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राष्ट्रपति के भाषण से ज्यादा महत्वपूर्ण महाकुंभ से लापता लोग : अखिलेश यादव

Sonia Gandhi Controversial Remarks

Sonia Gandhi Controversial Remarks : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी की विवादित टिप्पणी पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण में अगर वह जानकारी भी आ जाती कि महाकुंभ में कितना खर्च हुआ है और भारत सरकार कितना मदद करेगी, तो यह अच्छा होता।

भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार कह रही है कि कुंभ का कारोबार दो लाख करोड़ रुपये का होगा। क्या कारोबार करने के लिए यह महाकुंभ लगा है।

अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति के भाषण से ज्यादा महत्वपूर्ण महाकुंभ से लापता हुए लोगों को बताते हुए कहा, “जो श्रद्धालु कुंभ से लापता हैं, उनके परिजन चिंतित हैं।

अपने परिवार के सदस्यों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिल रही है। ऐसे लापता लोगों की सूची जारी करना सरकार की जिम्मेदारी है। (Sonia Gandhi Controversial Remarks)

एक नंबर होना चाहिए, जहां लोगों को उनके लापता परिजनों की जानकारी मिलती रहे। परिजन अपडेट रहते, तो उन्हें संदेह नहीं होता। लेकिन, मैं देख रहा हूं कि अभी भी लोग सड़कों पर फंसे हुए हैं, तो इस अव्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार है। 

मैं लोकसभा के सेंट्रल हॉल में भी गया था, वहां महाकुंभ के बारे में विज्ञापन चलाया जा रहा था। इसका मतलब है कि सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भारत सरकार की भी है। जो लोग जिस श्रद्धा से कुंभ में आ रहे हैं, वह श्रद्धा भी उनकी पूरी होनी चाहिए।

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महाकुंभ को लेकर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने यूपी सरकार को महाकुंभ में फंसे लोगों के लिए राहत व्यवस्था संबंधित सुझाव दिए।

भोजन-पानी के लिए जगह-जगह दिन-रात ढाबे खोलने और भंडारों के आयोजन की अपील करने के लिए कहा। (Sonia Gandhi Controversial Remarks)

सपा नेता ने कहा, प्रदेश भर से मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ को स्वयं सेवी लोगों के दुपहिया वाहनों के माध्यम से दूरस्थ इलाकों में फंसे लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था हो।

महाकुंभ के आस-पास और प्रदेश भर में मीलों तक फंसे वाहनों को पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। 

दवा की दुकानों को दिन-रात खोलने की अनुमति दी जाए। लोगों को कपड़े और कंबल दिए जाएं। जहां हजारों करोड़ रुपये प्रचार पर और दुर्घटना की खबरें दबाने के लिए बहाए जा रहे हैं, वहां पीड़ितों के लिए कुछ करोड़ रुपये खर्च करने से सरकार पीछे क्यों हट रही है।

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