China

  • पेशेवरों के लिए चीन ने नया वीजा जारी किया

    बीजिंग। अमेरिका ने अलग अलग सेक्टर के स्किल्ड पेशेवरों को दिए जाने वाले एच 1बी वीजा का शुल्क बढ़ा कर 88 लाख रुपए कर दिया तो इसका फायदा उठाने के लिए चीन ने एक नया वीजा जारी किया है। इसे के वीजा नाम दिया गया है। ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की खबर के मुताबिक के वीजा साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ यानी स्टेम से जुड़े युवाओं और स्किल्ड पेशेवरों के लिए है। यह एक अक्टूबर, 2025 से जारी होगा। इन विषयों में रिसर्च कर रहे लोग भी के वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे। खास बात यह है कि चीनी कंपनी...

  • स्वच्छ ऊर्जा बाजार में चीन का एकाधिकार बना!

    पिछले 15 वर्षों में चीन ने बिजली उत्पादन में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। यह आंकड़ा महत्वपूर्ण है क्योंकि एआई जैसी उभरती तकनीकें बिजली पर निर्भर हैं। चीन का स्वच्छ ऊर्जा निवेश न केवल पर्यावरण ग्लोबल साउथ’ रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक दक्षिण के 70 प्रतिशत सौर-पवन संसाधन चीन की रणनीति से जुड़ रहे हैं। यह संघर्ष सिर्फ दो महाशक्तियों का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का है। आज की दुनिया में ऊर्जा की नीति सिर्फ आर्थिक निर्णय नहीं हैं, बल्कि वैश्विक दबदबे, वर्चस्व की कुंजी भी हैं। जब अमेरिका तेल और गैस पर दांव लगाकर पुरानी राह पर लौट...

  • एससीओ से बदली दुनिया की कथा

    एससीओ शिखर सम्मेलन से लेकर विक्टरी डे परेड तक यही जताया गया है कि दुनिया की वर्तमान कथा सिर्फ हताशा की नहीं है। बल्कि कहीं कुछ नया भी गढ़ा जा रहा है। 21वीं सदी का तीसरे दशक आते-आते ‘इतिहास के अंत’ की थीसीस का एंटी-थिसीस साकार रूप ले चुका है। अब आने वाले दशकों की कथा इसी नई थीसिस से प्रेरित होगी। संदेश यह है कि हम विश्व व्यवस्था के एक नए दौर में प्रवेश कर चुके हैं। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का तियानजिन शिखर सम्मेलन एक ऐतिहासिक मुकाम बना है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं विश्व व्यवस्था के संचालन के नए...

  • नेपाल-भारत मामले में दखल नहीं देगा चीन

    बीजिंग/काठमांडो। चीन ने भारत और नेपाल के बीच लिपुलेख विवाद में पड़ने से इनकार कर दिया है। नेपाल के विदेश सचिव अमृत बहादुर राय ने खुद इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि जिनपिंग ने नेपाल से कहा कि लिपुलेख एक पारंपरिक दर्रा है। चीन नेपाल के दावे का सम्मान करता है, लेकिन यह विवाद भारत और नेपाल का दोपक्षीय मसला है। इसे दोनों देशों को आपसी बातचीत से सुलझाना चाहिए। गौरतलब है कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली 31 अगस्त और एक सितंबर हुए हुए शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ के सम्मेलन में शामिल होने...

  • चीन के साथ सीमा विवाद सबसे बड़ी चुनौती

    गोरखपुर। भारत के सशस्त्र बलों के प्रमुख यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने माना है कि सीमा विवाद भारत और चीन के संबंधों में सबसे बड़ी चुनौती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा और चीन के साथ संबंध सुधार के कदमों के बीच चीफ ऑफ स्टाफ की यह टिप्पणी बहुत अहम है। उन्होंने सीमा विवाद का मुद्दा उठाने के साथ साथ भारतीय सेना को स्वदेशी तकनीक उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को तीन स्तर पर अपनी सुरक्षा का बंदोबस्त करना चाहिए। इस दौरान  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी...

  • मुनीर है ट्रंप, शी के खास और मोदीजी?

    हिसाब से भारतीय सेना, भारत के हर देशभक्त को चीन की सैन्य परेड से जाहिर ताकत पर सोचना चाहिए। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तीन सितंबर को बीजिंग की परेड से न केवल अमेरिका के आगे, उसकी बराबरी की सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया, बल्कि बगल में पुतिन, किम जोंग उन तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उनके आर्मी चीफ मुनीर सहित दक्षिण एशिया के उन देशों के प्रमुखों को बैठा कर बताया कि भारत अब क्या हैं! मालदीव, नेपाल से लेकर म्यांमार के सैनिक राष्ट्रपति सहित कोई बीस देशों के नेता शी जिनपिंग की बारात के खास मेहमान थे। गनीमत...

  • भारत, चीन के बचाव में उतरे पुतिन

    बीजिंग। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भारत और चीन को टैरिफ के नाम पर धमकाना बंद करने को कहा है। उन्होंने कहा कि दोनों देश उनकी धमकी से डरने वाले नहीं हैं। चीन की विक्ट्री डे परेड में शामिल होने के बाद बुधवार, तीन सितंबर को मीडिया से बात करते हुए पुतिन ने कहा कि ट्रंप, भारत या चीन से इस तरह से बात नहीं कर सकते। रूसी राष्ट्रपति ने भारत और चीन के नेतृत्व को भी नसीहत दी और कहा, 'भारत और चीन का इतिहास हमलों से भरा है। अगर इन देशों का...

  • उमस, थकान और सीलन का समय

    हवा में थकान तैर रही है। जैसे उमस, नमी हर चीज़ से चिपक गई हो — राजनीति से लेकर अर्थव्यवस्था तक, और हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी की लय सभी में। हर मानसून में ऐसा ही नुकसान दोहराता है। हर बहस उन्हीं घिसे-पिटे तर्कों में उलझी रहती है। हर बहस उसी रटे-रटाए विमर्श में घूमती रहती है, हर संस्थान चुप्पी को स्थिरता समझने की भूल करता है। एक ऐसा देश जो उठने-बढ़ने का दावा करता है, असल में खालीपन में भागता दिखता है — न तत्कालता पर टिकता है और  न कल्पना पर। बस एक थकान, मुर्दनगी है, जो सब पर...

  • चीन को दोस्त बताना, मानना, कहना देशद्रोह है

    खास तौर पर वे हिंदू तो निश्चित ही, जो अपने को भारत माता का स्वयंसेवक कहते हैं तथा जो राष्ट्रवादी होने का दंभ भरते हैं। पर हां, जो लोग सर्वभूमि गोपाल में पृथ्वी को मनुष्यों का खुला मैदान मानने का मानवतावादी नजरिया लिए हुए हैं या प्रगतिशीलता के नेहरूवादी, माओवादी, नक्सली आइडिया में हिंदी-चीनी भाई-भाई का राग आलापते हुए चीन को समानता, सर्वहारा का मक्का समझते हैं, वे राष्ट्रद्रोह की कैटेगरी में नहीं रखे जाएंगे। इसलिए क्योंकि आखिर विचार और वैचारिक स्वतंत्रता में जीना मनुष्य होने का प्राथमिक लक्षण है। लेकिन जो स्वयंसेवक भारत माता के नाम पर रोहिंग्या या...

  • चीन से फिर दोस्ती कायम

    नई दिल्ली। चीन के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग से मुलाकात की। शंघाई शिखऱ सम्मेलन यानी एससीओ से इतर दोनों नेताओं के बीच दोपक्षीय वार्ता हुई, जो करीब 50 मिनट चली। वार्ता के बाद चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और चीन दुश्मन नहीं, बल्कि साझीदार हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी को भारत आने का न्योता दिया। मोदी ने शी को अगले साल भारत में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए बुलाया। इस तरह करीब सात वर्ष से जमी बर्फ पिघल गई है और भारत व चीन की...

  • अब निशाने में अमेरिका है!

    राजनीति और कूटनीति का मौसम चेतावनी नहीं देता। उसमें अचानक घटनाएं घटती है। पटकथा में अचानक मोड आता है और घटना विशेष पटकथा को पलट डालती है। बहिष्कार का अब नया सुर शुरू है।  आधिकारिक रूप से घोषित नहीं, लेकिन संकेत साफ़ हैं। इस बार निशाना है अमेरिका के बहिष्कार और अमेरिका शुरू से शैतान की धुन। मई की गर्मियों में “युद्ध”  के युद्धविराम में छोटे से बात कर बतगंड़ पर वह हुआ जिसका किसी को अनुमान नहीं था। भारत ने ट्रंप का सार्वजनिक धन्यवाद नहीं किया। नतीजतन लगा आकस्मिक झटका:। अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय निर्यातों पर 50% टैरिफ़ लगा...

  • अनेक विश्व नेताओं से मिले मोदी

    नई दिल्ली। चीन के शहर तियानजिन में हो रहे शंघाई शिखर सम्मेलन यानी एससीओ बैठक में शामिल होने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन से इतर अनेक विश्व नेताओं से मुलाकात की। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात सोमवार को होगी। सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे। हालांकि उनसे प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात नहीं हुई। सम्मेलन के बाद इसमें शामिल हुए सभी देशों के प्रमुखों की सामूहिक तस्वीर में जरूर शहबाज शरीफ भी हैं। उस समय मोदी और शहबाज एक साथ मंच पर मौजूद थे। इस बार एससीओ सम्मेलन में 20 से...

  • म्यांमार के सैनिक शासक से मोदी की मुलाकात

    नई दिल्ली। शंघाई शिखर सम्मेलन यानी एससीओ की बैठक से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दुनिया के अनेक नेताओं से मिले। उसमें उन्होंने भारत के पड़ोसी म्यांमार के सैनिक शासक से भी मुलाकात की। रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार के सैन्य शासक जनरल मिन आंग हलिंग से मुलाकात की। मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी नेबर्स फर्स्ट पॉलिसी, एक्ट ईस्ट और हिंद-प्रशांत नीतियों के तहत म्यांमार के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है। दोनों नेताओं ने इस मुलाकात में दोपक्षीय संबंधों की समीक्षा की। इसके साथ ही विकास साझेदारी, रक्षा व सुरक्षा, सीमा प्रबंधन...

  • चीन से मजबूत संबंध अहम है: मोदी

    टोक्यो। अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ विवाद के बीच जापान की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने चीन के साथ संबंधों को अहम बताया है। प्रधानमंत्री ने दो दिन की जापान यात्रा के पहले दिन शुक्रवार को कहा कि चीन के साथ मजबूत संबंध महत्वपूर्ण हैं और इससे क्षेत्रीय शांति और समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली और टोक्यो के बीच दोपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए जापान की दो दिन यात्रा पर हैं और वहीं से शनिवार, 31 अगस्त...

  • चीन और जापान की यात्रा पर जाएंगे मोदी

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा का आधिकारिक कार्यक्रम जारी हो गया है। वे 31 अगस्त और एक सितंबर को दो दिन की चीन यात्रा पर रहेंगे। उससे पहले वे दो दिन की जापान यात्रा पर जाएंगे। अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ वॉर के बीच प्रधानमंत्री मोदी का चीन जाना बहुत अहम है। वे चीन के तियानजिन शहर में हो रहे शंघाई शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे हैं। इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग के साथ उनकी दोपक्षीय वार्ता भी हो सकती है। वहां मोदी की मुलाकात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ...

  • सुधार या फ़ौरी एडजस्टमेंट?

    चीन को अहसास है कि भारत ने कुछ अमेरिका के बदले रुख और कुछ आर्थिक जरूरतों के कारण उसकी तरफ हाथ बढ़ाया है। तो उसकी सोच है  कि भारत और अमेरिका के बीच दूरी जितनी बढ़ाई जा सके, वह उसके दीर्घकालिक हित में होगा। भारत- चीन के संबंधों में जिस तेजी से सुधार हो रहा है, उन पर सहज यकीन नहीं होता। चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के दौरान माहौल सतर्कता भरी गर्मजोशी का रहा। ऐसा महसूस हुआ कि फिलहाल भारत सरकार का जो मन बदला है, चीन उसका पूरा फायदा उठा लेने की फिराक में है।...

  • चीन+1 से इंडिया+1 तक!

    चूंकि भारत का घरेलू उपभोक्ता बाजार कमजोर है और अन्य देशों में तुरंत बाजार हासिल करना आसान नहीं है, तो कंपनियां उन देशों में जाने पर विचार कर रही हैं, जिन पर लगा टैरिफ भारत से कम है। डॉनल्ड ट्रंप के प्रमुख टैरिफ संबंधी सलाहकार पीटर नवारो ने भारत के खिलाफ जो सख्त बातें कहीं हैं, उनका संकेत है कि निकट भविष्य में अमेरिका से भारत के रिश्ते बेहतर होने की गुंजाइश नहीं है। यानी ट्रंप प्रशासन के टैरिफ की मार भारत को लंबे समय तक झेलनी पड़ सकती है। नवारो ने कहा कि भारत अगर चाहता है कि अमेरिका...

  • चीन के विदेश मंत्री भारत की यात्रा पर आएंगे

    नई दिल्ली। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चीन की प्रस्तावित यात्रा से कुछ दिन पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के साथ वार्ता करने के लिए सोमवार को भारत आएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि चीन के विदेश मंत्री सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र के तहत अगले दौर की वार्ता करने के लिए आ रहे हैं। वांग और डोभाल सीमा मुद्दे पर वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि (एसआर) नामित हैं। डोभाल ने पिछले साल दिसंबर में चीन की यात्रा...

  • चीन यात्रा और सवाल

    पड़ोसी देशों में बेहतर संबंध हों, यह अपेक्षित है। लेकिन यह भी उतना ही अहम है कि यह किन शर्तों पर संभव है। इसलिए यह जरूरी है कि निर्णय समग्रता में और दूरदृष्टि का परिचय देते हुए लिया जाए। खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने चीन जाएंगे। इस घटना का प्रतीकात्मक महत्त्व खुद जाहिर है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल कजाखस्तान में हुए एससीओ समिट में मोदी नहीं गए थे। इसलिए यह कहना निराधार है कि एससीओ बहुपक्षीय मंच है और उसके शिखर सम्मेलन में जाने को भारत- चीन संबंधों...

  • गलवान के बाद पहली बार चीन जाएंगे मोदी

    नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीन यात्रा के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चीन जाएंगे। वे शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन जाएंगे। चीन दौरे में उनकी राष्ट्रपति शी जिनफिंग से मुलाकात भी हो सकती है। प्रधानमंत्री का दो दिन का दौरा 31 अगस्त और एक सितंबर का होगा। इससे पहले राजनाथ सिंह एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने गए थे और जयशंकर एससीओ के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में शामिल हुए। जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के...

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