आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में बिहार के सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ बैठक की गई है, जिसमें चुनावों पर चर्चा हुईं। बैठक में चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधु और चुनाव आयुक्त विवेक जोशी के अलावा बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी विनोद गुंजियाल और आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
चुनाव आयोग ने कहा कि राजनैतिक दल जनतंत्र की आधारशिला हैं। सभी दलों को पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया के हर पड़ाव पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
आयोग ने अपील की कि चुनाव के पर्व को सौहार्द से मनाएं, मतदाताओं का सम्मान करें। साथ ही, आयोग ने आह्वान किया कि चुनाव की पारदर्शिता का अनुभव करें और हर बूथ पर राजनैतिक दल अपने पोलिंग एजेंट नामित करना न भूलें।
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बैठक में हिस्सा लेने वाले 12 राजनीतिक दलों में भाजपा और कांग्रेस के अलावा जदयू, राजद, आम आदमी पार्टी, बसपा, सीपीआईएम, एनपीपी, सीपीआईएमएल, एलजेपी (रामविलास), आरएलजेपी और आरएलजेपी शामिल थे।
आयोग के अनुसार, राजनैतिक दलों ने मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए एसआईआर के ऐतिहासिक, पारदर्शी और दृढ़ कदम उठाने के लिए धन्यवाद किया। सभी ने चुनावी प्रक्रिया के प्रति अपनी पूरी निष्ठा और विश्वास को दोहराया।
राजनीतिक दलों ने मतदान केंद्र पर 1,200 मतदाताओं की अधिकतम संख्या निर्धारित करने के लिए आयोग का धन्यवाद किया। इसके अलावा, उन्होंने बिहार के मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए छठ पर्व के तुरंत बाद चुनाव कराने की मांग की और चुनाव को कम से कम चरणों में कराने का सुझाव दिया।
बैठक में चुनाव आयोग की ओर से हाल ही में उठाए गए कई नए कदमों, जैसे पोस्टल वोटों की गिनती एवं फॉर्म 17सी संबंधी प्रावधानों की व्यापक सराहना की गई। सभी दलों ने चुनाव आयोग पर अपना पूर्ण विश्वास व्यक्त किया। इसके साथ ही, उन्होंने स्वतंत्र, निष्पक्ष और पूर्णतः पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग में पूरा विश्वास जताया।
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