नई दिल्ली। अतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी ‘रायटर्स’ का एक्स अकाउंट ब्लॉक किए जाने के मसले पर इलॉन मस्क की कंपनी और भारत सरकार आमने सामने आ गए हैं। सरकार ने एक्स के इस दावे का खंडन किया है कि उसने ‘रायटर्स’ का अकाउंट ब्लॉक करने का आदेश दिया था। सरकार की ओर से कहा गया है कि उसकी ओर से तीन जुलाई को ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया था। गौरतलब है कि ‘रायटर्स’ और ‘रायटर्स’ वर्ल्ड का अकाउंट ब्लॉक होने के बाद इसे लेकर बहस छिड़ गई थी।
केंद्र सरकार ने एक्स के दावे का खंडन करते हुए मंगलवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने तीन जुलाई को न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ और ‘रॉयटर्स वर्ल्ड’ सहित 2,355 अकाउंट्स को ब्लॉक करने का कोई आदेश जारी नहीं किया था। मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया है कि सरकार ने एक्स को भारत में समाचार एजेंसी ‘रायटर्स’ के अकाउंट को ब्लॉक किए जाने के तुरंत बाद अनब्लॉक करने के लिए कहा था।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘हालांकि, इलॉन मस्क की कंपनी ने गैरजरूरी तरीके से प्रक्रिया से जुड़ी तकनीकी बातों का फायदा उठाया और उसके अकाउंट को अनब्लॉक नहीं किया’। प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि, ‘सरकार ने तीन जुलाई, 2025 को कोई नया ब्लॉकिंग ऑर्डर जारी नहीं किया है और उसका ‘रॉयटर्स’ और ‘रॉयटर्स वर्ल्ड’ सहित किसी भी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समाचार चैनल को ब्लॉक करने का कोई इरादा नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने पांच जुलाई की देर रात से लगातार एक्स से संपर्क किया। लेकिन एक्स ने छह जुलाई को रात नौ बजे के बाद ‘रॉयटर्स’ और बाकी अकाउंट्स को अनब्लॉक किया। ‘रॉयटर्स’ को अनब्लॉक करने में उन्हें 21 घंटे से अधिक का समय लगा’। इससे पहले एक्स ने कहा था कि सरकार ने तीन जुलाई को उसे ‘रॉयटर्स’ सहित 2,355 अकाउंट को ‘बिना किसी कारण बताए एक घंटे के अंदर’ ब्लॉक करने का आदेश दिया था। एक्स का कहना था कि उसके पास ऑर्डर को मानने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था। अगर वे ऐसा नहीं करते तो उन्हें सजा दी जा सकती थी।