Tariff War

  • एकतरफा रिश्ते निभा रहा था यूएस: ट्रंप

    नई दिल्ली। भारत के ऊपर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ को जस्टिफाई करने के लिए दावा किया है कि भारत के साथ अमेरिका का व्यापार इसलिए चल रहा था क्योंकि अमेरिका इस रिश्ते को एकतरफा तरीके से निभा रहा था। उन्होंने कहा कि भारत पर 50 फीसदी टैरिफ इसलिए लगाया, क्योंकि लंबे समय तक दोनों देशों के बीच एकतरफा रिश्ता था। ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ने कहा कि भारत, अमेरिकी सामानों पर एक सौ फीसदी टैरिफ लगाता है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसकी वजह से अमेरिका और भारत के व्यापार में असंतुलन पैदा हो गया है।...

  • ट्रंप का भारत पर टैरिफ वार

    नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ का बड़ा वार किया है। उन्होंने भारत के ऊपर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है और साथ ही यह भी कहा है कि भारत पर जुर्माना भी लगेगा क्योंकि उसने रूस से तेल खरीदा है। ट्रंप की ओर से बढ़ाया गया टैरिफ एक अगस्त से लागू हो जाएगा। ट्रंप ने एक अगस्त से 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा करते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा कि भारत, रूस से हथियार और ऑयल खरीद रहा है, इसलिए उस पर जुर्माना भी लगाएंगे। गौरतलब है...

  • ट्रंप के टैरिफ पर अदालती रोक

    न्यूयॉर्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। दुनिया भर के देशों पर लगाए गए उनके टैरिफ को अमेरिकी की फेडरल ट्रेड कोर्ट ने असंवैधानिक करार देते हुए उस पर रोक लगा दी है। अदालत ने दो टूक अंदाज में कहा कि ट्रंप ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया और संविधान के दायरे से बाहर जाकर ये टैरिफ लगाने की कोशिश की। मैनहट्टन की फेडरल कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड ने ट्रंप के इस कदम को गैरकानूनी ठहराया। अदालत के तीन जजों की बेंच ने कहा कि ट्रंप ने इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट यानी आईईईपीए का गलत...

  • अमेरिका व चीन में टैरिफ वॉर खत्म

    भारत व पाकिस्तान के बीच सीजफायर और पुतिन व जेलेंस्की की मुलाकात की संभावनाओं के बाद दुनिया के लिए तीसरी बड़ी और अच्छी खबर यह है कि अमेरिका और चीन ने टैरिफ की लड़ाई खत्म कर ली है, जिससे दुनिया में ट्रेड वॉर छिड़ने की संभावना समाप्त हो गई है। अमेरिका और चीन ने आपस में व्यापार समझौता कर लिया है। जिनेवा में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता के बाद व्यापार संधि पर सहमति बनी और दोनों देशों ने टैरिफ में 115 फीसदी कटौती का ऐलान किया है। जिनेवा में दोनों देशों के बीच हुए समझौते के...

  • ट्रेड वॉर का झटका

    इस साल की पहली तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था 0.3 प्रतिशत सिकुड़ी। विशेषज्ञों के मुताबिक इसका कारण ट्रेड वॉर का द्वितीयक प्रभाव है। इसका प्राथमिक प्रभाव तो अगली तिमाहियों में देखने को मिलेगा। तब और बुरी खबरें आ सकती हैं। डॉनल्ड ट्रंप के छेड़े व्यापार युद्ध का पहला बड़ा झटका अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लगा है। 2025 की पहली तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था 0.3 प्रतिशत सिकुड़ गई। विशेषज्ञों के मुताबिक इसका कारण ट्रेड वॉर का द्वितीयक प्रभाव है। इसका प्राथमिक प्रभाव तो अगली तिमाहियों में देखने को मिलेगा। द्वितीयक प्रभाव से मतलब है कि आयात शुल्क में भारी बढ़ोतरी की संभावना को...

  • ट्रंप के लड़खड़ाए कदम

    आर्थिकी के नियमों के खिलाफ जाते हुए डॉनल्ड ट्रंप ने भूमंडलीकरण के दौर में बने यथार्थ को पलटने की कोशिश की। मगर इस क्रम में उन्होंने अमेरिका की कमजोरी को जग-जाहिर कर दिया है। इससे अमेरिकी रुतबे पर स्थायी प्रहार हुआ है। टैरिफ वॉर में ट्रंप की उलझन बढ़ी चीन के खिलाफ टैरिफ वॉर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के कदम लड़खड़ाते दिख रहे हैं। पिछले दो दिन में इस बारे में खुद उन्होंने और उनके वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने अपनी कमजोरी जाहिर करने वाले बयान दिए हैँ। खबरों के मुताबिक पूंजीपतियों के साथ एक बैठक में बेसेंट...

  • ‘व्यापार महायुद्ध’ में अपनी दुकान!

    भारत एक बाजार है! वजह भारत की 140 करोड़ आबादी है। तभी लोगों के लिए रोजगार, कमाई का सुलभ, आसान तरीका दुकान खोलना है। मेरे-आपके अनुभवों में हर शहर, कस्बा, गांव और रिहायसी बस्तियों में दुकानों का फैलाव वह फिनोमिना है जो शायद ही किसी दूसरे देश में हो। भारत में हर कोई दुकान खोल कर मुनाफा तलाशता है। दुकान एयरलाइंस, पॉवर की हो या परचून की!  भारत के खरबपतियों अंबानी, टाटा, अडानी सभी दुकाने खोले हुए है। ये सब क्या खरीद-बेच रहे है? इस दुकानदारी का क्या आधार है? जवाब है चाईनीज उत्पादन! जो सेवा क्षेत्र है, इंफास्ट्रक्चर आधार...

  • टैरिफ वॉर बता रहा है किसमें कितना दम?

    भारत में ‘आपदा में अवसर’ का सरकार प्रायोजित नैरेटिव फिर सुर्खियों में दिखने लगा है। मगर जो कहानी जो बताई जा रही है, वह अन्य देशों पर अधिक टैरिफ लगने से भारत के लिए कथित अवसर पैदा होने से संबंधित है। कहा जा सकता है कि यह एक फर्जी कहानी है। अवसर को यथार्थ में बदलने के लिए अर्थव्यवस्था को नए सिरे से ढालने का श्रमसाध्य रास्ता अपनाना होगा। दुर्भाग्य यह है कि आज ऐसा होने की संभावना नजर नहीं आती। अब दुनिया में यह अहसास गहराने लगा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने आर्थिक क्षेत्र में जो अभियान...

  • घर संभालना ही रास्ता

    डब्लूटीओ का आकलन है कि व्यापार युद्ध लंबा खिंचने की संभावना के कारण दुनिया दो गुटों में बंट रही है। एक समूह उन देशों का है, जो अमेरिका से व्यापार संबंध रखेंगे। दूसरे गुट में वे देश हैं, जो चीन से नाता रखेंगे। दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं- अमेरिका और चीन का संबंध विच्छेद अब हकीकत है। इससे विश्व व्यापार के दो धुरियों में बंट जाने की स्थिति बन गई है। इसकी मार उन दोनों पर भी पड़ेगी, लेकिन पीड़ा सारी दुनिया को झेलनी होगी। विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) के विश्व व्यापार संबंधी ताजा आकलन का यही निष्कर्ष है। इसमें कहा...

  • कभी हां, कभी ना!

    फैसलों में अस्थिरता से क्या संदेश जाएगा? क्या ट्रंप प्रशासन के भीतर टैरिफ नीति पर गहरे मतभेद हैं और इसलिए परस्पर विरोधी फैसले लिए जा रहे हैं? इनके बीच अमेरिका के साथ-साथ दुनिया भर के कारोबारी अभूतपूर्व अनिश्चिय में फंसे हुए हैँ। अमेरिकी ट्रेजरी (बॉन्ड्स) के भाव में गिरावट से दबाव में आए डॉनल्ड ट्रंप ने आयात शुल्क युद्ध में कुछ रियायतें दीं, तो स्टॉक मार्केट कुछ संभला। लेकिन अगले ही दिन फिर गिरावट शुरू हो गई। कारण लोगों को यह अहसास होना था कि जैसे को तैसा टैरिफ को 90 दिन तक स्थगित किए जाने के बावजूद कई शुल्क...

  • विचारना हमारा है ही नहीं!

    भारत गजब की मायावी विश्वगुरूता में है! गुजरे सप्ताह पूरी दुनिया में डोनाल्‍ड ट्रंप से उथलपुथल हुई। सभी देश ट्रंप प्रशासन से बेइज्जत हुए। ट्रंप ने बड़ी इकॉनोमी में चीन के बाद भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगा उसे नंबर दो पर रखा। मगर हममें इसकी कोई प्रतिक्रिया, कोई विचार नहीं हुआ। इस खामोख्याली में रहे कि ट्रंप ने हमें उतना नहीं मारा जितना चीन को और उसके साथ विएतनाम, कंपूचिया को मारा!  हमें औकात दिखाई बावजूद इसके हम गौरवान्वित थे! चीन ने बतौर रियल महाशक्ति के अमेरिका से कहां- ‘हम चुनौती के आगे झुकने वाले नहीं! हम आखिर तक...

  • चीन के अमेरिका पर जवाबी टैरिफ

    बीजिंग। चीन ने अमेरिका पर 125 फीसदी का जवाबी टैरिफ लगा दिया है। इससे पहले अमेरिका ने कई किस्तों में चीन के ऊपर 145 फीसदी टैरिफ लगाया है। दोनों तरफ से चल रहे इस टैरिफ युद्ध के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी और दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क ने चीन में अपनी टेस्ला कार के दो मॉडल की बिक्री रोक दी है। बहरहाल, चीन की ओर से लगाया गया टैरिफ शनिवार, 12 अप्रैल से लागू हो जाएगा। इसके साथ ही चीन ने यह भी ऐलान कर दिया है कि अब वह अमेरिका की तरफ से...

  • ‘वन स्टॉप शॉपिंग’!

    ट्रंप का प्रोजेक्ट सिर्फ टैरिफ से अमेरिका को होने वाले व्यापार घाटे को पाटने का नहीं है। बल्कि इसके जरिए वे पूरी विश्व व्यवस्था को नए सिरे ढालना चाहते हैं। वे ऐसा ढांचा बनाना चाहते हैं, जिसमें अमेरिकी हित सर्वोपरि हों। यूरोपियन यूनियन (ईयू) के नेतृत्व ने अगर यह सोचा होगा कि अपने यहां अमेरिकी वस्तुओं पर शून्य टैरिफ करने की पेशकश कर वह डॉनल्ड ट्रंप के “जैसे को तैसा” शुल्क योजना से बच जाएगा, तो उसे मायूसी हाथ लगी है। ट्रंप ने यह कहते हुए प्रस्ताव ठुकरा दिया है कि अतीत में ईयू ने अमेरिका के साथ “बहुत खराब...

  • टैरिफ चुभने लगे हैं

    ट्रंप के टैरिफ आक्रमण का कमरतोड़ असर हुआ है। नतीजतन, विभिन्न देश नई परिस्थिति के मद्देनजर भूमंडलीकरण के बाद की दुनिया के अनुरूप अपनी तैयारी कर रहे हैं। मगर भारत में ऐसी किसी योजना का स्पष्ट अभाव है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के भारत पर 26 फीसदी टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने के फैसले की मार भारतीय विक्रेताओं पर पड़ने लगी है। खबर है कि अमेरिकी खरीदार भारतीय विक्रेताओं से पहले तय हो चुके सौदों पर भी फिर से सौदेबाजी कर रहे हैं। पहले तय हो चुकी कीमतों में 10 से 15 फीसदी की रियायत वे मांग रहे हैं। उनका कहना...

  • व्यापार युद्ध का दौर

    दुनिया में मची अफरातरफी ट्रंप के दुस्साहसी कदम का परिणाम है। मगर इससे ट्रंप अपने घोषित मकसद में कामयाब होंगे, इसकी संभावना नहीं दिखती। आखिर अर्थशास्त्र का आम सिद्धांत है कि सुगम व्यापार से सबको लाभ होता है, जबकि ट्रंप ने उलटी राह पकड़ी है। पहला गोला अमेरिका ने दागा। उसके बाद चीन ने उतना ही ताकतवर जवाबी हमला किया। उधर यूरोपीय देश अपने हमले की तैयारी कर रहे हैं। दुनिया की तीन आर्थिक महाशक्तियां जब टैरिफ वॉर (आयात शुल्क युद्ध) में उतरती दिख रही हैं, तो विश्व अर्थव्यवस्था पर उसके संभावित असर का अनुमान लगाना कठिन नहीं है। यह...

  • ट्रंप बता रहे है वे दुनिया के दादा!

    अमेरिका की मुक्ति की डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा पर मुझे तनिक भी अचरज नहीं हुआ। इसलिए क्योंकि राजनीतिज्ञों के टूलबॉक्स में अपने व्यक्तिगत अविवेकी निर्णय से देश के बदल जाने की बाते करना अब एक सामान्य बात है। एक औजार है। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी की क्रांति ट्रंप के 'लिबरेशन डे' की घोषणा से कमतर थी? उसमें भी भरपूर नाटकीयता थी। वह निर्णय भी जल्दबाजी में, बिना आगा-पीछा सोचे और दूरगामी नतीजों की परवाह किए बिना लिया गया था। याद करें सन 2016 के 8 नवम्बर को रात 8 बजे मोदीजी ने अचानक टीवी पर आ कर देश...

  • लेकिन ट्रंप की सुन कौन रहा है?

    नेता की हैसियत देश की ताकत से बनती है। ट्रंप के एजेंडे को आज अगर अमेरिका के सहयोगी रहे देश भी भाव नहीं दे रहे हैं, तो उसका कारण परिदृश्य में आया मूलभूत परिवर्तन है। यह अमेरिका के हार्ड एवं सॉफ्ट पॉवर में आई गिरावट का संकेत है। यह दुनिया बदले शक्ति संतुलन का नतीजा है। ट्रंप का योगदान बस इतना है कि जो सूरत बन चुकी थी, उन्होंने उसे दुनिया के सामने ला दिया है। डॉनल्ड ट्रंप ने सचमुच अगर यह सोचा होगा कि उनके राष्ट्रपति बनने के साथ ही अमेरिका के फिर से “महान बनने” की शुरुआत हो...

  • अमेरिका की ‘मुक्ति’ चीन की ‘बरबादी’!

    एक झटके में डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया बदली। उन्होंने दो अप्रैल 2025 के दिन अमेरिका को ‘मुक्त’ किया। वह उस फ्री मार्केट, पूंजीवाद और भूमंडलीकरण से मुक्त हुआ, जिसकी बदौलत अमेरिका सर्वाधिक अमीर, नंबर एक महाशक्ति बना था। अमेरिका ने सब छोड़ा और बगल के कनाडा, मेक्सिको से ले कर यूरोप की उस जमात से भी मुक्त हुआ, जिससे उसका भाईचारा था। डोनाल्ड ट्रंप ने सभी के साथ व्यापार में टैरिफ थोपा और अमेरिका में उद्योग, धंधों, रोजगार की पुनर्स्थापना का शंखनाद किया। इसका अर्थ है अमेरिका के भुगतान संतुलन, व्यापार घाटे तथा घाटे की आर्थिकी की बीमारियों को जड़ों...

  • टैरिफ युद्धः भारत के लिए मौका

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के 60 देशों पर जैसे को तैसा शुल्क लगाने का ऐलान किया तो भारत को छोड़ कर दुनिया भर के देशों की प्रतिक्रिया पैनिक यानी घबराहट वाली रही। पड़ोसी कनाडा और यूरोपीय संघ ने पलट कर टैक्स लगाने पर सोचना शुरू किया। चीन ने आज सभी अमेरिकी आयात पर 34 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की। लेकिन भारत में सब कुछ सामान्य दिख रहा है। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से पहली प्रतिक्रिया में कहा गया कि भारत अभी अमेरिका की ओर से लगाए गए शुल्क के असर का आकलन कर रहा है। हकीकत यह...

  • चीन ने अमेरिका पर जवाबी कर लगाया

    नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दुनिया के 60 देशों पर जैसे को तैसा शुल्क लगाने के बाद अब चीन और कनाडा ने पलटवार किया है। चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर 34 फीसदी जवाबी शुल्क लगाने का ऐलान किया है। नया शुल्क 10 अप्रैल से लागू होगा। गौररतलब है कि दो दिन बुधवार, दो अप्रैल को राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर 34 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाया था। अब चीन ने उतना ही टैरिफ अमेरिका पर लगा दिया है। उधर कनाडा ने भी अमेरिका पर पलटवार करते हुए 25 फीसदी जवाबी शुल्क लगा दिया है। शुक्रवार...

और लोड करें