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दक्षिण में दिखाई जा रही है बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पाबंदी के बावजूद दक्षिण भारत के कई राज्यों में दिखाई जा रही है। हैदबाराद में इसका प्रदर्शन किया गया तो केरल में भी कई जगह इसकी स्क्रीनिंग हुई है। केरल में तो सरकार ने ही स्क्रीनिंग का ऐलान किया था, जिसका कांग्रेस ने भी साथ दिया। दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, जेएनयू में छात्र संघ की ओर से इसके प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है।

मंगलवार को केरल में सत्तारूढ़ सीपीएम से जुड़े संगठन डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी डीवाईएफआई ने इसके प्रदर्शन का ऐलान किया। उसके बाद राज्य में कई जगह इसकी स्क्रीनिंग हुई, जबकि केंद्र सरकार ने 21 जनवरी को ही इसे ब्लॉक करने का आदेश जारी किया था। केरल में स्क्रीनिंग से पहले हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों के एक समूह ने सोमवार को कैंपस के अंदर इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की।

स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन और मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन, जिसे फ्रेटरनिटी ग्रुप के नाम से जाना जाता है, उनकी और से हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की ओर से बनाई गई डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई। इन समूहों के 50 से अधिक छात्रों ने स्क्रीनिंग में भाग लिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, एबीवीपी के एक नेता ने बताया कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों के पास इसकी शिकायत भेजी गई है उनका कहना है कि इस समूह ने कैंपस परिसर के अंदर बिना अनुमति के स्क्रीनिंग का आयोजन किया।

दिल्ली में जेएनयू में छात्रसंघ ने अपने कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन की घोषणा वाला एक पोस्टर जारी किया था। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कार्यक्रम को रद्द करने या सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। गौरतलब है कि सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और यूट्यूब को ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नाम की डॉक्यूमेंट्री के लिंक ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। विदेश मंत्रालय ने इसे दुष्प्रचार का हिस्सा बताते हुए खारिज किया है।

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