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प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ मचने से 24 से ज्यादा लोगों की मौत,अमृत स्नान रद्द…

mahakumbh 2025

mahakumbh 2025: तीर्थनगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन किया है। यह महाकुंभ 144 वर्षों बाद आया है। आज 29 जनवरी 2025 का महाकुंभ और श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही विशेष है।

आज 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है और आज ही महाकुंभ में दूसरा शाही स्नान होना था लेकिन ईश्वर को कुछ और मंजूर था।

प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की मध्य रात्रि श्रद्धालु उत्साह से संगम की ओर दूसे शाही स्नान करने के लिए जा रहे थे। लेकिन इतने में ही श्रद्धालुओं में भगदड़ मचने लगी।

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प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की मध्य रात्रि को हुए भगदड़ के भयानक हादसे ने श्रद्धालुओं में हड़कंप मचा दिया।(mahakumbh 2025)

प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रारंभिक रिपोर्ट में 14 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई थी, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 24 से अधिक हो गई है। वहीं, 50 से अधिक श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।

भगदड़ का कारण और घटनास्थल की स्थिति

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात करीब डेढ़ बजे अचानक भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। संगम तट पर स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक थी, जिसके चलते अव्यवस्था फैल गई। भगदड़ में कई लोग कुचले गए और कई श्रद्धालु नदी में गिर पड़े।

प्रयागराज के स्वरूपरानी अस्पताल में बड़ी संख्या में घायलों को भर्ती कराया गया है। भास्कर के रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल पहुंचाए जा चुके हैं।

हालांकि, प्रशासन की ओर से अभी तक मृतकों या घायलों की वास्तविक संख्या पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।(mahakumbh 2025)

मौनी अमावस्या का स्नान रद्द

इस हादसे के मद्देनज़र, प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या के अमृत स्नान को रद्द करने का निर्णय लिया था।

लेकिन बाद में अखाड़ों की एक आपात बैठक आयोजित की गई, जिसमें तय किया गया कि सुबह 10 बजे के बाद अमृत स्नान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चार बार फोन पर बात कर घटना की जानकारी ली और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

इसके बाद प्रशासन हाई अलर्ट पर आ गया और कुंभ मेले की निगरानी के लिए हेलिकॉप्टरों को तैनात कर दिया गया है।(mahakumbh 2025)

सुरक्षा के लिए बढ़ाए गए कदम

हादसे के बाद से प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम करने शुरू कर दिए हैं। भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। हेलिकॉप्टरों से लगातार निगरानी रखी जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना को रोका जा सके।

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने और नियमों का पालन करने की अपील की है। साथ ही, संगम तट पर भीड़ नियंत्रण के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।(mahakumbh 2025)

महाकुंभ का यह आयोजन धार्मिक आस्था का प्रतीक है, लेकिन ऐसी घटनाएं इसकी गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं। प्रशासन और श्रद्धालुओं को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।

महाकुंभ भगदड़ की 2 प्रमुख वजहें

प्रयागराज के संगम तट पर महाकुंभ के दौरान अमृत स्नान के अवसर पर भारी भीड़ उमड़ने से मंगलवार-बुधवार की रात भयानक भगदड़ मच गई। इ

स भगदड़ का मुख्य कारण एंट्री और एग्जिट के अलग-अलग रास्तों का न होना था। श्रद्धालु जिस रास्ते से संगम नोज की ओर जा रहे थे, उन्हें वापस लौटने के लिए भी वही मार्ग इस्तेमाल करना पड़ रहा था।

जैसे ही भीड़ बेकाबू हुई, लोगों को भागने का कोई सुरक्षित रास्ता नहीं मिला, जिससे वे एक-दूसरे पर गिरने लगे और भगदड़ ने विकराल रूप ले लिया।(mahakumbh 2025

कैसे हुआ हादसा?

अमृत स्नान के कारण अधिकतर पांटून पुलों को बंद कर दिया गया था, जिससे संगम तक जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ एक ही स्थान पर इकट्ठा हो गई।(mahakumbh 2025)

लाखों की संख्या में लोग एक ही दिशा में बढ़ते रहे, जिससे बैरिकेड्स में फंसकर कुछ श्रद्धालु गिर पड़े। अचानक भगदड़ फैलने की अफवाह के बाद अफरातफरी मच गई और हालात बेकाबू हो गए।

राहत और बचाव कार्य तेज(mahakumbh 2025)

घटना के तुरंत बाद 70 से अधिक एंबुलेंस संगम तट पर पहुंची और घायलों व मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। प्रशासन ने तुरंत संगम नोज इलाके में आम जनता की एंट्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया।

हालात को काबू में करने के लिए NSG कमांडो मौके पर तैनात कर दिए गए। साथ ही, प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोकने के आदेश दिए गए हैं ताकि संगम क्षेत्र में भीड़ को और ज्यादा बढ़ने से रोका जा सके। पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

महाकुंभ के सबसे पवित्र दिनों में से एक, मौनी अमावस्या का स्नान आज होना है। प्रशासन का अनुमान है कि इस अवसर पर लगभग 5 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में पहले से मौजूद हैं, जबकि देर रात तक 8 से 10 करोड़ लोग संगम समेत 44 घाटों पर डुबकी लगा सकते हैं।

साढ़े 5 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया

मौनी अमावस्या से एक दिन पहले ही, यानी मंगलवार को, करीब साढ़े 5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था।(mahakumbh 2025)

इस विशाल भीड़ को संभालने के लिए प्रयागराज में 60,000 से अधिक सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, जिनमें पुलिस, अर्धसैनिक बल, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां शामिल हैं।

1. संगम क्षेत्र और प्रमुख स्नान घाटों की सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है।

2. अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है और भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष टीमों को सक्रिय कर दिया गया है।

3. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने एकतरफा रास्तों की योजना बनाई है, जिससे प्रवेश और निकासी को सुगम बनाया जा सके।

4. श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करें।

श्रद्धालुओं से अपील(mahakumbh 2025)

महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ना और प्रशासन के निर्देशों का पालन करना बेहद जरूरी है।

श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे संयम बनाए रखें, भीड़ में धक्का-मुक्की न करें और संकट की स्थिति में घबराने के बजाय प्रशासन की सहायता लें।

महाकुंभ 2025 का यह आयोजन भव्य और ऐतिहासिक है, लेकिन इस तरह की त्रासदियों से बचने के लिए बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की सख्त जरूरत है।(mahakumbh 2025)

प्रशासन, सुरक्षा एजेंसियां और श्रद्धालुओं को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

सीएम योगी बोले- हालात नियंत्रण में…

सीएम योगी ने कहा- प्रयागराज में आज 8-10 करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं। कल लगभग 5.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने महाकुंभ का स्नान किया था।(mahakumbh 2025)

श्रद्धालुओं के संगम नोज पर जाने से भारी दबाव बना हुआ है। रात 1-2 बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर बैरिकेड्स को फांदकर आने में कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।

कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हैं। श्रद्धालुओं को स्नान कराने के लिए प्रशासन तैयार है। पीएम मोदी 4 बार श्रद्धालुओं के बारे में जानकारी ले चुके हैं।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी श्रद्धालुओं के बारे में लगातार जानकारी ले रहे हैं।

प्रयागराज में वर्तमान में हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन भीड़ का दबाव बहुत बना हुआ है। संतों के साथ भी मेरी बात हुई है।

उन्होंने बड़ी विनम्रता से कहा है कि पहले श्रद्धालु स्नान करके निकल जाएंगे, उसके बाद ही हम लोग संगम स्नान के लिए जाएंगे। सभी अखाड़े इसके लिए सहमत हैं।

लोगों से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। संयम से काम लें। यह आयोजन लोगों का है और प्रशासन उनकी सेवा के लिए तत्पर है।(mahakumbh 2025)

सरकार हर प्रकार का सहयोग देने के लिए मजबूत तरीके से काम कर रही है। आवश्यक नहीं है कि संगम नोज की तरफ ही आएं। 15-20 किलोमीटर के दायरे में अस्थाई घाट बनाए गए हैं, आप जहां हैं, वहीं पर स्नान करें।

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