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ट्रेड वॉर का झटका

अमेरिकी

इस साल की पहली तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था 0.3 प्रतिशत सिकुड़ी। विशेषज्ञों के मुताबिक इसका कारण ट्रेड वॉर का द्वितीयक प्रभाव है। इसका प्राथमिक प्रभाव तो अगली तिमाहियों में देखने को मिलेगा। तब और बुरी खबरें आ सकती हैं।

डॉनल्ड ट्रंप के छेड़े व्यापार युद्ध का पहला बड़ा झटका अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लगा है। 2025 की पहली तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था 0.3 प्रतिशत सिकुड़ गई। विशेषज्ञों के मुताबिक इसका कारण ट्रेड वॉर का द्वितीयक प्रभाव है। इसका प्राथमिक प्रभाव तो अगली तिमाहियों में देखने को मिलेगा। द्वितीयक प्रभाव से मतलब है कि आयात शुल्क में भारी बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए कंपनियों ने जनवरी से ही आयात की मात्रा बढ़ा दी।

उधर उपभोक्ताओं ने चीजों की किल्लत और महंगाई बढ़ने की आशंका में जरूरत से ज्यादा खरीदारियां की हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक पहली तिमाही में उपभोक्ता व्यय में 1.8 प्रतिशत का इजाफा हुआ। तो चूंकि निर्यात की तुलना में आयात बहुत तेजी से बढ़ा और उपभोक्ता खर्च में भी वृद्धि हुई, तो इसका असर जीडीपी के आंकड़ों में झलका है।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत

यानी जहां आयात बढ़ने के कारण व्यापार घाटा बढ़ने से जीडीपी वृद्धि दर घटी, वहीं उपभोक्ता खर्च बढ़ने से उसे सहारा मिला। लेकिन ये दोनों परिघटनाएं तात्कालिक हैं। बाजार पर टैरिफ का असर असल में आगे जाहिर होगा। इससे बढ़ती बेचैनी अमेजन जैसी बड़ी कंपनियों की प्रतिक्रिया में भी दिखने लगी है। नकारात्मक मूड के प्रभाव से वित्तीय बाजारों में पहले से ही भारी गिरावट आ चुकी है।

अब ट्रंप ने इसकी जिम्मेदारी पूर्व बाइडेन प्रशासन पर डाल कर उसके राजनीतिक प्रभाव से बच निकलने का प्रयास किया है। बुधवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा कि ‘अभी जो स्टॉक एक्सचेंज है, वह बाइडेन का है, मेरा नहीं।’

ट्रंप ने दलील दी कि वे 20 जनवरी को सत्ता में आए और उनके फैसलों का असर होने में अभी समय लगेगा। उनका दावा है कि जब ये असर होगा, अमेरिका में सुख-समृद्धि लौट आएगी। मगर वे इस तथ्य को नजरअंदाज कर गए कि शेयर और बॉन्ड बाजारों में गिरावट मुख्य रूप से 25 फरवरी के बाद शुरू हुई।

उत्पादन और वितरण की अर्थव्यवस्था पर उसका क्या असर होगा, यह तो आने वाले महीनों में जाहिर होगा। इस मामले में ट्रंप के आकलन से अर्थशास्त्री सहमत नहीं हैं। दरअसल असलियत की पहली झलक पहली तिमाही के आंकड़ों से मिल गई है।

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Pic Credit: ANI

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