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एआई से उथल-पुथल

एआई

फिलहाल यही कहा जा सकता है कि एआई से वैसी ही चिंताएं पैदा हुई हैं, जैसा हर नई तकनीक के साथ होता रहा है। अनुभव यही है कि मनुष्य आखिरकार तकनीक का इस्तेमाल करना और उसे नियंत्रित रखना भी सीख लेता है।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की दुनिया में हाल में हुई प्रगति उथल-पुथल मचा दी है। अभी अमेरिका में विकिसत हुए चैटजीपीटी के करिश्माई कार्यों से लोग एडजस्ट भी नहीं कर पाए हैं कि अमेरिकी कंपनी ने माइक्रोसॉफ्ट ने आगाह कर दिया है कि चीन में उसे टक्कर देने वाले ऐप आने वाले हैं। अमेरिका में सामने आईं चैटजीपीटी, स्टेबल डिफ्यूजन या आइवा जैसी एआई प्रणालियां लोगों के मनमुताबिक टेक्स्ट लिख डालते हैं, मनमुताबिक छवियां गढ़ देते हैं या संगीत की रचना कर लेते हैं। और ये सब काम चुटकियों में हो जाता है। काम इतना विस्तृत और मुकम्मल होता है कि लोग दांतों तले अंगलियां दबा लेते हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि एआई के आने के बाद वे रचनात्मक सेवाएं अब बड़े पैमाने पर तैयार की जा सकती हैं, जो पहले आला दर्जे के विशेषज्ञ ही मुहैया करा पाते थे। हाल में जर्मन क्रिएटिव इंडस्ट्री से जुड़े 15 संगठनों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विषय पर “एआई बट फेयर” नारे के तहत एक पॉलिसी पेपर प्रकाशित किया है। पर्चे में कहा गया है कि कॉपीराइट कानून को अविलंब मजबूत बनाने की जरूरत है, ताकि रचनाशील पेशेवरों को अपनी मेहनत का इनाम मिलता रह सके।

दरअसल, अल्गोरिद्म आधारित एआई सिस्टम मुनासिब प्रशिक्षण सामग्री के बिना टेक्स्ट, छवियां या संगीत नहीं तैयार कर सकते हैं। बहरहाल, इस बारे में अब कानून बनाने की मांग भी उठने लगी है। व्यवहारिक तौर पर कमोबेश सभी यही मानते हैं कि कानूनों के बगैर तो एआई के प्रभावों को नियंत्रित करना कठिन है। यूरोपीय आयोग की एक पहल की है, जिसमें स्वचालित निर्णय करने वाली प्रणालियों को रेगुलेट किया जाना है। यूरोपीय संघ के प्रस्ताव में उन हाई-रिस्क एप्लीकेशनों की सूची शामिल है, जिन्हें चालू करने से पहले मंजूरी की जरूरत होगी। उदाहरण के लिए, सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की शिनाख्त के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम का रियल-टाइम उपयोग कुछ अपवादों तक सीमित रखना होगा, मसलन आतंकवाद से लड़ाई के लिए। बहरहाल, फिलहाल यही कहा जा सकता है कि एआई से वैसी ही चिंताएं पैदा हुई हैं, जैसा हर नई तकनीक के साथ होता रहा है। अनुभव यही है कि मनुष्य आखिरकार तकनीक का इस्तेमाल करना और उसे नियंत्रित रखना भी सीख लेता है।

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