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नीतीश ने की सर्वदलीय बैठक

पटना। बिहार में जाति गणना के आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी पार्टियों की एक बैठक बुलाई, जिसमें जातियों के आंकड़ों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री सचिवालय में यह बैठक हुई, जो करीब ढाई घंटे तक चली। गौरतलब है कि सोमवार को जातियों के आंकड़े सार्वजनिक किए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिन नौ पार्टियों ने जाति गणना कराने की सहमति दी थी उनके साथ बैठक करके आगे की रूपरेखा बनाएंगे।

बैठक में सीपीआई एमएल और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग की। उनकी इस मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विचार करने की बात कही। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जातीय गणना के आंकड़ों की शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक विश्लेषण करने का निर्देश दिए हैं। उन्होंने भरोसा दिया है कि अगले विधानसभा सत्र से पहले आर्थिक विश्लेषण का आंकड़ा भी जारी कर दिया जाएगा।

बैठक में शामिल भाजपा के नेता हरि सहनी ने कुछ जातियों में उपजातियों की अलग-अलग गणना पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि कुछ जातियों की उपजातियों के साथ गणना हुई, कुछ की बिना उपजातियों के हुई है। ये गलत है, इससे उनका विकास कैसे होगा? गरतलब है कि यादव, कोईरी, कुर्मी जैसी पिछड़ी जातियों की गणना बिना उपजातियों के हुई है, जबकि मल्लाह जाति की उपजातियों की गिनती अलग अलग हुई है। गौरतलब है कि अगस्त 2021 में नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और उसमें जाति गणना पर आम सहमति से फैसला हुआ था।

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