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मिजोरम चपेटे में, बड़ा प्रदर्शन

आइजोल। मणिपुर का मसला अब मिजोरम को भी अपनी चपेट में ले रहा है। मिजोरम में रह रहे मैती लोगों के खिलाफ कुछ संगठनों की ओर से अपील जारी किए जाने के बाद सोमवार को मिजोरम के अलग अलग हिस्सों में कई बड़े प्रदर्शन हुए। मणिपुर के कुकी समुदाय और साथ ही कुछ अन्य जनजातीय समूहों के समर्थन में मिजोरम में बड़ी रैली हुई। राज्य सरकार ने कई दिन से हो रही इसकी तैयारियों को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए थे। गौरतलब है कि पिछले दिनों मैती लोगों के खिलाफ अपील जारी हुई थी, जिसके बाद उन्होंने पलायन शुरू कर दिया था।

गौरतलब है कि मणिपुर में तीन मई से कुकी और मैती लोगों के बीच जातीय संघर्ष चल रहा है, जिसमें 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। पिछले दिनों कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने और यौन हिंसा किए जाने का वीडियो सामने आया था, जिसके बाद मिजोरम में भी जनजातीय समूहों ने नाराजगी जताई थी। गौरतलब है कि मिजोरम के मिजो समुदाय का मणिपुर के कुकी, बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी इलाकों के कुकी-चिन और म्यांमार के चिन समुदाय के साथ जातीय संबंध है। इन्हें सामूहिक रूप से ‘जो’ के रूप में पहचाना जाता है।

बहरहाल, एनजीओ समन्वय समिति और सेंट्रल यंग मिजोजो एसोसिएशन सहित पांच अलग अलग समूहों की ओर से राजधानी आइजोल से लेकर राज्य के अलग अलग हिस्सों में कई बड़े प्रदर्शन किए गए। राजधानी में हजारों लोगों ने बैनर और पोस्टर लेकर रैली में हिस्सा लिया। रैली में शामिल लोगों ने मणिपुर में हो रही हिंसा का विरोध किया।

सामाजिक व जातीय समूहों की ओर से आयोजित इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट, एमएनएफ के कार्यालय बंद कर दिए गए थे। रैलियों में एमएनएफ कार्यकर्ता भी शामिल हुए। सत्तारूढ़ एमएनएफ के साथ साथ विपक्षी पार्टियों ने भी एकजुटता रैलियों के समर्थन में अपने कार्यालय बंद रखे। प्रदर्शन को देखते हुए पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। खासकर संवेदनशील इलाकों में पुलिस की भारी तैनाती, गश्त और कड़ी निगरानी सुनिश्चित की गई थी।

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