बुधवार, नौ जुलाई को देशबंदी का दिन है। एक तरफ बिहार में विपक्षी पार्टियों ने चक्का जाम का ऐलान किया है तो दूसरी ओर मजदूर संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है। देश के 10 बड़े मजदूर संगठनों ने भारत बंद की घोषणा की है और कहा है कि इसमें करोड़ों कर्मचारी शामिल होंगे। मजदूर संगठनों ने केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और कॉरपोरेट फ्रेंडली नीतियों के विरोध में भारत बंद का आयोजन किया है। बैंकिंग और डाक सेवाओं से लेकर खनन और राज्यों में परिवहन सेवाओं पर इसका बड़ा असर होने की संभावना है। रेलवे का परिचालन भी प्रभावित हो सकता है। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने इसका आयोजन किया है, जिसमें 10 बड़े मजदूर संगठन शामिल हैं।
मजदूर संगठनों का दावा है कि 10 साल से सालाना श्रमिक सम्मेलन का आयोजन नहीं किया जा रहा है। मजदूरों संगठनों ने 17 सूत्री मांगों का एक चार्टर केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया को सौंपा था। लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं होगी। मजदूर संगठनों के इस भारत बंद के बीच बुधवार को ही बिहार में विपक्षी पार्टियों ने चक्का जाम का ऐलान किया है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी बिहार जा रहे हैं और वे इस चक्का जाम आंदोलन में शामिल होंगे। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव काफी समय के बाद एक साथ दिखाई देंगे और सरकार के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करेंगे। मतदाता सूची के पुनरीक्षण कराने के चुनाव आयोग के अभियान के खिलाफ कांग्रेस, राजद और वामपंथी पार्टियां बुधवार को चक्का जाम करेंगी। इसके अगले दिन 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में मतदाता पुनरीक्षण पर सुनवाई है।


