Wednesday

30-04-2025 Vol 19

गेस्ट कॉलम

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धीरे-धीरे गाड़ी हांको मेरे राम गाड़ी वाला……

धीरे-धीरे गाड़ी हांको मेरे राम गाड़ी वाला……

यदि हम धरती पर यह मान कर जीते हैं कि हमारे जीने से धरती पर फर्क पड़ता है, तो चिंता की कोईबात नहीं है।
पंचम शब्द से जुड़ा है वसंत का स्वरूप

पंचम शब्द से जुड़ा है वसंत का स्वरूप

भारतीय काल गणना परंपरा में बारहमासे में षड्ऋतुओं अर्थात छः ऋतुओं का विधान किया गया है। ये छः ऋतुएँ हैं- वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत व शिशिर अर्थात शीत
सर्वकामना के लिँए षटतिला एकादशी

सर्वकामना के लिँए षटतिला एकादशी

माघ मास में पूरे माह व्यक्ति को अपनी समस्त इन्द्रियों पर काबू रख काम, क्रोध, अहंकार, बुराई तथा चुगली का त्याग कर भगवान की शरण में जाना चाहिए।
राहुल का अशोक वाजपेयी से सहमत नहीं होना अच्छा!

राहुल का अशोक वाजपेयी से सहमत नहीं होना अच्छा!

 राहुल की यात्रा के कई रंग हैं। इसमें एक सबसे खूबसूरत लेखक, कवियों को आमंत्रित करना है। यह तो हमें पता नहीं कि कितने साहित्यकारों को आमंत्रित किया गया।
अब सुप्रीम कोर्ट को भी चुनाव आयोग की तरह मातहती में लाने की तैयारी…!

अब सुप्रीम कोर्ट को भी चुनाव आयोग की तरह मातहती में लाने की तैयारी…!

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति एक कालेजियम द्वारा की जाती है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायधीश और तीन अन्य साथी जज होते हैं।
स्वामी विवेकानन्द: व्यवहारिक जीवन के शिक्षक

स्वामी विवेकानन्द: व्यवहारिक जीवन के शिक्षक

विवेकानन्द ने ऐसी अनेक सीख दी, जो नित्यप्रति जीवन में काम आने वाली है। जैसे, उन्होंने कहा था कि ‘किसी कठिनाई से भागो नहीं’।
जोशीमठवासियों की पीड़ा हम सबकी पीड़ा

जोशीमठवासियों की पीड़ा हम सबकी पीड़ा

पर्यावरण-जरूरत यह है कि सरकार समूचे हिमालय क्षेत्र की चिंता के लिए खास दीर्घकालीन योजना बनाए।
बच्चों में झूठ की आदत कैसे छूटे?

बच्चों में झूठ की आदत कैसे छूटे?

झूठ बोलना बच्चों का आम व्यवहार है, सभी बच्चे कभी न कभी तो झूठ बोलते ही हैं। समस्या तब होती है जब इसकी आदत पड़ जाये।
अभागी दिल्ली को अपनी मनपसंद सरकार बनाने का भी हक़ नहीं हैं…!

अभागी दिल्ली को अपनी मनपसंद सरकार बनाने का भी हक़ नहीं हैं…!

दिल्ली सरकार के अफसरों और कर्मचरियों पर केंद्र सरकार का नियंत्रण है तब आखिर यहां पर एक चुनी हुई सरकार क्यूं ?
उत्तरायण सूर्य होते ही उत्तरों की प्रतीक्षा बढ़ी

उत्तरायण सूर्य होते ही उत्तरों की प्रतीक्षा बढ़ी

प्रदेश में राजनीतिक दलों की सक्रियता जिस तरह से बढ़ गई है सर्वे रिपोर्ट आ रही हैं उसके बाद सत्ता संघर्ष तेज हो गया है।
अयन परिवर्तन कालखंड में मनाई जाती है ‘मकर संक्रांति’

अयन परिवर्तन कालखंड में मनाई जाती है ‘मकर संक्रांति’

हम लोगों में से बहुत कम लोग जानते हैं कि मकर संक्रांति का पर्व क्यों मनाया जाता है और वह भी प्रतिवर्ष 14 जनवरी को ही क्यों
सियासत के सूखे पठार से रूमानियत की उम्मीद

सियासत के सूखे पठार से रूमानियत की उम्मीद

मैं नहीं मानता कि उनकी पदयात्रा ने सब-कुछ बदल कर रख दिया है, लेकिन उन्होंने दो व्यक्तित्वों के फ़र्क़ के हर्फ़ आम दिमाग़ों में चस्पा कर दिए हैं।
शरद यादवः उनसे मिली नई राजनीतिक दृष्टि

शरद यादवः उनसे मिली नई राजनीतिक दृष्टि

ढेर सारी बाते और यादे हैं। मैं उन्हें कभी नहीं भूल पाऊंगा। उनसे लंबे अरसे से ना मिलने का पछतावा भी मुझे खाता रहेगा।
फिर याद आई गांव सुरक्षा समितियां

फिर याद आई गांव सुरक्षा समितियां

गांव सुरक्षा समितियों की आज भी कितनी अधिक आवश्यकता है यह राजौरी की ताज़ा घटना ने बता दिया है।
उपद्रवी हवाई यात्रियों पर लगे कड़ा अंकुश

उपद्रवी हवाई यात्रियों पर लगे कड़ा अंकुश

समसामयिक-ऐसी हरकत करने से पहले व्यक्ति को ख़ुद ही सोचना चाहिए कि क्या जो वो कर रहा है वो सही है?
इंदौर से चुनावी दौर

इंदौर से चुनावी दौर

तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन हो चुका है और आज से इन्वेस्टर सम्मिट शुरू हो गई है।
पहले दुःखी इंसान की मदद हो: स्वामी विवेकानंद

पहले दुःखी इंसान की मदद हो: स्वामी विवेकानंद

धर्म-समाज-पहले मनुष्य की रक्षा आवश्यक है-अन्नदान, धर्मदान, विद्यादान करना पड़ेगा। इनके बाद यदि रूपया बचा..।
लालबहादुर शास्त्री: छोटे कार्यकाल के बड़े,प्रभावी प्रधानमंत्री

लालबहादुर शास्त्री: छोटे कार्यकाल के बड़े,प्रभावी प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 27 मई 1964 को मृत्यु के बाद साफ -सुथरी छवि के कारण लालबहादुर शास्त्री को कांग्रेस ने 9 जून 1964 को देश का दूसरा प्रधानमंत्री...
राहुल ठाने कि कांग्रेसी केवल उनका इस्तेमाल न करें!

राहुल ठाने कि कांग्रेसी केवल उनका इस्तेमाल न करें!

राहुल गांधी ने ठान लिया था कि कोई साथ आए या न आए मैं अकेला हीचलूंगा।राहुल को क्यों कहनी पड़ी थी यह बात कि में अकेले चलूंगा। क्योंकि जिससभा...
जोशीमठ का ध्वंश का अपशकुन क्या अयोध्या पुनर्निर्माण का पुण्य होगा

जोशीमठ का ध्वंश का अपशकुन क्या अयोध्या पुनर्निर्माण का पुण्य होगा

आखिर में जिसका डर था वही हुआ, बद्रीनाथ का सिंघद्वार जोशिमठ के 25 हज़ार निवासियों और तीर्थयात्रियों के लिए खतरनाक घोषित कर दिया गया हैं।
पहाड़ों में दरार प्राकृतिक प्रकोप या हमारी भूल…?

पहाड़ों में दरार प्राकृतिक प्रकोप या हमारी भूल…?

हमारे देश की देवभूमि उत्तराखंड इन दिनों संकट के दौर से गुजर रही है, करोड़ों भारतीयों की धार्मिक भावना का यह केंद्र इन दिनों प्राकृतिक प्रकोप का केंद्र बिंदु...
संघ परिवार: अब कुरान का प्रचार!

संघ परिवार: अब कुरान का प्रचार!

अभी नागपुर विश्वविद्यालय में चल रही 108 वीं इंडियन साइंस कांग्रेस में रा.स्व.संघ के शिक्षण मंडल की संस्था ‘रिसर्च फॉर रिसर्जेंस फाउंडेशन’ ने सोने की स्याही से लिखी एक...
तनाव से कैंसर तक में तुलसी उपयोगी!

तनाव से कैंसर तक में तुलसी उपयोगी!

जरनल ऑफ आर्युवेदा एंड इंटीग्रेटिव मेडीसन्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एंटी-एंग्जॉयटी और एंटी-डिप्रेसेन्ट्स प्रॉपर्टीज से भरपूर तुलसी स्ट्रेस दूर करने में किसी भी मार्डन दवा से कम...
संघ की राहुल यात्रा पर असल सोच क्या?

संघ की राहुल यात्रा पर असल सोच क्या?

जिस दिन से राहुल गांधी ने, कन्याकुमारी से, ‘भारत जोड़ो पद यात्रा’ शुरू की है उस दिन से भाजपा के प्रवक्ता, उसकी आईटी सेल और उसके नेता राहुल गांधी...
चुनावी मौसम में कैसे बना रहे सद्भाव

चुनावी मौसम में कैसे बना रहे सद्भाव

राष्ट्र-राज्य-आजादी के 75 वर्ष बाद आज हम केवल लोगों को बांट रहे हैं। उनके बीच नफरत के बीज बो रहे हैं।
ठूंठ-राज के अनंत प्रतीक्षालय में

ठूंठ-राज के अनंत प्रतीक्षालय में

सियासत बहुत हो ली। नए साल में ज़रा ज़िंदगी से जुड़े बाकी आयामों पर भी नज़र डालें। एक राजनीति को ही राजनीतिकों ने रसातलगामी नहीं बना दिया है।
तीर्थ और पर्यटन स्थल का फर्क समझे सरकार

तीर्थ और पर्यटन स्थल का फर्क समझे सरकार

झारखंड प्राकृतिक पर्यटन की संभावना से भरा हुआ प्रदेश है। उन्हें विकसित करने की बजाय जैन समाज के सबसे पवित्र तीर्थ को पर्यटक स्थल बनाने का विचार समझ से...
मप्र विस चुनाव: क्रियान्वयन और आश्वासनों का आगाज

मप्र विस चुनाव: क्रियान्वयन और आश्वासनों का आगाज

भा जा पा जहां घोषणाओं और योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दे रही है वही विपक्षी दल कांग्रेश द्वारा सरकार बनने पर पार्टी क्या करेगी इसके आश्वासन दिए जा...
सिखों के दशम गुरु, गुरु गोविंद सिंह

सिखों के दशम गुरु, गुरु गोविंद सिंह

गोविंद राय को सैन्य जीवन के प्रति लगाव अपने दादा गुरु हरगोबिन्द सिंह से मिला था और उन्हें महान बौद्धिक संपदा भी उत्तराधिकार में मिली थी।
‘अध्यक्ष’ से बड़ी लाइन बना रहे ‘नेता प्रतिपक्ष’

‘अध्यक्ष’ से बड़ी लाइन बना रहे ‘नेता प्रतिपक्ष’

व्यापम कांड में एक और एफ. आई. आर की भी.. लेकिन बयान सीडी से जुड़े तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के जिम्मेदार नेता की मुलाकात इस सियासत को गरमा...
मायावती के रास्ते पर डरे हुए अखिलेश?

मायावती के रास्ते पर डरे हुए अखिलेश?

अखिलेश, मायवती की तरह ही एक डरे हुए नेता बन रहे हैं। उसका नतीजा भी वहीहोगा। मायावती की तरह वे भी यूपी में खत्म हो जाएंगे।
विपक्षहीन लोकतंत्र : निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय….

विपक्षहीन लोकतंत्र : निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय….

क्या हमारे देश के मुख्य कर्णधारो ने कभी इस सच्चाई पर भी गौर किया कि बिना अधिकारिक या संवैधानिक विपक्ष के लोकतंत्र अधूरा है?
भगवान विष्णु काकच्छप अवतार

भगवान विष्णु काकच्छप अवतार

3 जनवरी-कूर्म द्वादशी पर विशेष: भगवान विष्णु के प्रसिद्ध दस अवतारों में दूसरा अवतार और चौबीस अवतारों में ग्यारहवां अवतार कूर्म अवतार हैं।
चीन को ले कर सरकार का विरोधाभासी रूख

चीन को ले कर सरकार का विरोधाभासी रूख

गलवान घाटी की घटना और कोविड महामारी के पहले तक चीन और भारत के बीच आपसी व्यापार बहुत तेजी से बढ़ा था। पलड़ा चीन के पक्ष में भारी था।
नये साल में दलों के सरकार बनाने के प्लान

नये साल में दलों के सरकार बनाने के प्लान

सत्तारूढ़ दल भाजपा ने हारी हुई सीटों को जीतने का प्लान बनाया है तो कांग्रेश ने नया साल नई सरकार का अभियान शुरू कर दिया है।
राजनीति अर्थात ‘मैं चाहे जो करुं मेरी मर्जी…

राजनीति अर्थात ‘मैं चाहे जो करुं मेरी मर्जी…

लोकतंत्र में राजनीति का अर्थ सत्ता के जरिए सुशासन लाना सबसे अहम माना गया लेकिन अब ज्यादातर सियासत और सत्ता में मनमानियां ज्यादा हो गई है
नया वर्ष, पहला दिन संकल्प लेने का

नया वर्ष, पहला दिन संकल्प लेने का

देश में अब आंग्ल संवत्सर व वर्ष का बोलबाला है। अंग्रेजी वर्ष का आरम्भ 2022 वर्ष पूर्व ईसा मसीह के जन्म वर्ष व उसके एक वर्ष बाद हुआ था।
गिरेबां में झांके ओलंपिक के दावेदार

गिरेबां में झांके ओलंपिक के दावेदार

करोड़ों और अरबों की कीमत पर बनाए गए स्टेडियम यदि ओलंपिक के बाद सफ़ेद हाथी बने रहे तो क्या ओलंपिक आयोजन को बेमतलब करार नहीं दिया जाएगा?
आप का समय शुरू होता है, अब!

आप का समय शुरू होता है, अब!

2023 के गर्भ से 2024 का जन्म होगा। 2023 के प्रसव-काल में जैसी देखभाल हम कर पाएंगे, जैसा खानपान हम दे पाएंगे, वैसी ही संतान 2024 की गोद में...