मणिपुर का क्या होगा?
मणिपुर में समस्या सिर्फ कानून-व्यवस्था की नहीं है। बल्कि ये सामाजिक स्तर पर चौड़ी होती गई खाई का परिणाम हैं। आरोप यह है कि सामुदायिक आधार पर अविश्वास की खाई को बढ़ाने में सत्ताधारी भाजपा के समर्थकों की भी भूमिका रही है। मणिपुर में हिंसा भड़के एक साल पूरा होने जा रहा है। पिछले वर्ष मई के पहले सप्ताह में वहां हिंसा की शुरुआत हुई थी। अब तक इस पर लगाम लगने को कोई संकेत नहीं है। बीते शनिवार को सीआरपीएफ के दो जवानों की हत्या कर दी गई। उसी मुठभेड़ के दौरान हुई फायरिंग में कुकी समुदाय की एक...