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जीएसटी कम होने के इंतजार में बाजार में मंदी

केंद्र सरकार वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी का ढांचा बदलने जा रही है। खबर है कि 12 और 28 फीसदी का टैक्स स्लैब समाप्त कर दिया जाएगा। 12 फीसदी के टैक्स स्लैब की ज्यादा वस्तुओं को पांच फीसदी के स्लैब में ला दिया जाएगा। इससे आम लोगों को बहुत लाभ होगा क्योंकि रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में अच्छी खासी कमी आएगी। जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर प्रीमियम 18 से घटा कर पांच फीसदी करने या शून्य कर देने की संभावना जताई जा रही है। पिछले दिनों मंत्री समूह की बैठक हुई, जिसमें 12 और 28 फीसदी का स्लैब हटाने की सिफारिश जीएसटी कौंसिल को भेजी है। जीएसटी कौंसिल की बैठक का समय भी तय हो गया है। तीन और चार सितंबर को जीएसटी कौंसिल की बैठक होगी, जिसमें इस पर मुहर लग सकती है। हालांकि कई राज्यों ने इस पर आपत्ति की है और अपना राजस्व घटने की चिंता जताई है।

बहरहाल, यह जब होगा तब होगा लेकिन उससे पहले बाजार में मंदी आ गई है। उपभोक्ताओं ने खरीद बंद कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से ऐलान किया कि इस बार दिवाली पर तोहफा मिलेगा और डबल दिवाली होगी उसके बाद से लोगों ने हाथ रोक लिए। त्योहार शुरू हो गए हैं और खरीदारी बंद है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की खरीदारी में कमी आई है। अनेक कंपनियों का कहना है रक्षाबंधन के साथ ही खरीद का सीजन शुरू हो जाता है। पूरे देश में गणेश चतुर्थी की तैयारियां हो रही हैं और दक्षिण भारत में ओणम शुरू होने वाला है। दोनों त्योहार 26 अगस्त के आसपास शुरू होंगे और सितंबर के पहले हफ्ते तक चलेंगे। इस दौरान खूब खरीदारी होती है। लेकिन इस बार बिक्री रूकी हुई है। क्योंकि प्रधानमंत्री के बयान और मंत्री समूह की बैठक के बाद मीडिया में खबर आ गई कि कौन कौन से चीजें कितनी सस्ती होने वाली हैं। ध्यान रहे भारत के उपभोक्ता कीमत को  लेकर बहुत संवेदनशील हैं। इसलिए उन्होंने खरीद रोक दी है और कंपनियां परेशान हैं। जीएसटी कम होने पर निश्चित रूप से बिक्री बढ़ेगी लेकिन उससे गणेशोत्सव और ओणम के नुकसान की भरपाई नहीं हो पाएगी।

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By NI Political Desk

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