नई दिल्ली। मणिपुर में 16 महीने से चल रही जातीय हिंसा थमने के आसार दिख रहे हैं। राज्य में नए सिरे से भड़की हिंसा के बीच 15 अक्टूबर को कुकी और मैती समुदाय पहली बार आमने सामने बैठ कर बातचीत करने जा रहे हैं। गृह मंत्रालय की तरफ से नई दिल्ली में इस बैठक का आयोजन किया गया है। इसमें दोनों समुदाय के नेता और विधायक शामिल होंगे ताकि शांति से हिंसा का समाधान निकाला जा सके।
बैठक में मैती समुदाय के नेता थोंगम बिस्वजीत, स्पीकर थोकचोम सत्यब्रत, थोउनाओजम बसंतकुमार, खोंगबंतबाम इबोमचा, डॉ. सपाम रंजन, थोकचोम राधेश्याम और टोंगब्रम रॉबिंद्रो शामिल होंगे। वहीं कुकी समुदाय के नेताओं में लेटपाओ हाओकिप, पाओलिएनलाल हाओकिप, हाओखोलेट किपगेन रहेंगे। इस चर्चा में नागा विधायकों और मंत्रियों में अवांगबो न्यूमई, एल दिखो और राम मुइवा भी मौजूद रहेंगे। अब तक दोनों समुदायों के बड़े नेता खास कर विधायक आदि एक दूसरे के साथ बैठक कर शांति वार्ता करने से बचते रहे थे।
गौरतलब है कि मणिपुर में तीन मई 2023 को जातीय हिंसा शुरू हुई थी। इसके 16 महीने बीत चुके हैं। इस दौरान 226 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 11 सौ से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 60 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में लोग शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। बहरहाल, दिल्ली में होने वाली बैठक से पहले अगस्त में मणिपुर के जिरीबाम में कुकी और मैती समूहों ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते में तय हुआ था कि जिरीबाम में दोनों पक्ष आगजनी और गोलीबारी की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा बलों का सहयोग करेंगे और स्थिति सामान्य करने की दिशा में काम करेंगे। हालांकि ऐसी कोई शांति बहाल नहीं हो पाई।