ही रहीं थीं कि अमित शाह का यह बयान आ गया। सीधा अंबेडकर के खिलाफ।

अंधेरा और घना होता जा रहा है!

रिटायर हुए चीफ जस्टिस चन्द्रचूड़ ने सन् 2022 में ज्ञानवापी मामले में एक टिप्पणी करके 1991 के शांति और सौहार्द के कानून को कमजोर कर दिया।

जब तक ईवीम है तब तक मोदी हैं!

महाराष्ट्र में भाजपा की अविश्वसनीय स्ट्राइक रेट। और ईवीएम पर सवाल तेज हुआ तो सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट सवाल की शक्ल में आ जाता है कि जीतने पर चुप...

मोदीजी, मणिपुर की लाइव फिल्म देखिए!

प्रधानमंत्री कश्मीर फाइल्स, केरल स्टोरी, द साबरमती रिपोर्ट फिल्मों की तारीफ करते हैं मगर सामने वास्तविक रूप से घट रहे मणिपुर पर आंखे मूंदे हैं।

भारत को डरा हुआ देश बनाना हैं!

बेटी छीन लेने से ज्यादा डराने, अपमानजनक बात और क्या होगी? मगर जब मुकाबला गिरने का हो तो फिर आप कुछ नहीं कह सकते।

अमेरिका में डेमोक्रेटस और भारत में कांग्रेसी!

डेमोक्रेट हार के कारणों का विश्लेषण करेंगे। वहां के अख़बार भी करेंगे। न्यूज चैनल भी। समाज विज्ञानी भी।

अपना भी तआल्लुक है दिवाली से, तुम्हारे से !

दिवाली पर दिवाली के सिवा और क्या याद आता है? हालांकि समय बहुत खराब ला दिया है। दिवाली पर भी हिन्दू, मुसलमान कर रहे हैं।

प्रियंका का पहला ही चुनाव दक्षिण से

कभी आरएसएस का नारा था गर्व से कहो हम हिन्दू हैं। देश भर की दिवारों पर लिखवाया गया था।

ईवीएम पर ही नहीं खुद पर भी सोचे कांग्रेस!

कांग्रेस के मठाधीशों की यह कहानी लंबी है। लेकिन इसका तोड़ बहुत छोटा है।

राहुल अब नेता हो गए हैं

जिसने भी पिछले दो दिन राहुल की यात्रा देखी है उसकी समझ में आ गया है कि राहुल ने हरियाणा में कांग्रेस की हवा को आंधी में बदल दिया।...

कांग्रेसी क्षत्रप ही कांग्रेस को डुबोते हैं !

ताजा प्रसंग हरियाणा का है। वहां कांग्रेसियों ने बैठे बिठाए भाजपा को आक्सिजन दे दी। टिकट बंट गए।

राहुल के खिलाफ ऐसा भड़काऊ माहौल!

प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी को उनकी पार्टी के और सहयोगी पार्टी के नेता उनकी सरकार के मंत्री जान से मारने की बात कर रहे हैं।

मोदी क्यों नहीं वहा राहुल की तरह कांफ्रेस करते?

गोदी मीडिया को कहना चाहिए भगवन एक यहां कर लें बाकी किसी को आने नहीं देना और हम कुछ पूछेंगे नहीं। प्रेक्टिस हो जाएगी और फिर बस वहां अमेरिका...

आर्यन मिश्रा के मारे जाने पर लोग चौंके तो सही!

अभी नहीं सुनेंगे! मगर जब सत्ता में नहीं होंगे तब सुनना भी पड़ेगा और जवाब देना भी पड़ेगा।

ममता का विकेट गिरा तो मोदी में लौटेगा दम!

सीबीआई ने चार्जशीट सौंपी है एक आरोपी के खिलाफ उसके अलावा अभी तक कोई सबूत नहीं है। मगर आंदोलन को और तेज और लंबा किया जा रहा है।

240 की मजबूर, विभाजक मोदी सरकार!

मीडिया के अंध सपोर्ट के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी को लैटरल एंट्री का आदेश वापस लेना पड़ा।

15 अगस्त को 15 अगस्त की चिंता!

क्या यह 15 अगस्त रहेगा या आजादी का कोई दूसरा दिन घोषित होगा? और क्या यह देश मुसलमानों का नहीं है?

विश्वासघात से बड़ा पाप कोई नहीं!

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बहुत बड़ी बात कह दी। सब धर्माचार्यों को इस तरह सच बोलने का साहस दिखाना चाहिए।

राहुल की चढ़ती कला, मोदी की घटती हुई!

राहुल प्रधानमंत्री मोदी के साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने के कोशिशों पर हमेशा प्रहार करते रहे हैं।

विपक्ष का चेहरा खिला-खिला रहेगा?

विपक्ष को जनता ने जिताया नहीं मगर मजबूत बहुत कर दिया। संख्या से तो जितना किया उतना कियाही मगर हौसले बहुत बढ़ा दिए।

प्रियंका का पहला चुनाव ही दक्षिण से

दक्षिण भारत से अभी तक गांधी नेहरू परिवार का इतिहास रहा है जीतने का। मगर यहभी सच है कि वहां से पहला चुनाव किसी ने नहीं लड़ा।

खुशफहमी न पाले, कांग्रेस अब अपने को ठिक करें!

राहुल के पास अब टाइम ही टाइम है। क्या करना है? मगर करने को कुछ सबसे जरूरी काम हैं। उनमें संगठन मजबूत करना सबसे टॉप प्राथमिकता पर होना चाहिए।

मोदी-योगी का भौकाल टूटा, राहुल-अखिलेश का जलवा बना

जनता ने मोदी और योगी दोनों का अहंकार तोड़ दिया। बता दिया कि वोटकाम करने से मिलते हैं। बातों से नहीं। बुलडोजर लोगों का दिल नहीं जीत सकता।

मीडिया इतना कभी नहीं गिरा !

इन लोकसभा चुनावों में मीडिया जितना चर्चा में रहा उतना पहले कभी नहीं रहा। मीडिया खुद ज्यादा चर्चा में रहने के लिए नहीं होता।

मोदीजी मुसलमान छोड़ो! हिन्दू भाईयों का तो भला करो !

मोदी जी मुसलमानों से आपको क्या चाहिए बता दो! मगर हिन्दू भाईयों को तो परेशान करना बंद करो।