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मध्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में बनेंगे गीता भवन, कैबिनेट ने लगाई मुहर

Bhopal, Sep 28 (ANI): Madhya Pradesh Chief Minister Mohan Yadav chairs a review meeting on the soybean procurement and availability and distribution of fertilizers and seeds, via video conferencing, at Samatva Bhawan in Bhopal on Saturday. (ANI Photo)

मध्य प्रदेश के नगरीय निकायों में गीता भवन की स्थापना की जाएगी। यह निर्णय मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की।

राज्य की मंत्रि-परिषद द्वारा समाज में पठन-पाठन की रूचि को जागृत करने के लिए और सर्वसुविधायुक्त वैचारिक अध्ययन केन्द्र के साथ-साथ साहित्यिक और संस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, नगरीय निकायों में गीता भवन स्थापना योजना को स्वीकृति प्रदान की गयी है। 

योजना की अवधि पांच वर्ष, 2025-26 से वर्ष 2029-30 तक होगी‍। गीता भवन के निर्माण, विस्तार, संधारण और अतिरिक्त निर्माण के लिए आवश्यक आर्थिक सहायता राज्य शासन द्वारा प्रदान की जाएगी। गीता भवनों का निर्माण राज्य वित्त पोषण पर आधारित होने से उनका स्वामित्व राज्य शासन का होगा।

बताया गया है कि योजना को 5 वर्षों में क्रियान्वित किया जायेगा। मंत्रि-परिषद द्वारा मुरैना जिले में मुरैना मंडल सहकारी शक्कर कारखाना कैलारस के परिसमापन की कार्यवाही पूर्ण किये जाने एवं कारखाने की समस्त भूमियों 22.340 हेक्टेयर को चिन्हित किये जाने का निर्णय लिया गया है। 

निर्णय अनुसार एमएसएमई विभाग को मुरैना जिले में रोजगार आधारित उ‌द्योगों के विकास के लिए कारखाना को हस्तांतरित किया जायेगा। इसके लिए एमएसएमई विभाग के माध्यम से कारखाना के परिसमापक को उचित प्रतिफल लगभग 61 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया जायेगा।

निर्णय के अनुसार राज्य शासन से परिसमापक को जो राशि प्रदान की जायेगी, उसका उपयोग कर्मचारियों की देनदारियों, किसानों के पूर्व वर्षों के भुगतान सहित अन्य देनदारियों के निराकरण में किया जायेगा। कारखाने के प्लांट एवं मशीनरी का विक्रय पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा किया जायेगा और विक्रय राशि परिसमापक को उपलब्ध करायी जायेगी। 

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मुरैना मण्डल सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित कैलारस जिला मुरैना का पंजीयन वर्ष 1965 में हुआ था। कारखाना सिंचाई की असुविधा, गन्ने की अनुपलब्धता एवं अन्य प्रबंधकीय कारणों से निरंतर घाटे में रहा, जिसके परिणाम स्वरूप वर्ष 2008-09 से लगातार बंद है। कारखाने की देनदारियां 54.81 करोड़ रुपये हैं। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है।

मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स 2.0 परियोजना के अंतर्गत सामान्य सुविधाओं के साथ विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन तथा विनिर्माण क्षेत्र के संवर्धन को बढ़ावा दिए जाने के लिए भोपाल की तहसील बैरसिया के ग्राम बांदीखेडी में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना किए जाने का निर्णय लिया गया है। 

परियोजना के लिए उपलब्ध 210.21 एकड़ भूमि पर परियोजना लागत 371 करोड़ 95 लाख रुपये की सैद्धांतिक स्वीकृति जारी की गई है। मंत्रि-परिषद द्वारा नर्मदापुरम, मुरैना, बालाघाट, शहडोल और सागर में नवीन शासकीय आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय और वैलनेस सेंटर खोलने के लिए 1570 पदों की स्वीकृति दी गई है।

मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 का अनुमोदन किया गया है। अनुमोदन अनुसार प्रचलित नियम मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1977 के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में परिवर्तन की आवश्यकता की दृष्टिगत नवीन अवकाश नियम मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 तैयार किया गया है। नवीन अवकाश नियम 2025 के नवीन प्रावधानों में महिला शासकीय सेवक सेरोगेट, कमीशनिंग मां को भी प्रसूति अवकाश की पात्रता होगी। 

अवकाश विभागों के शैक्षणिक संवर्ग को एक वर्ष में 10 दिवस के अर्जित अवकाश की पात्रता होगी। दत्तक संतान ग्रहण करने के लिये शासकीय सेवकों को कुल 15 दिवस के पितृत्व अवकाश की पात्रता होगी। इसके साथ ही संतान पालन अवकाश की पात्रता एकल पुरुष शासकीय सेवक को भी होगी।

Pic Credit : ANI

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