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विपक्ष का जूता मारो अभियान

मुंबई। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के विरोध में उद्धव ठाकरे और शरद पवार सहित तमाम विपक्षी नेता रविवार को सड़क पर उतरे। एनसीपी के संस्थापक शरद पवार की तबियत ठीक नहीं थी इसके बावजूद वे भी महा विकास अघाड़ी के प्रदर्शन में शामिल हुए। महा विकास अघाड़ी ने अपने इस प्रदर्शन को जोड़े मारो यानी जूता मारो आंदोलन नाम दिया था। प्रदर्शन के दौरान सत्तारूढ़ एनडीए के नेताओं की तस्वीरों पर विपक्षी नेतओं ने जूते मारे।

मुंबई के हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक विपक्षी नेताओं ने पैदल मार्च निकाला। इसमें उद्धव ठाकरे के साथ शरद पवार भी शामिल हुए। इनके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे, शरद पवार की बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले सहित तीनों पार्टियों के अनेक बड़े नेता शामिल हुए।

प्रदर्शन के दौरान शिव सेना के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और अजित पवार के पोस्टर पर चप्पल मारी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माफी को खारिज करते हुए कहा- मोदी की माफी अहंकार से भरी थी। उद्धव ने कहा- महाराष्ट्र में जो कुछ भी चल रहा है कि इसे मैं राजनीति नही मानता हूं। इस गलती को माफी नही है। अपना दुख व्यक्त करने के लिए हमने गेट वे ऑफ इंडिया चुना है। यहां से भाजपा का गेट आउट ऑफ इंडिया करना है।

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा- मोदी ने माफी क्यों मांगी ? पुतला गिरे इसके लिए या प्रतिमा में भ्रष्टाचार हुआ इसके लिए माफी मांगी है? मोदी किस किस के लिए माफी मांगेंगे? जल्दबाजी में चुनाव के लिए राम मंदिर का उद्घाटन किया, संसद भवन का उद्घाटन किया सब से पानी टपक रहा है। वहीं शरद पवार ने भी केंद्र व राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा कि शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरी यह भ्रष्टाचार का सबूत है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के गौरव हैं, महाराष्ट्र की आत्मा हैं।

दूसरी ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा- विपक्ष मामले पर राजनीति कर रहा है। जनता सब देख रही है। आने वाले चुनाव में महाराष्ट्र की जनता इन्हें जूतों से पीटेगी। भाजपा ने भी विपक्ष के प्रदर्शन के खिलाफ जवाबी प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई थी। इस प्रतिमा का उद्घाटन कोई आठ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। पिछले दिनों महाराष्ट्र दौरे में प्रधानमंत्री मोदी ने पालघर में एक कार्यक्रम में प्रतिमा गिरने पर माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था- हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक महाराजा नहीं हैं। हमारे लिए वे पूजनीय हैं। आज मैं छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने नतमस्तक हूं और उनसे क्षमा मांगता हूं।

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