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कितनी पिघलेगी बर्फ?

अमेरिका-चीन

सीधी बातचीत के लिए दोनों पक्षों का राजी होना महत्त्वपूर्ण है। डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से दुनिया में व्यापार अस्थिरता का माहौल है। इसका सबसे बड़ा पहलू इन दोनों आर्थिक महाशक्तियों के बीच छिड़ा व्यापार युद्ध है।

लंबे ना-नुकुर के बाद आखिरकार अमेरिका और चीन सीधी व्यापार वार्ता पर राजी हुए हैं। शनिवार को जिनेवा में अमेरिका के वाणिज्य मंत्री स्कॉट बेसेंट और मुख्य व्यापार वार्ताकार जेमिसन ग्रीयर की चीन के उप प्रधानमंत्री हे लीफेंग के साथ बातचीत होगी। वार्ता की पहल किसने की, इसको लेकर दोनों पक्षों के अलग-अलग दावे हैं।

सार्वजनिक बयानों में खासकर चीन का रुख अभी भी सख्त है। इसके बावजूद, भले ही तटस्थ स्थल पर लेकिन, सीधी बातचीत के लिए दोनों पक्षों का राजी होना महत्त्वपूर्ण है। डॉनल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से दुनिया में व्यापार अस्थिरता के बने माहौल का सबसे बड़ा पहलू इन दोनों आर्थिक महाशक्तियों के बीच छिड़ा व्यापार युद्ध है।

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और जिनेवा वार्ता

वैसे चीन इसे सिर्फ व्यापार युद्ध नहीं मानता। उसके अधिकारी ट्रंप के कदमों को उस बड़े भू-राजनीतिक टकराव का हिस्सा मानते हैं, जिसकी परस्पर विरोधी दो धुरियों पर ये दोनों देश मौजूद हैं। चीन की राय में दोनों देशों के भू-राजनीतिक हित इतने अंतर्विरोध हो चुके हैं कि उन्हें सिर्फ आयात शुल्क में छूट से दूर करना नामुमकिन लगता है।

संभवतः इसीलिए जिनेवा वार्ता तय होने के बावजूद बुधवार को चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए दूरगामी महत्त्व के मौद्रिक उपायों की घोषणा की। इससे संदेश गया कि चीन का नेतृत्व जिनेवा वार्ता को लेकर बहुत आशान्वित नहीं है। लेकिन बाकी दुनिया इस घटनाक्रम को अलग नजरिए से देखती है। उसकी निगाह में दोनों बड़ी ताकतों के बीच बातचीत शुरू होना ही महत्त्वपूर्ण है।

सिर्फ इसकी खबर भर से माहौल में तनाव घटा है। उसका अच्छा असर वित्तीय बाजारों में देखने को मिला है। ऐसी आशंकाएं आम रही हैं कि अमेरिका और चीन के बीच अलगाव से विश्व बाजार में खेमेबंदी तथा तकनीकी मानदंडों में विभाजन की स्थितियां गंभीर होती जाएंगी। इसका नुकसान चीन और अमेरिका सहित हर देश को होगा।

इसीलिए जिनेवा वार्ता पर सबकी निगाहें टिकी होंगी। दोनों देशों के बीच जैसे दांव- प्रतिदांव हाल में दिखे हैं, उनसे दोनों के रिश्तों में अत्यधिक ठंडापन आया हुआ है। अब आमने-सामने बातचीत से ये बर्फ कितनी पिघलती है, दुनिया की नजर उस पर होगी।

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Pic Credit: ANI

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