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बिश्नोई, बवाना और अन्य गैंगस्टरों से जुड़े 70 ठिकानों पर एनआईए छापा, आतंक और ड्रग सिंडिकेट से जुड़े तार

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) (एनआईए NIA) मंगलवार को देश भर में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, नीरज बवाना और अन्य गैंगस्टरों (gangsters) से जुड़े 70 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। छापेमारी दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश में की जा रही है। छापेमारी मंगलवार तड़के शुरू हुई और अभी जारी है।

लॉरेंस बिश्नोई को एनआईए ने 24 नवंबर, 2022 को जनता में आतंक पैदा करने के लिए आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के सिंडिकेट द्वारा रची गई साजिश से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी तब हुई जब वह भटिंडा जेल में बंद था।

यह मामला भारत और विदेशों में स्थित आपराधिक सिंडिकेट के सदस्यों द्वारा धन जुटाने, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती करने, जघन्य अपराधों को अंजाम देने के लिए रची गई साजिश से संबंधित है, जिसमें देश के लोगों के मन में आतंक पैदा करने के इरादे से प्रमुख व्यक्तियों की लक्षित हत्याएं शामिल हैं।

यह मामला शुरू में 4 अगस्त, 2022 को दिल्ली के स्पेशल सेल में दर्ज किया गया था और बाद में मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली थी। हमें पता चला है कि बिश्नोई के नेतृत्व में आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर सिंडिकेट कई लक्षित हत्याओं और डॉक्टरों सहित व्यापारियों, पेशेवरों से जबरन वसूली में शामिल था।

एनआईए ने पहले कहा था कि इस तरह की सभी आपराधिक हरकतें स्थानीय घटनाएं नहीं थीं, बल्कि आतंकवादियों, गैंगस्टरों, ड्रग तस्करी के कार्टेल और नेटवर्क के बीच गहरी साजिश का हिस्सा थीं, जो देश के भीतर और बाहर दोनों जगह काम कर रही थीं।

एनआईए ने पाया कि ज्यादातर साजिशें बिश्नोई द्वारा जेल के अंदर से रची गई और उन्हें भारत और विदेशों में स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा अंजाम दिया गया। गौरतलब है कि गिरफ्तार किया गया गैंगस्टर एक दशक से अधिक समय से पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में लक्षित और सनसनीखेज हत्याओं को अंजाम देने की साजिश सहित कई मामलों में शामिल और वांछित है।

बिश्नोई अपने भाइयों सचिन और अनमोल बिश्नोई और सहयोगियों के साथ, जिनमें गोल्डी बराड़, काला जथेड़ी, काला राणा, बिक्रम बराड़ और संपत नेहरा भी शामिल थे, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी और व्यापक जबरन वसूली के माध्यम से ऐसी सभी आतंकवादी/ आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटा रहा था। (आईएएनएस)

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