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सनातन धर्मं और वैद-पुराण ग्रंथों के गंभीर अध्ययनकर्ता और लेखक। धर्मं-कर्म, तीज-त्यौहार, लोकपरंपराओं पर लिखने की धुन में नया इंडिया में लगातार बहुत लेखन।
  • हर मनुष्य के लिए कब मुमकिन अच्छा भोजन, सही सेहत?

    लोगों को खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व भर में 7 जून को प्रतिवर्ष विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। खाद्य सुरक्षा, खाद्य सामग्री के उपभोग से पूर्व फसल के उत्पादन, भंडारण और वितरण तक खाद्य श्रृंखला के प्रत्येक चरणों अर्थात हर स्टेप के पूर्ण रूप से सुरक्षित होने की सुनिश्चितता प्रदान करती है। हर वर्ष इस दिन के लिए एक थीम यानी विषय तय किया जाता है। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के लिए इस वर्ष 2023 की थीम तय की गयी है -सुरक्षित भोजन, बेहतर स्वास्थ्य अर्थात सेफ़र फ़ूड बेटर हेल्थ। 7 जून- विश्व खाद्य...

  • भारतीय परम्परा में पर्यावरण की चिंता

    यजुर्वेद के एक लोकप्रिय मंत्र36/17 में अंकित मन्त्र -द्योः शांतिरंतरिक्षं... । में समूचे पर्यावरण को शान्तिमय बनाने की अद्भुत स्तुति है। स्वस्तिवाचन की इस अद्भुत ऋचा में द्युलोक, अंतरिक्ष और पृथ्वी से शान्ति की भावप्रवण प्रार्थना करते हुए कहा गया है कि जल शान्ति दे, औषधियां-वनस्पतियां शान्ति दें, प्रकृति की शक्तियां - विश्वदेव, सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड शान्ति दे। सब तरफ शान्ति हो, शान्ति भी हमें शान्ति दें। 5 जून-विश्व पर्यावरण दिवस ग्लोबल वार्मिंग तथा जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न होने वाले पर्यावरण संकट की समस्या व इसके समाधान के उपाय पर विचार- विमर्श और इसके प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने...

  • सरयू नदीःश्रीराम की जन्म-कर्म भूमि की साक्षी

    श्रीराम की नगरी अयोध्या की भूमि को उपजाऊ बनाने और भगवान श्रीराम जन्म का साक्षी बनने में सरयू का विशेष योगदान है। अयोध्या वास्तव में सरयू नदी से समृद्ध है, जो वर्तमान में एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में सामने आया है और एक पवित्र भूमि की तरह पूजी जाती है है। श्रीराम के जन्म के समय सरयू नदी के तट पर बसे अधिकांश शहर वर्तमान में पर्यटक तीर्थ स्थल हैं। 4 जूनः सरयू जयंती सरयू नदी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में बहने वाली भारत की प्राचीन नदियों में से एक है। घाघरा, सरजू, शारदा, देविका, रामप्रिया इस...

  • वट वृक्ष की पूजा और सावित्री व्रत

    वट सावित्री पूर्णिमा 3 जून 2023 सोमवार को है। वहीं वट सावित्री पूर्णिमा वाले दिन विवाहित महिलाएं सुबह 07.16 से सुबह 08.59 तक कर सकती हैं। उल्लेखनीय है कि वट वृक्ष अपनी विशालता के लिए प्रसिद्ध है। वनगमन में ज्येष्ठ मास की तपती धूप से रक्षा के लिए यह अत्यंत उपयुक्त है। 3 जून- वट सावित्री व्रत भारतीय व्रत परम्परा में सौभाग्य प्रदाता व संतान प्राप्ति में सहायक व्रत के रूप में मान्यता प्राप्त वट सावित्री व्रत में वट वृक्ष की पूजा किये जाने का पौराणिक विधान है। प्राचीन काल में सावित्री नाम की महिला की निष्ठा और पति परायणता...

  • गुरु अर्जुनदेव कभी गलत चीजों के आगे नहीं झुके

    guru-arjan-dev: शासक जहांगीर के आदेश के अनुसार गुरु अर्जुन देव को पांच दिनों तक तरह-तरह की यातनाएं दी गईं, लेकिन उन्होंने शांत मन से सब कुछ सहा। अंत में ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि संवत 1663 (30 मई सन् 1606) को उन्हें लाहौर में भीषण गर्मी के दौरान गर्म तवे पर बिठाया। उनके ऊपर गर्म रेत और तेल डाला गया। यातना के कारण जब वे मूर्छित हो गए, तो उनके शरीर को रावी की धारा में बहा दिया गया। उनके स्मरण में रावी नदी के किनारे गुरुद्वारा डेरा साहिब का निर्माण कराया गया, जो वर्तमान में पाकिस्तान...

  • सर्वलोकोपकारी गंगा

    माता के समस्त पालक गुण गंगा में विद्यमान होने के कारण ही गंगा को माता कहा गया है।  यही कारण है प्रत्येक भारतीयों की यह कामना होती है कि वे अन्त समय में वे अपनी प्यारी गंगा माता की गोद में ही अपना चिर शयन करे और उसके शरीर के कण गंगा के ही जल-कण में विलीन हो जायें। गंगा की यह अगाध महिमा चिरकाल से भारतीय प्रतिभा को प्रेरणा देती रही है। 30 मई - गंगा दशहरा: भारतीय संस्कृति और सभ्यता के उत्कर्ष में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली गंगा न केवल हमारे देश की सबसे महान और पवित्र नदी...

  • महाराणा प्रताप ने कभी हार नहीं मानी!

    ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया विक्रम संवत 2080/ 22 मई महाराणा प्रताप जयंती राजस्थान, मेवाड़ के शासक राणा सांगा अर्थात संग्राम सिंह और बूंदी की रानी कर्णावती के चौथे पुत्र उदयसिंह द्वितीय (जन्म 4 अगस्त 1522, चित्तौड़गढ़ दुर्ग – देहावसान 28 फरवरी 1572) न केवल मेवाड़ के 53वें शासक, महाराणा और उदयपुर शहर के संस्थापक के नाते विख्यात हैं, बल्कि महाराणा उदय सिंह द्वितीय (1540–1572) ने ही युद्ध की नई - छापामार युद्ध प्रणाली इजाद की थी। वे स्वयं तो इस पद्धति का प्रयोग नहीं कर सके, तथापि उनके पुत्र महाराणा प्रताप सिंह (1572–1597), महाराणा राज सिंह व छत्रपति शिवाजी महाराज ने...

  • वीर सावरकर को अभी तक भारत रत्न क्यों नहीं?

    2019 के महाराष्ट्र चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न देने का वादा किया था। हालांकि, राज्य में हुए चुनाव में भाजपा की सरकार न बन पाने के बाद यह मुद्दा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच चर्चा से गायब हो गया। अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने इस विषय को फिर से चर्चा में उठाया है।...सावरकर भारत के पहले व्यक्ति थे, जिन्हें अपने विचारों के कारण बैरिस्टर की डिग्री खोनी पड़ी। सावरकर पहले भारतीय स्वाधीनता सेनानी थे, जिन्होंने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की। सावरकर पहले ऐसे कवि थे,...

  • विष्णु के दशावतारों में क्या बुद्ध भी?

    5 मई बुद्ध जयंती पर वैदिक मतानुसार परमात्मा का तेज विशेष रूप में जब किसी पदार्थ अथवा प्राणी में आता है तो वह अवतार कहाता है । अवतार चेतन तत्व भी होते हैं और अचेतन तत्व भी । चेतन -  अचेतन का अन्तर है ईक्षण करने की शक्ति में । ईक्षण से अभिप्राय है कार्य करने का स्थान ,  काल और दिशा का निश्चय करना l जो ऐसा करने की सामर्थ्य रखता है उसे चेतन कहते हैं और जो नहीं रखता वह अचेतन कहाता है । कुछ प्राकृतिक पदार्थ भी विशेष ओजयुक्त , ऐश्वर्यवान और सामर्थ्यवान देखे जाते हैं । ...

  • सर्वमनोरथ, सर्वसिद्धि प्रदात्री महाविद्या छिन्नमस्ता

    महाविद्या छिन्नमस्ता से सम्बन्धित कथाएं मार्कण्डेय पुराण के देवी सप्तशती में और शिव पुराण में अंकित प्राप्य हैं। पौराणिक व तांत्रिक ग्रन्थों के अनुसार छिन्नमस्ता ने ही चंडी स्वरूप धारण करके असुरों का संहार किया था। देवी छिन्नमस्ता प्रत्यालीढपदा हैं, अर्थात युद्ध के लिए सदैव तत्पर एक चरण आगे और एक चरण पीछे करके वीर भेष में छिन्नशिर और खंग धारण किये हुए खड़ी हैं।हिमाचल प्रदेश के उन्ना जिले में चिन्तापुर्णी देवी के नाम से भगवती छिन्नमस्ता का भव्य मंदिर है। कामाख्या के बाद संसार के दूसरे सबसे बड़े शक्तिपीठ के रूप में विख्यात माता छिन्नमस्तिके मंदिर झारखण्ड की राजधानी...

  • मजदूर आंदोलन के अग्रदूत थे मेघाजी लोखंडे

    1 मई अर्थात मई दिवस को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाये जाने की मान्यता 1889 में पेरिस में अन्तर्राष्ट्रीय महासभा की द्वितीय बैठक में फ्रेंच क्रांति को स्मरण करते हुए तत्सम्बन्धी एक प्रस्ताव पारित किये जाने से मिली। उसी समय से विश्व भर के 80 देशों में मई दिवस को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता प्रदान की। वर्तमान में यह लगभग वैश्विक रूप ले चुका है। 1 मई- श्रमिक दिवस मई दिवस के नाम से प्रसिद्ध एक मई सार्वजनिक अवकाशों का दिन होता है। मई दिवस के दिन राजनीतिक दलों, कामगार यूनियनों व समाजवादी समूहों द्वारा विभिन्न...

  • चन्द्रमा के स्वामी सोमनाथ

    ऐतिहासिक विवरणियों के अनुसार ईसा पूर्व में यहाँ एक भव्य मन्दिर में अस्तित्व में था, जिसे सातवीं शताब्दी के आरम्भिक वर्षों में ही इस्लामी आक्रमण के समय विधर्मियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया, तो उसी स्थान पर दूसरी बार मन्दिर का पुनर्निर्माण सातवीं शताब्दी में वल्लभी के मैत्रक राजाओं ने किया।सौराष्ट्र के मुख्यमन्त्री उच्छंगराय नवलशंकर ढेबर ने 19 अप्रैल 1940 को यहाँ उत्खनन कराया था। इसके बाद भारत सरकार के पुरातत्व विभाग ने उत्खनन द्वारा प्राप्त ब्रह्मशिला पर शिव का ज्योतिर्लिग स्थापित किया है। सौराष्ट्र के पूर्व राजा दिग्विजय सिंह ने 8 मई 1950 को मन्दिर की आधारशिला रखी। इन सबके...

  • महर्षि कृष्ण वेदव्यास के अयोनिज पुत्र शुकदेव मुनि

    द्वापर युग के महाभारत काल की बात है। ब्रह्मा ने देवी- देवताओं की एक सभा बुलाई, और सभी से पूछा कि संसार में सबसे आवश्यक वस्तु, जरूरी चीज क्या है? सभी देवताओं ने अपने -अपने ढंग से प्रश्न का उत्तर दिया, लेकिन ब्रह्मा उससे संतुष्ट नहीं हुए। अंत में ब्रह्मा ने इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि संसार की सबसे आवश्यक वस्तु निःस्वार्थ प्रेम है, जिसमें कोई स्वार्थ न हो। यह सुन देवताओं ने कहा- यदि निःस्वार्थ प्रेम है, तो वह सिर्फ शिव और पार्वती में है, अन्य में नहीं। इस पर नारद ने कहा- नहीं, ऐसा नहीं...

  • ब्रिटिश इतिहास की सबसे शर्मनाक घटना

    मात्र दस मिनट में कुल 1650 राउंड गोलियां चलाई गईं। जलियांवाला बाग उस समय मकानों के पीछे पड़ा एक खाली मैदान था। वहाँ तक जाने या बाहर निकलने के लिए केवल एक संकरा रास्ता था और चारों ओर मकान थे। भागने का कोई रास्ता नहीं था। कुछ लोग जान बचाने के लिए मैदान में मौजूद एकमात्र कुएं में कूद गए, पर देखते ही देखते वह कुआं भी लाशों से पट गया। बाग में लगी पट्टिका के अनुसार 120 शव तो सिर्फ कुएं से ही मिले। शहर में क‌र्फ्यू लगा होने से घायलों को इलाज के लिए भी कहीं ले जाया...

  • निर्गुण मत के प्रसिद्ध संत ईश्वर भक्त मलूकदास

    उन्होंने आलसियों के सम्बन्ध में प्रचलित अपने जीवन का पहला दोहा लिखा, और कालांतर में औरंगजेब के समय में दिल के अंदर खोजने वाले निर्गुण मत के नामी संत के रूप में लोकप्रिय हुए, जिसके कारण कड़ा, जयपुर, गुजरात, मुलतान, पटना, नेपाल और काबुल तक में मलूकदास की गद्दियाँ क़ायम हुईं-अजगर करै न चाकरी, पंछी करै न काम।दास मलूका कहि गए, सबके दाता राम।। 11 अप्रैल- संत मलूक दास जयंती : निर्गुण मत के प्रसिद्ध संत मलूकदास का जन्म उत्तरप्रदेश के प्रयागराज जिले से 38 किलोमीटर दूर कड़ा ग्राम में विक्रम संवत 1631 तदनुसार ईस्वी सन 1574 में बैशाख कृष्ण...

  • आदर्श नारी की प्रतिमान देवी अनुसूईया

    माता अनुसूईया भारत की महान पांच पतिव्रता स्त्रियों में शामिल हैं। अनुसुईया के साथ द्रौपदी, सुलक्षणा, सावित्री और मंदोदरी को पतिव्रता पत्नी माना जाता है। अनुसूईया ने तीनों लोकों के परमात्मा साक्षात ब्रह्मा, विष्णु और शिव तीनों की कठिन तपस्या कर उनके दिए हुए वरदान से अपने तीन पुत्रों की प्राप्ति की थी। रामायण के अनुसार भगवान राम के वनवास गमन के समय श्रीराम, माता सीता व लक्ष्मण का स्वागत कर सती अनुसूईया ने अपने आश्रम में उन्हें आश्रय दिया था। इस समय भगवान श्रीराम की प्रिय पत्नी माता सीता को इन्होने अपने पतिव्रता धर्म की शिक्षा भी दी थी।...

  • क्रांतिकारी मंगल पाण्डेय

    मंगल पांडे ने एनफील्ड राइफल में प्रयोग की जाने वाली गाय की चर्बी मिले कारतूस को मुँह से काटने से मना करते हुए क्रांति का बिगुल फूंक दिया। जिसके कारण तत्कालीन अंग्रेजी शासन ने उन्हें बागी करार दिया, और उन्हें गिरफ्तार कर 8 अप्रैल 1857 को फांसी दे दी। जबकि भारतीय जन उन्हें स्वाधीनता संग्राम के एक महान नायक के रूप में सम्मान देता है। भारत के स्वाधीनता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में सन 1984 में एक डाक टिकट जारी किया गया। 8 अप्रैल- पुण्यतिथि: देश को स्वाधीन कराने के लिए ब्रिटिश...

  • सेहत की जागरूकता में विश्व स्वास्थ्य दिवस

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को की गयी थी। और इसी दिन पहली विश्व स्वास्थ्य सभा में ही विश्व स्वास्थ्य दिवस की स्थापना का आह्वान किया गया। पहला विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल 1950 को आयोजित किया गया था, और उसके बाद प्रत्येक वर्ष सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस एक वैश्विक स्वास्थ्य जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। आगामी7 अप्रैल 2023 को विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी 75 वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। 7 अप्रैल- विश्व स्वास्थ्य दिवस: मनुष्य के जीवन में स्वास्थ्य का महत्त्वपूर्ण स्थान है। स्वास्थ्य व्यक्ति की अमूल्य निधि है।...

  • कामदेव की पूजा का दिन अनंग त्रयोदशी

    भारतीय संस्कृति में काम  का साहचर्य उत्सव मनाने योग्य माना गया है। जब तक काम  मर्यादा में रहता है, उसे भगवान की विभूति माना जाता है, लेकिन जब और जैसे ही वह मर्यादा छोड़ देता है तो आत्मघाती बन जाता है, शिव का तीसरा नेत्र (विवेक) उसे भस्म कर देता है। भगवान शिव द्वारा किया गया काम-संहार का मूल भाव यही है। कामदेव के पूजन का उत्तम दिवस अनंग त्रयोदशी है, जिसकी पौराणिक कथा भी शिव के इसी कथा से जुडी हुई है। 3 मार्च अनंग त्रयोदशी भारतीय संस्कृति में प्रेम, काम, वासना और रूप के देव माने जाने वाले...

  • श्रीहनुमान और महाभारतकालीन कपिध्वज

    पृथ्वी एवं राज्य की प्राप्ति, दीर्घ-आयुष्य एवं सर्वाभ्युदय कल्याण की प्राप्ति होती है। हनुमान की स्तुतियों में हनुमान चालीसा का सर्वाधिक प्रचार है। इसके साथ हि बजरंग वाण, हनुमान बाहुक, हनुमान साठिकादि अनेक सुन्दर पद्यबद्ध श्लोकमय स्तुतियाँ प्रचलित हैं। 30 मार्च -रामनवमी पर विशेष: सनातन भारतीय संस्कृति परम्परा में श्रीहनुमान जी की उपासना अत्यन्त व्यापक रूप में ग्राम-ग्राम, नगर-नगर तथा प्रत्येक तीर्थ स्थलों में, राम मन्दिरों में, सार्वजनिक चबूतरादि स्थलों पर होता है। इसके साथ ही घर-घर में हनुमान जी की उपासना के अनेक स्तोत्र, पटल, पद्धतियाँ, शतनाम तथा सहस्त्रनाम एवं हनुमान चालीसादि का पाठ होता है। कपिरूप में होने...

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