manipur violence

  • मणिपुर का जटिल रास्ता

    मैतई और कुकी-जो के बीच अविश्वास की खाई इतनी गहरा चुकी है कि उनमें से किसी एक को पसंद आने वाले करार से दूसरा समुदाय भड़क जाता है। दोनों समुदायों के बीच भड़की हिंसा के बाद से हालात सुलगते रहे हैं। केंद्र और मणिपुर के कुकी-जो समुदाय के विद्रोही संगठनों के बीच एक दूसरे पर हमला ना करने के हुए समझौते और उसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को आम परिवहन के लिए खोलने के एलान से जगी उम्मीदों पर 24 घंटों के अंदर बड़ा प्रहार हुआ, जब प्रमुख मैतेई संगठन ने इस समझौते को नकारने की घोषणा कर दी। मैतेई संगठन...

  • लाइलाज हो गया नासूर?

    मणिपुर की ताजा अशांति बेहद चिंताजनक है। यह प्रदेश प्रशासन और केंद्र सरकार के सामने कठिन प्रश्न खड़ा करती है। उनमें सबसे अहम यह है कि क्या उन्होंने मान लिया है कि राज्य में फैला नासूर अब लाइलाज हो गया है?  मणिपुर फिर अशांत है। हर महीने- दो महीने पर हिंसा का नए सिरे भड़क उठना वहां सामान्य परिघटना बन  गई है। मगर ताजा घटनाओं में कुछ खास चिंताजनक संकेत भी छिपे हैं। इस बार गड़बड़ी अरमबई तेंगोल नाम के संगठन के कार्यकर्ता कनन सिंह और उसके चार सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई। ये देखना महत्त्वपूर्ण है कि...

  • मणिपुर में फिर भड़की हिंसा

    इम्फाल। मणिपुर में नई सरकार के गठन की चर्चाओं के बीच एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। मैती संगठन के एक नेता को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में सात जून की रात को राजधानी इम्फाल में हिंसा भड़की, जो बाद में कई जिलों में फैल गई। हिंसा के बाद दो जिलों में कर्फ्यू लगा दी गई है और पांच जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सर्विस बंद कर दी गई है। राजधानी इम्फाल के कई इलाकों में उपद्रवियों ने तोड़ फोड़ और आगजनी की। उपद्रवियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी और सड़कों पर टायर व पुराने...

  • मणिपुर में सुलगते हालात

    मैतेई समुदाय राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से सार्वजनिक माफी मांगने की मांग कर रहा है। मुद्दा 20 मई को भड़का, जब एक सरकारी बस के कुकी बहुल इलाके में जाने से पहले उस पर लिखे ‘मणिपुर राज्य परिवहन’ को ढक दिया गया। मणिपुर में फिर हालात सुलग उठे हैं। मंगलवार को हालात नाजुक हो गए, जब मैतई समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने बाहर से ताला लगा कर केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दफ्तरों में बंद कर दिया। 24 मई से इस समुदाय के लोगों ने राज्य में सिविल नाफरमानी आंदोलन चला रखा है। इस बार निशाने पर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला...

  • जख्म़ गहराता ही गया!

    जब असंतोष के दायरा व्यापक हो और इसके कारण गहरे हों, तब प्रशासनिक तरीके शायद ही कारगर होते हैं। आवश्यकता ठंडे दिमाग से यह समझने की है कि मणिपुर मसले की जड़ में जमीन और संसाधन संबंधी विवाद रहे हैं। मणिपुर के हिंसाग्रस्त हुए दो साल पूरे हो गए हैं। मैतेई समुदाय को जनजाति श्रेणी में शामिल करने के न्यायिक निर्णय के खिलाफ 2023 में तीन मई के दिन कुकी एवं अन्य जनजातीय समूहों के जुलूस निकाला था। उसी दौरान हिंसा शुरू हुई। फिर इसका दायरा फैल गया। तब से रुक-रुक कर हिंसा का दौर आता रहा है। इस बीच...

  • मणिपुर हिंसा के दो साल

    नई दिल्ली। मणिपुर में जातीय हिंसा के दो साल पूरे हो गए हैं। तीन मई को दो साल पूरे होने पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधा। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर में नहीं जाने का मुद्दा उठाया और कहा कि उन्होंने मणिपुर से दूरी बनाए रखी है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य की स्थिति संभालने में विफल साबित हुए हैं। गौरतलब है कि तीन मई 2023 को राज्य में जातीय हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें अब तक तीन सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।...

  • मणिपुर हिंसा के पीड़ितों से मिले सुप्रीम कोर्ट के जज

    इम्फाल। मणिपुर में करीब दो साल से चल रही जातीय हिंसा से प्रभावित पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए हिंसा प्रभावित राज्य के दौरे पर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के छह जजों ने शनिवार को पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि उनकी हर संभव मदद की जाएगी और कोई उनको अकेले नहीं छोड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट के जजों ने हिंसा प्रभावितों को हर किस्म की कानूनी मदद दिए जाने का भरोसा भी दिलाया। सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस बीआर गवई के साथ जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस केवी विश्वनाथन...

  • पूरा प्रदेश नफरत का मैदान!

    manipur violence : मणिपुर में जातीय हिंसा को दो साल होने जा रहे हैं। 2023 की मई के पहले हफ्ते में कुकी और मैती समूहों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें तीन सौ के करीब लोग मरे हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए है। ऐसा लग रहा था कि अब वहां शांति बहाल हो जाएगी। लेकिन उलटे हिंसा और भड़क गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आठ मार्च से मणिपुर की सारी सड़कें खोल देने और आवागमन सामान्य रूप से बहाल करने का आदेश दिया था। लेकिन आठ मार्च को सड़कें खुलीं तो हिंसा भड़क गई।...

  • मणिपुर में फिर हुई झड़प

    manipur violence :  चुराचांदपुर जिले में कर्फ्यू के दौरान हमार और जोमी समुदाय के लोगों में झड़पे हुई। इस पर बंद का आह्वान हुआ है। जिले में तनाव के मद्देनजर मंगलवार को शैक्षणिक संस्थान, दुकाने  और बाजार बंद रहे। जोमी और हमार जनजातियों के लोगों की झड़पों में कई लोग घायल हो गए है। ताजा झड़पें तब शुरू हुईं, जब कुछ लोगों ने शहर में जोमी उग्रवादी संगठन का झंडा उतारने की कोशिश की। इस घटना के जवाब में जोमी छात्र संघ ने तत्काल प्रभाव से जिले में बंद की घोषणा कर दी। चुराचांदपुर के 12 कुकी-जोमी और हमार संगठनों...

  • पहली जरूरत सद्भाव की

    ताजा घटनाओं का संकेत है कि मणिपुर दुश्चक्र में फंस हुआ है। इसका प्रशासनिक हल निकलने की गुंजाइश काफी सिकुड़ चुकी है। संकेत हैं कि कुकी समुदाय में सत्ताधारी दल को लेकर कुछ खास तरह की आशंकाएं हैं। बेहतर होगा, केंद्र इसे समझे। मणिपुर में बीरेन सिंह सरकार को हटा कर राष्ट्रपति शासन लागू होने से जगी उम्मीदें धूल में मिल गई हैं। इस परिवर्तन को संकेत समझा गया था कि केंद्र ने मणिपुर में दो नस्लीय समुदायों में चौड़ी हुई खाई को पाटने की जरूरत समझी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने खुद को मैतेई समुदाय से इतना जोड़ लिया था...

  • मणिपुर में अनिश्चितकालीन बंद

    इम्फाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की फ्री ट्रैफिक मूवमेंट शुरू करने के लिए दी गई डेडलाइन बीत गई है और उसके अगले दिन रविवार, नौ मार्च को कुकी संगठनों और कुछ अन्य जातीय व आदिवासी संगठनों ने अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान कर दिया है। इससे पहले अमित शाह की डेडलाइन के दिन यानी आठ मार्च को राज्य के कई हिस्सों में भारी हिंसा हुई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 40 से ज्यादा लोग घायल हुए। कई जगह प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम किया। कुछ इलाकों में लोगों का आवागमन हुआ लेकिन वह भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच...

  • मोदीजी, मणिपुर की लाइव फिल्म देखिए!

    प्रधानमंत्री कश्मीर फाइल्स, केरल स्टोरी, द साबरमती रिपोर्ट फिल्मों की तारीफ करते हैं मगर सामने वास्तविक रूप से घट रहे मणिपुर पर आंखे मूंदे हैं। मोदी जी कहते हैं फिल्म देखो मगर असली मणिपुर को नहीं।... बताना केवल इतना था कि मणिपुर जैसी समस्याएं पहले भी आईं। मगर प्रधानमंत्रियों ने काम किया। उनसे निपटा। देश को सबसे उपर रखा। राजनीति को एकदम हटा दिया। तो समस्याएं खत्म हुईं। मणिपुर भी हो सकता है। मगर करना तो जैसा कहते है शहंशाहे वक्त को है! मतलब आज के शासक! प्रधानमंत्री को ही है। मणिपुर की कहानी क्या है? सबसे संक्षेप में यह...

  • बीरेन सिंह ने मोदी, शाह को चुनौती दी

    Brien Singh Manipur violence, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ताकत दिखाई है। उन्होंने भाजपा के दोनों शीर्ष नेताओं नरेंद्र मोदी और अमित शाह को चुनौती दी है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने या नया मुख्यमंत्री बनाने की चर्चाओं के बीच बीरेन सिंह ने विधायकों की बैठक बुला कर अपना शक्ति प्रदर्शन किया। एनडीए विधायकों की बैठक के बाद बीरेन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार मणिपुर से आफस्पा हटाए और कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करे। वे चाहते हैं कि कुकी उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चला कर उनका सफाया किया जाए। लेकिन इसका मकसद राजनीतिक है।...

  • मणिपुर की आवाज सुनें

    Manipur Violence: हालात ऐसे बने हैं कि खुद बीरेन सिंह सरकार ने केंद्र से अफस्पा वापस लेने का अनुरोध किया है। इस कानून को लेकर मणिपुर में विरोध का लंबा इतिहास है, जिस कारण इसका नाम ही वहां नकारात्मक प्रतिक्रिया पैदा करता है। also read: ‘हम’ उसी राह पर: सुप्रीम कोर्ट की सफाई…! मणिपुर हिंसा की चपेट में मणिपुर हिंसा की चपेट में है। इंफ़ाल घाटी में विधायकों और मंत्रियों के घरों पर हुए हमले इस बात की तस्दीक करते हैं कि फिलहाल राज्य में अराजकता जैसी हालत है। बेकाबू भीड़ पर कई जगहों पर पुलिस ने लाठी चलाई है या...

  • मणिपुर पर जल्दी कोई फैसला होगा

    Manipur violence, केंद्र सरकार और भाजपा नेतृत्व ने मणिपुर पर फैसला करने का मन बना लिया है। फैसला मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने का होगा। अब मामला सिर्फ टाइमिंग का है। माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व दो राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव में कोई भटकाव नहीं चाहता है इसलिए मामला टला हुआ है। लेकिन फैसले के लिए आधार बना कर तैयार कर दिया गया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव खत्म होने के बाद किसी भी समय फैसला हो सकता है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह...

  • मणिपुर में फिर भड़की बड़ी हिंसा

    इम्फाल। पिछले डेढ़ साल से जातीय हिंसा से ग्रस्त मणिपुर में एक बार फिर बड़ी हिंसा भड़क गई है। मैती समुदाय के लोगों ने राज्य के दो मंत्रियों और चार विधायकों के घरों पर हमला कर दिया है। प्रदर्शनकारी विधायकों के घरों में घुस गए। उन्होंने पुलिस के ऊपर पथराव किया और कई जगह आगजनी की। असल में शुक्रवार को मणिपुर के जिरीबाम इलाके में जिरी नदी में एक महिला और दो बच्चों के शव बहते हुए मिले थे। इसके बाद से राज्य के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, जो अब हिंसक हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने इम्फाल...

  • मणिपुर के छह इलाकों में फिर आफस्पा लागू

    नई दिल्ली। डेढ़ साल से ज्यादा समय से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में नए सिरे से हिंसा भड़कने के बाद केंद्र सरकार ने छह इलाकों में फिर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून यानी आफस्पा लागू करने का फैसला किया है। केंद्र ने मणिपुर के पांच जिलों के छह थानों में इसे फिर से लागू कर दिया है। यह 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा। गृह मंत्रालय ने गुरुवार को इसका आदेश जारी किया। मंत्रालय ने कहा कि इन इलाकों में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के चलते फैसला किया गया। आफस्पा लागू होने से सेना और अर्ध सैनिक बलों को कई...

  • मणिपुर में 10 उग्रवादी मारे गए

    इम्फाल। मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू होने के डेढ़ साल बाद भी शांति बहाली के सारे प्रयास विफल होते दिख रहे हैं। कुकी, मैती और नगा समूहों की दिल्ली में हुई शांति वार्ता और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने की चर्चा शुरू होने के बाद नए सिरे से हिंसा फैल गई है। सोमवार को कुकी उग्रवादी स्थानीय पुलिस स्टेशन और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ की चौकी पर हमला करने पहुंच गए। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने 10 संदिग्ध उग्रवादियों को मार गिराया। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का जवान भी घायल हुआ है, जिसका इलाज असम के...

  • कुकी, मैती, नागा विधायकों की बैठक

    नई दिल्ली। मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू होने के 16 महीने बाद शांति बहाली के लिए एक बड़ी ठोस पहल हुई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल पर मंगलवार, 15 अक्टूबर को दिल्ली में कुकी और मैती समुदाय के बीच पहली बार बातचीत हुई। इसमें नागा समुदाय के विधायक भी शामिल हुए। गृह मंत्रालय की बैठक में कुकी और मैती समुदाय के नेता और विधायक शामिल हुए, जिन्होंने शांति बहाली और हिंसा खत्म करने के उपायों पर चर्चा की। मंगलवार को हुई इस बैठक में मैती समुदाय की ओर से राज्य की विधानसभा के अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रता सिंह, टोंगब्राम रोबिंद्रो...

  • मणिपुर में सुलह के लिए बैठेंगे कुकी व मैती नेता

    नई दिल्ली। मणिपुर में 16 महीने से चल रही जातीय हिंसा थमने के आसार दिख रहे हैं। राज्य में नए सिरे से भड़की हिंसा के बीच 15 अक्टूबर को कुकी और मैती समुदाय पहली बार आमने सामने बैठ कर बातचीत करने जा रहे हैं। गृह मंत्रालय की तरफ से नई दिल्ली में इस बैठक का आयोजन किया गया है। इसमें दोनों समुदाय के नेता और विधायक शामिल होंगे ताकि शांति से हिंसा का समाधान निकाला जा सके। बैठक में मैती समुदाय के नेता थोंगम बिस्वजीत, स्पीकर थोकचोम सत्यब्रत, थोउनाओजम बसंतकुमार, खोंगबंतबाम इबोमचा, डॉ. सपाम रंजन, थोकचोम राधेश्याम और टोंगब्रम रॉबिंद्रो...

और लोड करें